Somvati Amavasya 2024 | धार्मिक मान्यतानुसार सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या सोमवती अमावस्या कहलाती हैं यह तिथि दो शक्तिशाली उर्जाओं अमावस्या और सोमवार के शासक ग्रह चंद्रमा के योग को दर्शाती हैं. सोमवार के दिन पड़ने के कारण इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पूजा किया जाता हैं जिससे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती हैं. माना जाता है कि अमावस्या को पूजा पाठ, पितरों का तर्पण, स्नान दान और पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए विशेष महत्व होता हैं. सोमवती अमावस्या व्रत आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाता है इसी वजह से सूर्योदय से सूर्यास्त तक व्रत का पालन को करना आवश्यक होता हैं.
Somvati Amavasya 2024 date and time| साल 2024 में कितनी सोमवती अमावस्या पड़ेगी और क्या है शुभ मुहूर्त :
List of Somvati Amavasya 2024 date | इस साल 2024 में कुल तेरह (13) अमावस्या पड़ेगी जिनमें से तीन (3) अमावस्या सोमवार के दिन पड़ेगी इस प्रकार से इस साल तीन सोमवती अमावस्या होगी :
1) पहली सोमवती अमावस्या :
साल 2024 की पहली सोमवती अमावस्या 08 अप्रैल दिन सोमवार को पड़ेगी और इसी दिन चैत्र अमावस्या भी होगी.
शुभ मुहूर्त : हिन्दू पंचाग के अनुसार साल की पहली सोमवती अमावस्या तिथि की शुरुआत होगी 08 अप्रैल सोमवार की सुबह 03 बजकर 21 मिनट पर और समापन होगी उसी दिन यानि कि 08 अप्रैल की रात्रि के 11बजकर 50 मिनट पर.
2) दूसरी सोमवती अमावस्या :
साल 2024 की दूसरी सोमवती अमावस्या 02 सितंबर दिन सोमवार को पड़ेगी और इसी दिन भाद्रपद अमावस्या होगी.
शुभ मुहूर्त : हिन्दू पंचाग के अनुसार दूसरी सोमवती अमावस्या तिथि की शुरुआत होगी 02 सितंबर दिन सोमवार की सुबह 05 बजकर 21 मिनट से लेकर 03 सितंबर दिन मंगलवार की सुबह 07 बजकर 24 मिनट तक.
3) तीसरी सोमवती अमावस्या :
साल 2024 की तीसरी और अंतिम सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर दिन सोमवार को पड़ेगी और इस दिन पौष अमावस्या होगी.
शुभ मुहूर्त : हिन्दू पंचाग के अनुसार तीसरी सोमवती अमावस्या तिथि की शुरुआत होगी 30 दिसंबर की सुबह 04 बजकर 01 मिनट से लेकर 31दिसंबर की सुबह 03 बजकर 56 मिनट तक.
Somvati Amavasya Puja Vidhi |आइए जानते हैं सोमवती अमावस्या की पूजा विधि को :
1) सोमवती अमावस्या के दिन सुबह उठकर स्नानादि करके स्वच्छ और पारंपरिक वस्त्र को धारण करें.
2) एक पवित्र स्थान को तैयार करें और इसे फूलों और धूप से सजा लें.
3) भगवान शिव और माता पार्वती की एक छोटी मूर्ति या तस्वीर को पवित्र स्थान पर रखें.
4) अब भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा और पुष्प अर्पित करें और उनके समक्ष तेल का दीपक और धूप को जलाएं और उनसे प्रार्थना करें.
5) सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के बाद चन्द्रमा को समर्पित मंत्रों का जाप करें मान्यता है कि ऐसा करने से चन्द्रमा मजबूत होता है.
6) इसके बाद पीपल के वृक्ष के चारों ओर 108 बार परिक्रमा करें.
7) सामर्थ्य के अनुसार किसी जरूरतमंद को भोजन कपड़े या फिर धन का दान करें.
Somvati Amavasya ka Mahatv |सोमवती अमावस्या का महत्व :
धार्मिक मान्यतानुसार सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व होता है कहा जाता हैं कि ऐसा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती हैं. इस दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से सौभाग्य की प्राप्ति होने के साथ सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से पितृ दोष दूर होने के साथ ही पितरों को मोक्ष मिलने के साथ ही उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती हैं.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
सोमवती अमावस्या किस दिन पड़ती हैं ?
सोमवार.
साल 2024 में कुल कितनी सोमवती अमावस्या पड़ेगी ?
तीन
सोमवती अमावस्या के दिन किस भगवान की पूजा की जाती हैं ?
भगवान शिव और माता पार्वती
सोमवती अमावस्या के दिन किस वृक्ष की परिक्रमा किया जाता हैं ?
पीपल वृक्ष.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.