Shani Aarti | हिंदू शास्त्रों में माना जाता है कि शनि देव सूर्य देव के सबसे बड़े पुत्र हैं. शनिदेव को कर्मफल दाता और न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है. शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है. शनि देव की पूजा का सही समय सूर्यास्त के बाद माना जाता है. हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार अच्छे कर्म करने वाले को शनि देव शुभ फल देते हैं. वहीं, बुरे कर्म करने वाले को दंड देते हैं. इसलिए उन्हें न्याय के देवता कहा जाता है. शनि देव की विशेष कृपा दृष्टि पाने के लिए शनिवार के दिन पूजा के समय शनि देव की आरती अवश्य करना चाहिए. आइए पढ़ते हैं शनि देव की आरती और आप इसे PDF के रूप में डाउनलोड (Free PDF Download) भी कर सकते हैं और अपने मोबाइल या लैपटॉप में रख सकते हैं और नियमित तौर पर इसे पढ़ सकते हैं लिंक नीचे दिया हुआ है वहां से आप उसे जरूर डाउनलोड कर ले.
शनि देव की आरती | Shani Dev Ki Aarti

शनि देव जी की आरती (Shani Dev Ki Aarti – PDF Download) हिंदी PDF डाउनलोड करें, नीचे लिंक दिया हुआ है.
Shani Dev Ki Aarti Lyrics in Hindi
।। शनि देव जी की आरती ।।
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनि देव।
श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनि देव।
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनि देव।
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनि देव।
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।
जय जय श्री शनि देव।
PDF Name | Shani Dev Aarti |
No. of Pages | 03 |
Page Content | शनि देव जी की आरती |
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