Parikrama ke Niyam | हिंदू धर्म में देवी देवताओं की पूजा अर्चना के साथ-साथ ही उनकी परिक्रमा का भी बहुत ही विशेष महत्व होता है. देवी देवता की परिक्रमा करना पूजा पाठ का एक हिस्सा ही है यही कारण है कि बहुत लोग पूजा पाठ के दौरान देवी देवताओं की परिक्रमा करते हैं. सनातन धर्म में मान्यता है कि मंदिर या फिर भगवान की मूर्ति की परिक्रमा लगाने से विचार में सकारात्मकता और पवित्रता बढ़ाने के साथ ही मन को सुख और शांति मिलती हैं. कहा जाता है की परिक्रमा भगवान की साधना करने की एक प्रक्रिया है इससे देवी देवता (devi-devta) प्रसन्न होते हैं और सभी संकटों का निवारण भी करते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से ईश्वर की अपार कृपा व आशीर्वाद की प्राप्ति होती है और सभी अधूरी मनोकामना भी पूर्ण होती है लेकिन परिक्रमा का फल तभी मिलता है जब इसके नियमों का पालन किया जाए तो चलिए जान लेते हैं परिक्रमा से जुड़ी जरूरी महत्वपूर्ण बातें इनसे जुड़े रहस्यों को.
Parikrama ke Niyam | आइए जानते हैं किस देवी – देवता की कितनी परिक्रमा लगाने चाहिए :
Know how much parikrama of which devi-devta is auspicious | जिस प्रकार से सभी देवी देवताओं की पूजा विधि भिन्न-भिन्न तरह से होती है इस तरह देवताओं की परिक्रमा का अलग-अलग विधान होती है वैसे तो सामान्यतः सभी देवी देवताओं की एक ही परिक्रमा की जाती है किंतु शास्त्रों के अनुसार अलग-अलग देवी देवताओं के लिए परिक्रमा की अलग अलग संख्या निर्धारित की गई है. मान्यता है कि भगवान की परिक्रमा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और इससे सभी पाप नष्ट भी हो जाते हैं.
तो चलिए जान लेते हैं किस देवी – देवताओं की कितनी परिक्रमा शुभ होती हैं : –
1) भगवान शिव की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए :
भगवान शिव की आधी परिक्रमा करने का विधान है क्योंकि मान्यता है की शिवलिंग की जलधारी को लांघना नहीं चाहिए इसलिए जलधारी तक पहुंचकर ही परिक्रमा को पूर्ण मान लिया जाता है.
2) भगवान विष्णु की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए :
भगवान विष्णु और उनके सभी अवतारों की चार परिक्रमा करने का विधान है.
3) हनुमान जी की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए :
बजरंगबली हनुमान जी की तीन परिक्रमा लगाना शुभ होता है.
4) दुर्गा माँ की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए :
दुर्गा मां और सभी देवी माता की एक परिक्रमा लगाना शुभ होता है.
5) सूर्य देव की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए :
सूर्य देव की सात परिक्रमा करनी चाहिए.
6) गणेश जी की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए :
भगवान श्री सिद्धि विनायक गणेश जी की तीन परिक्रमा करना शुभ होता है.
7) पीपल का पेड़ की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए :
पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा करने का विधान है.
Parikrama ke Niyam | आइए जानते हैं परिक्रमा करने के नियमों को :
1) परिक्रमा सदैव दाहिने हाथ की ओर से शुरु करनी चाहिए क्योंकि मूर्तियों में मौजूद सकारात्मक ऊर्जा उत्तर से दक्षिण की ओर प्रवाहित होती हैं.
2) किसी भी देवी – देवताओं की मूर्ति की परिक्रमा शुरू करने के बाद उसे अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए, जहां से परिक्रमा शुरू की है वहीं परिक्रमा खत्म करना चाहिए.
3) बाएं हाथ की ओर से भूलकर भी परिक्रमा शुरू नहीं करनी चाहिए वरना परिक्रमा का फल नहीं मिलेगा.
4) मंदिर या फिर देवी देवताओं की मूर्ति की परिक्रमा करते समय मन में किसी के लिए भी बुरे विचार नहीं लानी चाहिए.
5) जिन देवी देवता की परिक्रमा कर रहे हैं मन ही मन उनका ध्यान करते हुए उनके मंत्रों का भी जाप करते रहें.
Parikrama ke Labh | आइए जानते हैं परिक्रमा के लाभ को :
देवी देवता या फिर मंदिर की परिक्रमा लगाने से नकारात्मकता दूर होती है और मनुष्य के विचार सकारात्मक होते हैं मान्यता है की परिक्रमा लगाने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है, कष्टों से मुक्ति मिलती है और साथ ही नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा मिलता है और अपने भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है.
Parikrama ke Mantra | आइए जानते हैं परिक्रमा करने के मंत्र को :
यानि कानि च पापानि जन्मांतर कृतानि च । तानि सर्वाणि नश्यन्तु प्रदक्षिणे पदे – पदे । ।
अर्थ : – हमारे द्वारा जान अनजाने में किए गए और पूर्व जन्मों के भी सारे पाप प्रदक्षिणा के साथ-साथ नष्ट हो जाए. परमपिता परमेश्वर मुझे सद्बुद्धि प्रदान करें.
Parikrama ke Mahatv |आइए अंत में जानते हैं परिक्रमा के महत्त्व को :
धार्मिक मान्यता के अनुसार परिक्रमा करने से हर तरह के पापों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख समृद्धि और धन बरसता है. कहा जाता है की पूजा अर्चना आदि के बाद भगवान की मूर्ति के आसपास सकारात्मक ऊर्जा एकत्रित हो जाती है और इस ऊर्जा को ग्रहण करने के लिए परिक्रमा करनी चाहिए. परिक्रमा करने से साधक को सकारात्मक ऊर्जा का लाभ मिलने के साथ ही मानसिक तनाव से भी मुक्ति मिलती है और आध्यात्मिक की ज्योति जागृत होती है. धार्मिक मान्यता है कि मंदिर सबसे प्रसिद्ध स्थान होता है और वहां लगातार मंत्र जाप पूजा और घण्टियों की ध्वनि से सकारात्मक ऊर्जा का एक घेरा बन जाता है इसलिए मंदिर में परिक्रमा अवश्य करना चाहिए.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
परिक्रमा किस हाथ की ओर से शुरू करनी चाहिए ?
दाहिने हाथ की ओर से.
भगवान शिव की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए ?
आधी परिक्रमा.
परिक्रमा करने से किस ऊर्जा का संचार होता है ?
सकारात्मक ऊर्जा.
भगवान विष्णु की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए ?
चार परिक्रमा
सभी देवी माता की कितनी परिक्रमा शुभ होती हैं ?
एक परिक्रमा.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.