Vastu Tips for Home | हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र का बहुत विशेष महत्व होता है.वास्तु शास्त्र घर और जीवन में सकारात्मकता लाने में अहम भूमिका निभाने के साथ घर को एक सकारात्मक और सामंजस्य स्थापित करने के उपायों को भी बताता है और वास्तु शास्त्र के कुछ उपायों को अपनाकर घर में सुख – समृद्धि और शांति को लाया जा सकता हैं.
Vastu Tips for Home | वास्तु के इन उपायों को विस्तार से जो घर में सुख – समृद्धि और शांति लाने में सहायक होते है :
1) पूजा घर :
दिशा : पूजा घर को उत्तर – पूर्व दिशा में होना चाहिए जिसे ईशान कोण कहा जाता हैं मान्यता है कि इस दिशा में देवी – देवताओं का वास होता है.
देवी – देवताओं की मूर्तियां : पूजा घर में एक ही देवी – देवता की एक से अधिक मूर्तियां नही रखनी चाहिए और ना ही कोई खंडित मुर्ति को ही रखे.
दीपक : रोजाना नियमित रूप से सुबह और शाम को घी का दीपक को जलाएं माना जाता है कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता हैं.
2) रसोई घर :
दिशा : घर का दक्षिण – पूर्व दिशा रसोईघर के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है मान्यता है कि यह दिशा अग्नि तत्व से संबंधित होने के कारण से अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाली को बढ़ाते हैं.
खाना बनाने का समय : सुबह और दोपहर का समय खाना बनाने के लिए शुभ माना जाता है लेकिन रात्रि में बहुत देर तक ना तो खाना बनाना चाहिए और ना ही खाना चाहिए.
कूड़ादान या कबाड़ का स्थान : रसोई घर में पानी के सिंक के नीचे भूलकर भी कूड़ादान या फिर कबाड़ नहीं रखना चाहिए मान्यता है कि इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता हैं.
बर्तन : रात में जूठे बर्तन सिंक में नहीं रखना चाहिए इससे राहु का असर घर के सदस्यों पर पड़ता है इसलिए खाना बनाने के बाद और रात में जूठे बर्तनों को साफ करके उन्हें सही स्थान पर रख दें.
रसोई में पौधें : रसोईघर में तुलसी या पुदीना के पौधें को रखना शुभ होता है मान्यता है कि यह पौधें नकारात्मक ऊर्जा को दूर करके घर में सकारात्मकता को लाते हैं.
3) मुख्य दरवाजा :
दिशा : घर का मुख्य दरवाजा को हमेशा उत्तर, उत्तर – पूर्व या पूर्व दिशा में होनी चाहिए माना जाता है कि इन दिशाओं से आने वाली ऊर्जा घर में सकारात्मकता को लाती हैं.
घर से निकलते और प्रवेश करते समय दरवाजे को कभी भी पैर से नहीं खोलना चाहिए माना जाता है कि ऐसा करने से घर में अशांति का आगमन होता है इसलिए दरवाजे को हमेशा हाथ से खोलें और बंद करें.
घर की मुख्य दरवाजे के दहलीज पर ना तो बैठना चाहिए और ना ही सोना चाहिए माना जाता है कि यह अशुभ होता हैं जिससे कि घर में धन का आगमन रुक सकता है.
4) शयनकक्ष :
दिशा : शयनकक्ष की घर की सही दिशा दक्षिण – पश्चिम दिशा मानी जाती है मान्यता है कि यह दिशा स्थिरता और सुरक्षा की दिशा होती हैं.
दर्पण का स्थान : दर्पण को शयनकक्ष में बिस्तर के सामने या फिर ऐसे जगह पर लगाएं जहां से सोते समय प्रतिबिम्ब दिखाई नही दें.
रंग : शयनकक्ष में हमेशा हल्के रंग का इस्तेमाल करना चाहिए माना जाता है कि हल्के रंग मन को शांत रखने के साथ नींद भी अच्छी आती हैं.
बिस्तर का स्थान : बिस्तर को शयनकक्ष के दीवार के सहारे लगाएं लेकिन ध्यान रखना रखें कि बिस्तर के नीचे कोई भी सामान नहीं रखें.
5) घड़ी :
दिशा : घड़ी को घर में उत्तर, पूर्व या पश्चिम दिशा की दीवार पर लगाएं मान्यता है कि इस दिशा में घड़ी लगाने से घर में सकारात्मकता आने के साथ ही घर के सदस्यों की तरक्की भी होती हैं.
घड़ी समय का प्रतीक होता है इसलिए घड़ी को हमेशा चलती रहनी चाहिए क्योंकि रुकी हुई घड़ी अशुभ माना जाता हैं.
6) शौचालय :
दिशा : शौचालय निर्माण करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि टॉयलेट की सीट को ऐसी दिशा में होनी चाहिए कि इसका उपयोग करने वाले का मुख घर के उत्तर या फिर दक्षिण दिशा में हो.
शौचालय को घर का सबसे अशुद्ध स्थान माने जाने के कारण इसे हमेशा साफ स्वच्छ रखने के साथ इसके दरवाजे को सदैव बंद रखें.
7) झाडू :
झाडू को घर की नकारात्मक प्रभाव को दूर करने का साधन माना जाता है इसलिए झाडू को सदैव सम्मान के साथ रखने के अलावा इसे उठाने या फिर रखने के लिए हाथ का उपयोग करना चाहिए लेकिन भूलकर भी झाडू को पैर नहीं लगाया चाहिए मान्यता है कि यह अशुभ होने के साथ ही इससे नकारात्मक ऊर्जा को घर में आने का मौका मिलता हैं.
8) नमक :
नमक को घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने का प्रभावशाली स्त्रोत माना जाता है इसलिए सप्ताह में एक बार घर में नमक से पोंछा अवश्य लगाना चाहिए.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) घर की किस दिशा में रसोईघर होना चाहिए ?
घर की दक्षिण – पूर्व दिशा.
2) कौन सी दिशा ईशान कोण कहलाती हैं ?
उत्तर – पूर्व दिशा.
3) घड़ी को घर की किस दिशा की दीवार में लगानी चाहिए?
उत्तर, पूर्व या फिर पश्चिम दिशा की दीवार.
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