Geeta Updesh | श्रीमद्भगवद्गीता के अनुसार मनुष्य का भाग्य कोई चमत्कार नहीं होता बल्कि यह उसके कर्मों का फल होता हैं. अगर व्यक्ति सही दिशा में बिना किसी फल के उम्मीद किए मेहनत और कर्म किया करते हैं तो सफलता अपनी राह खुद बना लेती हैं और व्यक्ति अपनी किस्मत खुद लिखना चाहते हैं तो गीता के कुछ विशेष उपदेशों से अवश्य सीखना चाहिए क्योंकि गीता के इन उपदेशों की सीख मनुष्यों को बताते हैं कि सही कर्मों से वह अपनी जीवन की दिशा को बदला सकते हैं.
गीता उपदेश जो सीखते हैं कि सही कर्मों से जीवन की दिशा कैसे बदला जा सकता है :
1) मन को काबू रखना चाहिए :
गीता में कहा गया है कि जो मनुष्य अपने मन पर काबू कर लेता है वहीं सच्चा योगी होता. मन को शांत रखकर किया गया कर्म और कार्य ही सबसे असरदार होता है क्योंकि जब मन भटकता है तो कोई भी कार्य सही तरीके से नहीं हो सकता इसलिए व्यक्ति को मन को काबू रखकर जीवन के हर फैसले सही तरीके से लेना चाहिए.
2) सफलता और असफलता में एक समान रहना चाहिए :
गीता के अनुसार मनुष्य को हर स्थिति – परिस्थिति में शांत और संतुलित रहना चाहिए, चाहे सफलता मिले या फिर असफलता मन को स्थिर रखना सबसे आवश्यक होता है क्योंकि ऐसा करने से व्यक्ति कभी भी समस्याओं से नहीं घबराता है यही मानसिक संतुलन मनुष्य के भाग्य को मजबूती प्रदान करता हैं.
3) आत्मा अमर है, यह याद रखना चाहिए :
गीता के अनुसार आत्मा न तो कभी मरती है और न ही कभी जन्म ही लेती हैं और यही मूलमंत्र मनुष्यों को डर और दुःख से मुक्त करता हैं और ऐसे में व्यक्ति मृत्यु या नुकसान के डर को हटा दें तो पूरे हिम्मत से कर्म कर सकता हैं और यही हिम्मत जीवन में बड़ी सफलता को लाता है.
4) धर्म और कर्तव्य का पालन करना चाहिए :
गीता में बताया गया है कि हर मनुष्य का एक निश्चित कर्त्तव्य होता हैं जिसको निभाना उसका परम धर्म है. कभी भी व्यक्ति को दूसरे की नकल नहीं करनी चाहिए बल्कि अपने राह पर चलते रहना चाहिए क्योंकि जब व्यक्ति अपने कर्तव्य को पूरी निष्ठा से निभाता है तो जीवन में स्थिरता और सफलता आती और यही व्यक्ति के कर्मों को मजबूत बनाता हैं.
5) फल की चिंता ना करके कर्म करना चाहिए :
श्रीमद्भगवद्गीता में सबसे महत्वपूर्ण और सबसे बड़ी शिक्षा यही कही गई है कि मनुष्य को अपना कर्म पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए क्योंकि फल के बारे में सोचने से मन में डर और लालच जन्म होता हैं और व्यक्ति जब बिना किसी फल और उम्मीद के मेहनत करता है तो सफलता अवश्य मिलती हैं और यही सोच मनुष्य के भाग्य को बदल सकता हैं.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) श्रीमद्भगवद्गीता में किसने उपदेश दिया है ?
भगवान श्रीकृष्ण.
2) भगवान श्रीकृष्ण ने किसको उपदेश दिया है ?
पांडव पुत्र अर्जुन.
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