Pola Festival 2024 | आज हो उसकी सार्थक पहचान उसकी संस्कृति से होती है इसमें छत्तीसगढ़ देश का एक ऐसा राज्य है जो की पूरी तरह कृषि प्रधान राज है और इस राज्य के निवासी पूरे साल भर खेती काम में लगे रहते हैं धान की खेती इस राज्य की प्रमुख फसल है इसी कारण से छत्तीसगढ़ को “धान का कटोरा” कहा जाता है. छत्तीसगढ़ में बहुत सारे पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं इन सारे पर्व त्यौहार में एक खास और महत्वपूर्ण त्यौहार होता है पोला और यह त्यौहार खेती किसानी से जुड़ा त्यौहार होता है इसके साथ ही इस पर्व को पोरा त्यौहार भी कहा जाता है.पोला त्यौहार मानने के पीछे ऐसी मान्यता है कि इसी दिन अन्नमाता गर्भधारण करती है धान के पौधों में इस दिन दूध भरा जाता है लेकिन इस दिन लोगों को खेत जाने की मनाही होती है.
भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि को मनाए जाने वाला यह पर्व खरीफ फसल के द्वितीय चरण का काम यानी कि निंदाई और गुड़ाई पूरा होने पर मनाते हैं. किसान अपनी फसलों के बढ़ने की खुशी और बैलों की पूजा करके उनके प्रति अपनी सद्भावना को बताने के लिए इस पोला पर्व को मनाते हैं.
Pola Festival 2024 | आइए जानते हैं 2024 में पोला पर्व कब है :
पोला पर्व भाद्रपद माह की अमावस्या को मनाई जाती है और भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत होगी 02 सितंबर 2024 दिन सोमवार की सुबह 05 बजकर 21 मिनट से लेकर 03 सितंबर 2024 दिन मंगलवार की सुबह 07 बजकर 24 मिनट तक. छत्तीसगढ़ में पोला पर्व 02 सितंबर 2024 दिन सोमवार को धूमधाम से मनाई जाएगी.
How is Pola festival celebrated | आइए जानते हैं पोला पर्व कैसे मनाई जाती हैं :
छत्तीसगढ़ में पोला पर्व प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है और आज भी इस पर्व को बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती हैं. पोला पर्व की शुरुआत पूर्व रात्रि से होती है यानी कि पोला पर्व सोमवार को हो तो रविवार की रात्रि को ही गर्भ पूजन किया जाता है. मान्यता है कि इसी दिन अन्न माता गर्भ धारण करती हैं अर्थात धान के पौधों में दूध भरता है. रात्रि में जब गांव में सभी सो जाते हैं तब गांव का पुजारी बैगा, मुखिया और कुछ पुरूष सहयोगियों को साथ लेकर गांव और गांव के बाहर में प्रतिष्ठित सभी देवी देवताओं के नजदीक जाकर विशेष पूजा अर्चना करते हैं और यह पूजन पूरी रात को होती हैं. इस रात्रि के पूजन का प्रसाद उसी स्थान पर ही ग्रहण किया जाता हैं घर ले जाने की मनाही होती हैं. इस पूजा में वह व्यक्ति शामिल नही हो सकता जिसकी पत्नी गर्भवती हो इसके अलावा इस पूजन में जाने वाले व्यक्ति जूते चप्पल पहनकर नहीं जा सकते चुकी यह पूजन रात्रि में होती हैं इसीलिए दूसरे दिन यानि कि पोला पर्व के दिन खेतों में जाने की मनाही होती हैं.
पोला पर्व के दिन घरकी महिलाएं छत्तीसगढ़ी पकवान बनाती है जैसे कि गुडहा, चीला, अनरसा सोहरी, चौसला, ठेठरी, खुरमी, बरा, मुरकु, भजिया, तसमई आदि. किसान अपनी गौमाता और बैलों को नहलाते और उनके सींग और खुर में पॉलिश लगाकर सजाते हैं गले में घुंघरू घंटी या फिर कौड़ी से बने आभूषण पहनाकर पूजा करके उनकी आरती उतारते हैं. घर के पुरुष बच्चों के लिए मिट्टी के बने खिलौने जिसमें लड़के के लिए मिट्टी के बैल और लड़कियों के लिए रसोईघर व गृहस्थी में उपयोग होने वाले बर्तन के खिलौने लाकर पहले इन सभी की पूजा की जाती है और इसके बाद मिट्टी के बने बैल के पैरों में छक्के लगाकर सुसज्जित करके बेटों को खेती के कार्य समझने का प्रयास किया जाता है तो वहीं बेटियों को रसोई घर में उपयोग में आने वाली छोटे-छोटे मिट्टी के बर्तन पूजा करके खेलने के लिए दिया जाता है जिससे की बेटियां रसोईघर व गृहस्थी की संस्कृति और परंपरा को समझ सके. पूजा के बाद भोजन के समय अपने रिश्तेदारों और करीबियों को सम्मान के साथ आमंत्रित करके एक दूसरे के घर जाकर भोजन करते हैं.
इसके अलावा पोला पर्व के दिन छत्तीसगढ़ में गेड़ी का जुलूस निकलता है. गेड़ी बांस से बनाया जाता है जिसमें एक लंबा बांस में नीचे 1 से 2 फीट ऊपर आड़ा करके छोटा बांस लगाकर उस पर बैलेंस करके खड़े होकर चला जाता हैं. गेड़ी कई साइज से बनती है यह एक प्रकार का खेल है जिसमें बच्चे व बड़े सभी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं.
Importance of Pola Festival | आइए जानते हैं पोला पर्व के महत्व को :
पोला पर्व कृषि में सबसे ज्यादा योगदान देने वाले जानवर जैसे की बैल को सम्मान देने और उनकी पूजा करने के लिए मनाई जाती है. अपनी खेती में मदद मिलने के कारण से किसान बैलों और बाकी पशुओं को अपनी तरक्की का कारण व समृद्धि का प्रतीक और अपने घर का सदस्य मानकर माता लक्ष्मी का दर्जा देकर उनकी पूजा किया करते हैं. पोला का पर्व हर इंसान को जानवरों का सम्मान करना सीखता है जैसे-जैसे पोला पर्व आने वाला रहता है मेहनती किसान एक दूसरे को पोला पर्व की शुभकामनाएं देते हैं.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) पोला पर्व किस राज्य का लोक पर्व है ?
छत्तीसगढ़.
2) पोला पर्व कब मनाया जाता है ?
भाद्रपद माह की अमावस्या.
3) साल 2024 में पोला पर्व कब मनाया जाएगा ?
02 सितंबर 2024 दिन सोमवार.
4) पोला पर्व में किसकी पूजा होती हैं ?
बैलों की.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.