Maa Durga | हिंदू धर्म में जब कोई पूजा, हवन या धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया जाता हैं तो हर एक देवी – देवताओं की उनकी मनपसंद चीजें अर्पित किया जाता हैं जिससे कि जीवन में समृद्धि बनी रहें लेकिन वहीं कुछ ऐसी भी चीजें हैं जिनको पूजा के समय नहीं चढ़ाई जाती है. हिंदू अनुष्ठानों में दूर्वा का उपयोग विशेष रूप से किया जाता हैं विशेषकर भगवान गणेश की पूजा में प्रमुख रूप से दूर्वा को इस्तेमाल किया जाता हैं मान्यता है कि जो भी भगवान गणेश की पूजा में गणेशजी को दूर्वा अर्पित करें तो उसके जीवन की परेशानियां दूर होने के साथ गणेशजी की कृपा और आशीर्वाद हमेशा बनी रहती हैं. दूर्वा को पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता और इसके इस्तेमाल से नकारात्मक ऊर्जा एवं बाधाएं दूर हो जाती हैं लेकिन दूर्वा का इस्तेमाल केवल भगवान गणेश की ही पूजा में ही होता है, माँ भगवती दुर्गा की पूजा में दूर्वा का इस्तेमाल वर्जित माना गया है.
माँ दुर्गा की पूजा में दूर्वा क्यों नही चढ़ाई जाती हैं
माँ भगवती दुर्गा माता शक्ति की देवी कहलाती हैं और इनका स्वरूप माँ का होता है जो कि सृजन, पालन और संहार की शक्ति का प्रतीक हैं और इनके पूजन में जिन – जिन वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाता हैं वे सभी माँ की दिव्य स्त्री शक्ति और उनके संरक्षणात्मक स्वरूप को दर्शाती हैं. दूर्वा मंगल ग्रह से संबंधित होने के वजह से यह उग्र ऊर्जा का प्रतीक होने के साथ ही यह पुरुषत्व से जुड़ा हुआ है और दूर्वा की ऊर्जा माँ दुर्गा की सौम्यता एवं मातृत्व के विपरीत मानी जाती हैं इसलिए दूर्वा को माँ दुर्गा की पूजा में चढ़ाने से ऊर्जा का संतुलन बिगड़ जाता हैं जिससे माता की पूजा का प्रभाव कम होने से पूजा का पूरा फल नहीं मिलता और हो सकता है कि माँ रूष्ट भी हो जाएं .यही कारण है कि दूर्वा को माँ भगवती दुर्गा माता के पूजन में अर्पित नहीं करना चाहिए.
दूर्वा को माँ दुर्गा को नहीं चढ़ाने की धार्मिक मान्यता को
दुर्गा माँ की पूजा में विशेष रूप से लाल रंग के पुष्प जैसे कि गुड़हल पुष्प को विशेष महत्व होता है जो कि उनकी उग्रता और शक्ति का प्रतीक होता है तो वहीं हल्दी, कुमकुम, नारियल और मीठे फल माँ को चढ़ाएं जाते हैं जो कि यह सब चीजें दिव्य स्त्री शक्ति का प्रतिनिधित्व किया करती हैं लेकिन दूर्वा मंगल ग्रह की उग्र और पुरुषत्व ऊर्जा का प्रतीक होती हैं और यह ऊर्जा माँ भगवती दुर्गा माता की सौम्यता एवं मातृत्व के विपरीत होती हैं इसलिए धार्मिक दृष्टिकोण से भी माँ भगवती दुर्गा माता की पूजा में दूर्वा को चढ़ाने की मनाही है मान्यता है कि दूर्वा को माँ दुर्गा को अर्पित करने से पूजा सफल नहीं मानी जाती हैं.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) दूर्वा को किनकी पूजा में चढ़ाने की मनाही है ?
माँ दुर्गा.
2) दूर्वा किस ग्रह से संबंधित होती हैं ?
मंगल ग्रह.
3) दूर्वा किस ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है ?
सकारात्मक ऊर्जा.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.