Ram Darbar | राम दरबार में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमानजी की मूर्ति शामिल होती हैं. धार्मिक मान्यता है कि जिस घर में श्रीराम की पूजा होती है उस घर में अनैतिकता, अधर्म और अन्याय का कोई जगह नहीं होती हैं तो वहीं घर के अंदर राम दरबार की पूजा करने से घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार राम दरबार को रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने के साथ घर से गृह क्लेश दूर होने के अलावा उन्नति के राह भी खुलते हैं लेकिन घर में राम दरबार को रखने से लाभ तभी मिल सकता जब इनसे जुड़े नियमों का ध्यान रखा जाएं.आइए विस्तार से जानते हैं इनको रखने के वास्तु शास्त्र के नियमों और इनके महत्व को.
वास्तु के अनुसार घर में राम दरबार की मूर्ति कैसी होनी चाहिए :
वास्तु शास्त्र के अनुसार राम दरबार की मूर्ति आकार में कम से कम तीन (3) फीट की होने साथ इनकी मूर्ति पीतल, तांबे या फिर चांदी की होनी चाहिये वैसे तो राम दरबार की मूर्ति पत्थर की भी हो सकती लेकिन पत्थर की मूर्ति खंडित होने का भय रहता है और राम दरबार की मूर्ति से अगर किसी एक भी देवी – देवता की मूर्ति खंडित हो जाएं तो ऐसी मूर्ति को घर में नहीं रखना चाहिए क्योंकि इससे नकारात्मकता बढ़ने की आंशका रहती हैं.
घर की किस दिशा में राम दरबार की मूर्ति को स्थापित करना चाहिए :
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में राम दरबार की मूर्ति को उत्तर दिशा में स्थापित करना सबसे उत्तम माना जाता है इसके अलावा घर की पूर्व या फिर पश्चिम दिशा में भी राम दरबार की मूर्ति को स्थापित किया जा सकता है लेकिन दक्षिण दिशा में भूलकर भी मूर्ति को स्थापित नहीं करना चाहिए क्योंकि यह दिशा अशुभ होने के साथ इस दिशा में मूर्ति को स्थापित करने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है.
घर में राम दरबार को रखने के फायदे :
वास्तु शास्त्र के अनुसार राम दरबार अर्थात श्री राम, सीता माता, लक्ष्मण जी और हनुमानजी की मूर्ति को एक साथ होना और वास्तु के अनुसार यह केवल एक मूर्ति नहीं बल्कि एक ऊर्जा का स्त्रोत होता है और राम दरबार की मूर्ति होती है वहां शांति और सकारात्मकता का भी वास होता है. माना जाता है कि नियमित रूप से राम दरबार की पूजा अर्चना करने और रोजाना दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने के साथ यह घर में प्रेम और एकता को भी बढ़ाता है इसके अलावा यह भी धार्मिक मान्यता है कि राम दरबार की पूजा करने से मोक्ष के रास्ते खुलते हैं.
राम दरबार के महत्व :
राम दरबार का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है. श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमानजी की मूर्ति का एक साथ होना आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों का प्रतीक होता है तो वहीं राम दरबार एक आदर्श परिवार का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें हर सदस्य मानवता के गुणों का प्रतीक माना जाता है जैसे कि भगवान श्रीराम धर्म और न्याय के, सीता माता पवित्रता और भक्ति की, लक्ष्मण निष्ठा और कर्त्तव्य के और हनुमानजी निस्वार्थ सेवा और विश्वास के प्रतीक होते हैं. कहा जाता हैं कि घर में राम दरबार को पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने के साथ ही घर के सदस्यों में स्नेह और एकता बनी रहती हैं. धार्मिक मान्यता है कि राम दरबार की रोजाना पूजा करने से कुंडली में मौजूद ग्रह दोष दूर होने के साथ साधक को मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती हैं.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) राम दरबार में किनकी मूर्ति एक साथ होती हैं ?
श्रीराम, सीता माता ,लक्ष्मण और हनुमानजी.
2) घर की किस दिशा में राम दरबार को स्थापित करना चाहिए ?
उत्तर दिशा
3) राम दरबार की मूर्ति का आकार कितनी होनी चाहिए ?
तीन (3) फीट.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.