Karma Dharma Parv 2025 | कर्मा धर्मा का पर्व भाई बहन के प्यार का प्रतीक पर्व माना जाता है इस पर्व को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य होता है कि बहनें अपने भाइयों की दीर्घायु के साथ ही भाई के जीवन में सुख और समृद्धि की कामना करती है. महिलाएं और बहनें इस पर्व को बहुत ही धूमधाम से मनाती है और अपने भाई की लंबी उम्र और सुख, सलामती, प्रेम और स्नेह के लिए व्रत रखने के साथ ही इस पर्व में महिलाएं और शादीशुदा बहनें अपने मायके भी आती है और यह पूजन भाई-बहन मिलकर किया करते हैं लेकिन जो बहनें अपने ससुराल से मायके नहीं आ सकती उन बहनों को उसके मायके से कपड़ा, दही, चिवड़ा, सेव, खीरा और अमरुद इसके साथ बहुत कुछ भेजा जाता है इसके अलावा यह पर्व पर्यावरण की पूजा का भी पर्व होता है जिसका उद्देश्य यह भी रहा है कि किसानों द्वारा बोई गई फसल कभी खराब ना हो और हर साल अधिक से अधिक फसलें हो और किसानों को फसलों के द्वारा धन की प्राप्ति हो.
कर्मा धर्मा पर्व 2025 में कब मनाया जाएगा :
कर्मा धर्मा का पर्व हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है और पंचांग के अनुसार इस साल भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत होगी 03 सितंबर 2025 दिन बुधवार की सुबह 03 बजकर 53 मिनट से लेकर 04 सितंबर 2025 दिन गुरुवार की सुबह 04 बजकर 21 मिनट तक.
सनातन धर्म में उदय तिथि मान्य है इसीलिए साल 2025 में कर्मा धर्मा का पर्व 03 सितंबर 2025 दिन बुधवार को मनाया जाएगा.
कर्मा धर्मा पर्व किस किस राज्यों का लोकपर्व और पारंपरिक पर्व है :
कर्मा धर्मा का पर्व देश के बहुत से राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है कुछ राज्यों में इस पर्व को केवल कर्मा पर्व के रूप में मनाया जाता है लेकिन कर्मा धर्मा का पर्व इन राज्यों में बहुत ही प्रसिद्ध है और इन राज्यों का यह लोकपर्व और पारंपरिक लोकपर्व भी है जिसमें से प्रमुख रूप से झारखंड, बिहार, असम, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश मैं मनाया जाता है जिसमें से खासकर छत्तीसगढ़ और झारखंड में रहने वाले आदिवासी व गैरआदिवासी संप्रदाय के लोग पर्व को बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं.
माना जाता है कि झारखंड में कर्मा और धर्मा नाम के दो भाई थे जिसमें कर्मा लोगों को कर्म की महत्ता बनाए रखने के लिए राह दिखाएं करता था तो वही धर्मा लोगों को शुद्ध व्यवहार और धार्मिक जीवन का रास्ता को बताता था लोग इन दोनों भाइयों में कर्मा को देव स्वरूप मानते थे और उसे खुश करने के लिए उसकी पूजा अर्चना करते और हर साल उनके सामने लोक नृत्य भी किया करते थे इसी परंपरा को लोगों ने याद रखा और अब तक इस पर्व को इसी तरह मानने लगे झारखंड की अन्य जनजाति का मानना है की कर्मी नाम के एक वृक्ष पर कर्मसेनी देवी रहती है और अगर उन्हें खुश व प्रसन्न कर दिया जाए तो घर में सुख समृद्धि आती है इसलिए घर में कर्मी वृक्ष की डाली लगाकर कर्मसेनी देवी की पूजा किया करते हैं और रात भर नृत्य करते हैं जिससे की देवी मन प्रसन्न हो जाए.
छत्तीसगढ़ के अलग-अलग क्षेत्र में रहने वाले जनजातियों के अनुसार राजा कर्म ने अपने ऊपर विपत्ति आने पर अपने इष्ट देवता को मनाने के लिए पूरी रात नृत्य किया जिससे उनकी विपत्ति दूर हो गई तब से ही यह पर्व प्रसिद्ध हो गई तो वहीं छत्तीसगढ़ के उरांवजनजाति के अनुसार अच्छी फसल की कामना के लिए लोगों द्वारा नृत्य किया जाता है जिससे कि कर्म देवता खुश और प्रसन्न हो जाए.
कर्मा धर्मा पर्व कैसे मनाया जाता हैं :
यह पर्व में सभी बहनें अपने भाई के लंबी आयु के लिए व्रत रखती है वैसे यह पर्व हर राज्य में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है जैसे की झारखंड में यह पर्व एक उत्सव के रूप में मनाई जाती हैं और नृत्य गाना बजाना भी होता है तो यही तो वही बिहार में यह पर्व लोकगीत गाने के साथ मनाई जाती हैं. कर्मा धर्मा पर्व में सभी बहने कर्मा पूजा का व्रत रखती है और पूजा के दिन घर के साफ सफाई करने के बाद पूजन में लगने वाली सभी सामग्री के साथ पूजा करती है और इसके बाद कर्मा राजा से प्रार्थना करती हैं – हे कर्म राजा ! मैं अपने भाई के सुख समृद्धि की कामना करती हूं, कभी भी मेरे भाई को गलत रास्ते पर जाने मत दीजिएगा इस कामना में बहन के शुद्ध विचार और त्याग की भावना के साथ भाई-बहन का अटूट प्यार भी दिखाई देता है. पूजा करने के पश्चात अपने भाई के हाथों से पानी पीकर बहनें अपने व्रत को तोड़ती है और सभी मिलकर इस दिन नाचते, गाते और बजाते हैं.
कर्मा धर्मा पर्व के महत्व :
कर्मा धर्मा पर्व पर बहनें अपने भाई के लिए कर्मा का व्रत रखती है जिससे उसके भाई की सभी मनोकामना पूर्ण होने के साथ ही उसके भाई के ऊपर कभी भी कोई भी संकट नहीं आता इसके साथ ही यह पर्व भाई बहन के रिश्ते को मजबूत भी करती है. मान्यता है कि इस पर्व में कर्मा पूजा करने से घर में सभी परिवार के सदस्य सुखी रहते हैं और भाई के लंबी आयु होने के साथ ही उसके सभी कष्ट और दुख भी दूर हो जाते हैं.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) कर्मा धर्मा का पर्व कब मनाया जाता हैं ?
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी.
2) कर्मा धर्मा पर्व किसके प्रेम का प्रतीक होता हैं ?
भाई – बहन.
3) साल 2025 में कर्मा धर्मा का पर्व कब मनाया जाएगा ?
03 सितंबर 2025 दिन बुधवार.
4) कर्मा धर्मा का पर्व किन राज्यों का लोकपर्व हैं ?
झारखंड, बिहार, असम, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और मध्यप्रदेश.
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