Vidur Neeti | महाभारत जिसे हिंदू धर्म का पांचवां वेद माना जाता है. महाभारत के सारे पात्रों की अपनी एक अलग पहचान थी इन्हीं पात्रों में एक थे जिनकी बुद्धिमानी और ज्ञान को आज भी सम्मान दिया जाता हैं और वो है महात्मा विदूर. विदुर धृतराष्ट्र और पांडव के सौतेले भाई व एक दासी पुत्र थे जिनको संपूर्ण वेदों और शास्त्रों का ज्ञान था. माना जाता है कि विदुर और महाराज धृतराष्ट्र के बीच वार्तालाप को विदुर नीति के रूप में जानी जाती हैं. विदुर नीति के अनुसार महात्मा विदुर ने उन लोगों के बारे में जिक्र किया है जिनसे भूलकर भी सलाह नहीं लेनी चाहिए क्योंकि इन लोगों की सलाह जीवन को बर्बाद कर सकने के अलावा इनकी सलाह मुसीबत में डालने के साथ काम भी बिगड़ सकते हैं.
Vidur Neeti | विदुर नीति के अनुसार किन लोगों से सलाह नहीं लेना चाहिए :
1) ज्ञान और अनुभव की कमी वाले व्यक्ति :
विदुर नीति के अनुसार भूलकर भी ऐसे व्यक्ति से सलाह नहीं लेनी चाहिए जिनके पास ज्ञान और अनुभव की कमी हो क्योंकि इन लोगों को किसी विषय का ना तो पूरा ज्ञान ही होता हैं और ना ही किसी तरह का कोई अनुभव ही होता है, यह कभी भी कोई सही सलाह नहीं दे पाते हैं तो ऐसे में इन लोगों से सलाह लेने से मुसीबत में फंसने के साथ ही जीवन में तरक्की में भी रुक सकती हैं.
2) चापलूसी करने वाले व्यक्ति :
विदुर नीति के अनुसार अगर जीवन में तरक्की करनी है चापलूसी करने वाले व्यक्ति से भूलकर भी सलाह नही लेनी चाहिए क्योंकि ऐसे लोग अपने फायदे के लिए गलत बातों में हाँ में हाँ मिलाते हैं जिसका बाद में नुकसान हो जाता हैं. विदुर जी कहते हैं सलाह उन लोगों से लेना चाहिए जो कि सामने वाले कि भलाई के लिए कटु सत्य बोलने की भी हिम्मत रखते हैं इसलिए विदुर नीति के अनुसार जो व्यक्ति चापलूसी करते हैं उनसे भूलकर भी कोई सलाह नही लेनी चाहिए.
3) तुरंत निर्णय लेने वाले व्यक्ति :
विदुर नीति के अनुसार जो व्यक्ति बहुत जल्दबाजी में कोई भी कार्य करते हैं या फिर तुरंत निर्णय लेते हैं, कभी – कभी इन लोगों का सलाह आने वाले समय में बहुत ही नुकसानदायक साबित हो सकता है तुरंत निर्णय लेने वाले व्यक्ति की सलाह मनाने पर हो सकता है बाद में पछताना पड़े इसलिए ऐसे लोगों से भूलकर भी कभी सलाह नहीं लेनी चाहिए.
4) ज्यादा सोचने वाले (दीर्घसूत्री ) व्यक्ति :
विदुर नीति के अनुसार ऐसे व्यक्ति जो हर बात को समझेगा तो सही लेकिन उस पर इतना विचार करेगा कि उसमें सकारात्मक सोच से अधिक नकारात्मक सोच आने लगती हैं और ऐसे व्यक्ति से सलाह लेकर दुविधा में फंस सकते हैं इसलिए ज्यादा सोचने वाले दीर्घसूत्री व्यक्ति से भी सलाह नहीं लेनी चाहिए.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) हिंदू धर्म का पांचवां ग्रँथ किससे कहा जाता हैं ?
महाभारत.
2) विदुर कौन थे ?
धृतराष्ट्र और पांडव के सौतेले भाई.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.