Hartalika Teej 2025 | हिंदू धर्म में हर व्रत और त्यौहार का अपना एक खास महत्व होता है और इसमें हरतालिका तीज सुहागन महिलाएं और कुंवारी कन्याओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मानी गई है जो कि हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है और इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की विधिवत पूजा की जाती है. इस व्रत को बहुत कठिन माना जाता हैं क्योंकि इस व्रत को निर्जला रखा जाता हैं. हरतालिका तीज सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखती है तो वहीं कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर की कामना के लिए व्रत रखती है ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आने के साथ ही पति पत्नी के बीच सदैव प्रेम बना रहता है.
साल 2025 में हरतालिका तीज कब मनाई जाएगी :
हिंदू पंचाग के अनुसार हरतालिका तीज हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है और साल 2025 में भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत होगी 25 अगस्त 2025 दिन सोमवार की दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से लेकर 26 अगस्त 2025 दिन मंगलवार की दोपहर 01 बजकर 54 मिनट तक.
सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है इसीलिए 26 अगस्त 2025 दिन मंगलवार को हरतालिका तीज मनाई जाएगी.
हरतालिका तीज 2025 पूजन का शुभ मुहूर्त :
इस साल हरतालिका तीज की पूजा का शुभ मुहूर्त भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 26 अगस्त 2025 दिन मंगलवार की सुबह 05 बजकर 56 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 31 मिनट तक रहेगी (कुल अवधि 2 घण्टा 35 मिनट).
हरतालिका तीज की पूजा विधि :
1) हरतालिका तीज के दिन सुबह उठकर स्नानादि के बाद स्वच्छ वस्त्र पहने हो सके तो सामर्थनुसार नए वस्त्र को धारण करें.
2) शुभ मुहूर्त के समय हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लेने के बाद पूजा शुरू करें.
3) हरतालिका तीज में भगवान गणेश, भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है.
4) भगवान गणेश, भगवान शंकर और माता पार्वती की मिट्टी से मूर्ति बनाकर एक चौकी पर स्थापित करें चौकी पर इन मूर्तियों को विराजित करने से पहले लाल कपड़े का आसन बिछा दें.
5) सबसे पहले भगवान गणेश जी को तिलक करें और पुष्प, दूर्वा और फल को अर्पित करें.
6) इसके बाद माता पार्वती को अक्षत, चुनरी, फुल, फल अर्पित करें और धूप दीपक जलाएं और इसके बाद भगवान शंकर को सफेद चंदन, बिल्वपत्र, भांग, धतूरा और सफेद पुष्प अर्पित करें.
7) भगवान शंकर की पूजा करते समय ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें तो वही माता पार्वती की पूजा करते समय ॐ उमायै नमः मंत्र का जाप करें.
8) अब भगवान गणेश, भगवान शंकर और माता पार्वती को भोग लगाएं.
9) तीनों देवताओं को भोग लगाने के बाद हरतालिका तीज व्रत कथा को पढ़े या फिर सुने.
10) इसके बाद श्री गणेश की आरती करें और फिर भगवान शंकर और माता पार्वती की आरती उतारे इसके बाद कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना करें तो वहीं सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना करें.
हरतालिका तीज के महत्व :
हरतालिका तीज “हरत” और “आलिका” शब्द से मिलकर बना है. यहां पर हरत का अर्थ हरण और आलिका का अर्थ सहेली. हरतालिका तीज की कथा के अनुसार माता पार्वती की सहेलियां उनका अपहरण करके जंगल में ले जाकर एक गुफा में छिपा दिया था ताकि उनके इच्छा के विरुद्ध उनके पिता हिमालय राज उनका विवाह भगवान विष्णु से ना कर दें. मान्यता है की पार्वती जी उसे जंगल की गुफा में रहकर हरतालिका तीज का निर्जला व्रत रखा रात्रि जागरण करके भगवान शंकर की भक्ति में लीन रहकर तपस्या किया जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें शंकर जी पति के रूप में मिले इसलिए सुहागनें इस दिन पति की लंबी उम्र के लिए बिना जल, अन्न के व्रत करती हैं तो वही कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर के लिए भी इस व्रत को करती है.
हरतालिका तीज व्रत के नियम :
1) हरतालिका तीज व्रत के दौरान अन्न व जल को ग्रहण नहीं करना चाहिए.
2) हरतालिका तीज व्रत को एक बार करने के बाद इसे छोड़ा नहीं जाता है इसलिए इस व्रत को सोच समझकर करना चाहिए.
3) अगर घर में सूतक लगा हो और पूजा नहीं कर पाए हो तो भी व्रत करें और दूर बैठकर हरतालिका व्रत कथा सुननी चाहिए.
4) हरतालिका तीज पर रात्रि में जागरण करके भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा आराधना करनी चाहिए.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) हिंदू पंचाग के अनुसार हरतालिका तीज कब मनाया जाता हैं ?
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को.
2) हरतालिका तीज में किस भगवान की पूजा होती हैं ?
भगवान गणेश, भगवान शिव और माता पार्वती.
3) साल 2025 में हरतालिका तीज कब मनाया जाएगा ?
26 अगस्त 2025 दिन मंगलवार.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.