Vidur Neeti | महात्मा विदुर महाभारत के ऐसे अहम पात्र थे जो कि आज भी अपनी तेज बुद्धि के कारण से इनको याद किया जाता हैं. महात्मा विदुर धृतराष्ट्र और पांडव के सौतेले भाई और एक दासी पुत्र थे माना जाता है कि इनको संपूर्ण वेदों और शास्त्रों का ज्ञान था और इन्हीं सभी ज्ञानों का संग्रह विदुर नीति के नाम से जानी जाती हैं और इसी विदुर नीति के अनुसार मनुष्य को जीवन में आगे बढ़ने के लिए नकारात्मकता को त्यागकर सकारात्मक सोच को लेकर चलना चाहिए. विदुर नीति में जीवन से जुड़ी कई सारी बातों के बारे में बताया गया है इसके अलावा इसमें ऐसे लोगों के बारे में बताया गया है जो अपनी कुछ ऐसी आदतों के कारण से जीवन भर दुखी रहते हैं.
विदुर नीति के अनुसार मनुष्य कि वे आदतें जो उनके जीवन में दुख का कारण बनती हैं :
1) नफरत करने वाला मनुष्य :
महात्मा विदुर कहती है कि नफरत या घृणा एक ऐसी भावना होती हैं जो मनुष्य को भीतर से खाली कर दिया करती हैं और जीवन के अंत में नफरत करने वाले मनुष्य के पास नकारात्मकता और अकेलेपन के अलावा कुछ नहीं बचता हैं, यहां तक कि दूसरों से नफरत करने वाला मनुष्य के रिश्ते नाते और संगे संबंधियों से भी दूरी आने लगती हैं.
2) दूसरों पर निर्भर रहने वाला मनुष्य :
मेहनत करके ही सफलता प्राप्त किया जा सकता है लेकिन जो मनुष्य मेहनत को छोड़कर दूसरों पर निर्भर रहता है ऐसे मनुष्य के बारे में महात्मा विदुर कहते हैं कि दूसरों पर निर्भर रहने वाले मनुष्य की कोई इज्जत नहीं रहती और वह सदैव दुखी ही रहता है.
3) असंतोष करने वाला मनुष्य :
विदुर नीति कहती है कि जीवन में अगर खुशहाली का जीवन जीना है तो जो भी पास में है उसी वस्तु से ही संतोष करना चाहिए क्योंकि जिस मनुष्य में असंतोष की भावना रहती हैं वह सदैव दुखी रहता है यहां तक कि इस तरह के मनुष्यों के पास सुख के साधन होने के बावजूद भी यह कभी खुश नहीं रहते है.
4) क्रोध और शंका में रहने वाला मनुष्य :
महात्मा विदुर कहते हैं कि जो मनुष्य क्रोधी स्वभाव का होता है उसके जीवन में दुख हमेशा बना रहता है इसके अलावा क्रोध मनुष्य के रिश्तों को भी बिगड़ देता हैं इसके साथ ही विदुर नीति यह भी कहती है कि जो मनुष्य बात – बात पर शंका करता हैं और शंका में ही जीवन व्यतीत करता है उसका भी जीवन दुख में बीतता है.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) विदुर नीति किनके द्वारा बोला गया संवाद हैं ?
महात्मा विदुर.
2) महात्मा विदुर कौन थे ?
धृतराष्ट्र और पांडव के सौतेले भाई.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.