Pandit Pradeep Mishra : कुशीनगर रामाभार स्तूप के निकट कृषि विश्वविद्यालय की भूमि पर 14 फरवरी 2024 से 20 फरवरी 2024 तक सात दिवसीय शिव महापुराण की कथा पंडित प्रदीप जी मिश्रा के श्रीमुख से कही जा रही हैं. यह कथा श्रीनाथ जी मंदिर ट्रस्ट कसया के द्वारा कराई जा रही हैं जिसके आयोजक श्रीमती पूनम पांडेय है. प्रथम दिन की कथा की शुरुआत बारिश से हुई फिर भी लाखों श्रद्धालुओं का भगवान शिव के प्रति विश्वास और आस्था देखने को मिला. हो रही बारिश को देखते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा जी भी चुटकी लेते हुए बोले कि – प्रयागराज में दो दिवसीय शिव चर्चा में भी बारिश हो रही थी और यहां भी ऐसा लगता है कि शिव भक्तों ने बाबा को दो लोटा जल ज्यादा चढ़ाया है. कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी का बोलने का अंदाज हर किसी का दिल जीत लेता है खासकर उनका सभी महिलाओं को अपनी जीजी और पुरुषों को जीजा कहने का अंदाज तो सभी को भाता है.
प्रथम दिन की कथा में पंडित प्रदीप मिश्रा जी (Sehore wale baba) सबसे पहले सभी ईश्वर के प्रति अविरल भक्ति की ओर अग्रसर होने को बताया कि जैसे महात्मा गौतम बुद्ध जी ने उस परमात्मा की जोत से जोत मिलाने के लिए इंतजार किया वैसे ही शिव को इस शरीर से इस आत्मा से मिलाने के लिए थोड़ा प्रतीक्षा करके आगे बढ़ते हुए ईश्वर को पाना है.
कथा में अन्य शहर व राज्यों से भी कई भक्तजन पहुंचे. कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा जी (pradeep mishra ki katha) ने व्यास पीठ से कई पत्रों को पढ़ा जिसे भक्तजन लिखा करते हैं और अपने जीवन में हुए शिव महिमा का वर्णन करते हैं पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने कई भक्त जनों को व्यास पीठ पर भी बुलाया और उन्हें बेलपत्र देकर बाबा का आशीर्वाद भी दिया. तेज बारिश के बीच में शुरू हुई इस कथा में कुछ दिक्कतें जरूर आए परंतु अच्छी व्यवस्था और भक्तजनों का साथ कथा में किसी भी प्रकार के विभिन्न को आने नहीं दिए.
अपनी कथा को बढ़ाते हुए देशवासियों और कुशीनगर की जनता को बसंत पंचमी की शुभकामनाएं और बधाई देते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा जी बोले कि आप सभी के किसी पुण्य का प्रताप है कि आप सभी को बसंत पंचमी से शुरू हो रही कथा को सुन रहे हैं क्योंकि स्कंद पुराण के अनुसार बसंत पंचमी से कोई पुराण या कथा का आरंभ होता है और जो उसको श्रवण करता है जैसे बंसत के रंगों में पूरी सृष्टि उभरती वैसे ही शिव महापुराण कहती है अगर कोई बंसत पंचमी से कथा को सुनता है उसकी ज़िंदगी भी बंसत की तरह खुशियों से उभरती है.
पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने यह भी बताया कि यह उनकी पहली शिव महापुराण कथा है जो बसंत पंचमी के दिन शुरू हो रही है उन्होंने साथ में यह भी बताया कि कई कथाएं उन्होंने की है जिन में बसंत पंचमी का दिन कथा के बीच में पढ़ता था परंतु या खुशी नगर उत्तर प्रदेश की कथा पहली कथा है जिसकी शुरुआत बसंत पंचमी के दिन से हो रही है.
जो भक्त कुशीनगर उत्तर प्रदेश के पहले दिन की कथा का श्रवण नहीं कर सके, वह पंडित प्रदीप मिश्रा जी के यूट्यूब चैनल से भी उसे वीडियो को देखकर प्रथम दिन की कथा को सुन सकते हैं अथवा प्रत्येक दिन 01 बजे से शाम 04 बजे तक आस्था चैनल पर भी लाइव कथा को श्रवण कर सकते हैं. यदि आप कुशीनगर के आसपास रहते हैं और अगर आप वहां पहुंच सकते हैं तो अवश्य कथा पंडाल में पहुंचकर कथा सुनने का लाभ उठाएं. हमने अपने पिछले अंक में आपको बता रखा है कि खुशी नगर उत्तर प्रदेश में यह कथा कहां हो रही है साथ ही अगर आप किसी अन्य शहर या राज्य से कुशीनगर में शिव महापुराण की कथा स्थल पर पहुंचाना चाहते हैं तो आप वहां कैसे पहुंच सकते हैं.
पढ़े >> कुशीनगर में पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा शिव महापुराण कथा का समय व तिथि
FAQ – सामान्य प्रश्न
कुशीनगर में कथा स्थल कहां है
कुशीनगर रामाभार स्तूप के निकट कृषि विश्वविद्यालय की भूमि पर
कथा की तिथि कब से कब तक है
14 फरवरी 2024 से 20 फरवरी 2024
कुशीनगर में होनेवाली श्री शिव महापुराण के कथावाचक कौन है
सीहोर के पंडित प्रदीप मिश्रा
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.