Maal Jaap Ke Niyam | हिंदू धर्म में पूजा और मंत्रों का जाप को बहुत महत्वपूर्ण और आवश्यक माना गया है और जातक देवी – देवता को प्रसन्न करने के लिए मंत्रों का जाप किया करते हैं. धार्मिक मान्यता है कि मंत्रों के जाप करने से देवी देवता की कृपा और आशीर्वाद को आसानी से प्राप्त किया जाता है क्योंकि मंत्रों में इतनी शक्ति होती हैं कि केवल उच्चारण मात्र से दुःख, दरिद्रता दूर होने के साथ वातावरण भी सकारात्मक हो जाती हैं. अलग – अलग देवी – देवता के लिए अलग – अलग मंत्र होते हैं तो वहीं इन मंत्रों को जाप करते समय अलग – अलग तरह की मालाओं का उपयोग किया जाता हैं जिससे कि इन मालाओं का विशेष असर भी पड़े.
जानिए माला जाप के नियम के किन मालाओं से किस देवी – देवता का जाप करना चाहिए :
1) रुद्राक्ष की माला :
रुद्राक्ष को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है और रुद्राक्ष की माला का प्रयोग सबसे ज्यादा मंत्रों के जाप में किया जाता हैं. रुद्राक्ष की माला से किया गया मंत्र जाप कभी भी निष्फल नहीं होता हैं मान्यता है कि रुद्राक्ष की माला को धारण करने और मंत्र जाप करने से मनुष्य में साहस, बल और ऊर्जा में वृद्धि होती हैं. देवों के देव महादेव को रुद्राक्ष अति प्रिय हैं इसलिए महामृत्युंजय के साथ साथ भगवान शिव के सारे मंत्रों का जाप रुद्राक्ष की माला से करने चाहिए क्योंकि माना जाता है कि महामृत्युंजय मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करने से सुख शांति का वातावरण, अच्छी सेहत और मृत्यु पर विजय प्राप्त होने के साथ ही भगवान शिव भी बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं. रुद्राक्ष की माला से भगवान शिव के साथ श्री दुर्गा, श्री गणेश, श्री कार्तिकेय, माता पार्वती और श्री गायत्री के नाम का भी जाप करना चाहिए.
2) चंदन की माला :
चंदन की माला बहुत समय से मंत्रों के जाप में किया जाता हैं. चंदन की माला दो प्रकार की होती है, सफेद चंदन की माला और लाल चंदन की माला. सफेद चंदन की माला से सभी देवी – देवताओं के मंत्रों का जाप किया जाता हैं और भगवान श्रीकृष्ण, श्रीराम, भगवान विष्णु, सरस्वती माँ मंत्र और गायत्री मंत्र का जाप सफेद चंदन की माला से करना बहुत शुभ फलदायक होता है तो वहीं शक्ति की साधना में लाल चंदन की माला से जाप किया जाता हैं विशेषकर दुर्गा माता के मंत्र का जाप मान्यता है कि लाल चंदन की माला से दुर्गा माता के मंत्रों का जाप करने से मंगल दोष से मुक्ति मिलने के साथ ही मधुमेह के रोगियों को भी फायदा होता है और सफेद चंदन की माला से मंत्र का जाप करने से मनोकामनाएं बहुत जल्द पूर्ण होती हैं.
3) तुलसी की माला :
हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा और तुलसी की माला को बहुत ही शुभ और पवित्र माना गया है. तुलसी को भगवान विष्णु का प्रिय माना जाता है इसलिए तुलसी की माला भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण और राम भगवान के मंत्रों का जाप के लिए सर्वोत्तम हैं. मान्यता है कि तुलसी की माला धारण करने और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करने से यश, सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि होने के साथ ही कई यज्ञ करने का पुण्य मिलता है लेकिन तुलसी की माला से देवी माँ और भगवान शिव के मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए और इस माला को धारण करने वाले साधक को सात्विक नियमों का पालन करना चाहिए.
4) स्फटिक की माला :
स्फटिक की माला को माँ भगवती का रूप माना जाता है. कांच के समान दिखने वाली यह माला शक्ति की प्रतीक माता लक्ष्मी, सरस्वती माता और दुर्गा माता के जाप के लिए सर्वोत्तम होता हैं. मान्यता है कि इस माला से मंत्र जाप करने से साधक के आसपास किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती और इससे से मंत्र शीघ्र सिद्ध होता हैं. स्फटिक की माला से माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करना बहुत शुभ फलदायक होता है क्योंकि माना जाता है कि इससे दरिद्रता दूर होने के साथ ही धन की भी प्राप्ति होती हैं. इस माला को धारण करने से ब्लड प्रेशर और क्रोध शांत होता है तो वहीं ग्रह दोष भी दूर होता हैं.
5) मूंगे की माला :
मूंगा मंगल ग्रह का रत्न है और मूंगे के पत्थर से बनी माला से मंत्रों का जाप करने से मंगल ग्रह से संबंधित सभी प्रकार के दोष दूर होने के साथ ही मंगल ग्रह की शांति भी होती हैं. मूंगे की माला से मंगलदेव और हनुमानजी के मंत्रों का जाप करना फलदायक होता हैं मान्यता है कि इससे भूत प्रेत, जादू टोना और शनि पीड़ा से छुटकारा मिलती हैं.
6) हल्दी की माला :
किसी भी पूजा में हल्दी का प्रयोग बहुत ही शुभ माना गया है. हल्दी की माला से भगवान गणेश, देवगुरू बृहस्पति, पीताम्बरा देवी और बगलामुखी माँ के मंत्रों का जाप किया जाता हैं. कहा जाता हैं कि संतान और ज्ञान को पाने के लिए इस माला से मंत्र जप किया जाता हैं तो वहीं इस माला से बगलामुखी मंत्र का जाप करने से शत्रुओं से मुक्ति और बृहस्पति मंत्र का जाप करने से जीवन में शांति मिलती हैं.
7) कमलगट्टे की माला :
धन की देवी माँ लक्ष्मी को कमलगट्टे की माला अति प्रिय हैं इसीलिए माँ लक्ष्मी के मंत्रों की सिद्धि के लिए और जीवन में धन – वैभव के लिए कमलगट्टे की माला का उपयोग किया जाता हैं मान्यता है कि कमलगट्टे की माला के मंत्र जाप से माँ लक्ष्मी बहुत जल्द प्रसन्न हो जाती हैं और साधक को सुख – समृद्धि का वरदान देती हैं.
8) वैजयंती की माला :
भगवान श्री कृष्ण को वैजयंती की माला बहुत ही प्रिय होती है यही कारण है कि भगवान श्री कृष्ण की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए वैष्णव भक्त वैजयंती की माला को विशेष रूप से धारण करते हैं. मान्यता है कि वैजयंती माला से मंत्र जाप करने से भगवान विष्णु बहुत जल्दी प्रसन्न होकर अपनी भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि इस माला से जाप करने से मनुष्य के आत्मविश्वास में वृद्धि होने के साथ सभी कामों में सफलता भी मिलती है.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) महामृत्युंजय मंत्र का जाप किस माला से करना शुभ होता हैं ?
रुद्राक्ष की माला.
2) भगवान शिव के मंत्रों का जाप किस माला से नहीं करना चाहिए ?
तुलसी की माला.
3) दुर्गा माता के मंत्रों का जाप किस माला से करना चाहिए ?
लाल चंदन की माला.
4) शत्रु निवारण के लिए किसकी माला का प्रयोग किया जाता हैं ?
हल्दी की माला.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.