Badrinath Temple | बद्रीनाथ हिन्दू धर्म के चार धामों में से एक है जहाँ भगवान विष्णु निवास करते हैं। हिंदुओं में पूजा के समय शंख बजाना अनिवार्य होता है परन्तु इस मंदिर में शंख नहीं बजाया जाता. भारत के सभी मंदिरों में शंख बजाने की प्रथा है लेकिन केवल एक बद्रीनाथ ही ऐसा धाम है जहाँ कभी शंख नहीं बजता इसके पीछे तीन कारण बताएं जाते हैं. आइए जानते हैं इन तीनों कारणों को –
Badrinath Temple |धार्मिक और वैज्ञानिक कारण शंख नहीं बजने का
1. शंख नहीं बजाने के पीछे धार्मिक मान्यताये में यह कहा जाता है कि माँ लक्ष्मी जब तुलसी के रुप में बद्रीनाथ धाम में तपस्या कर रही थी तो उसी दौरान भगवान विष्णु ने शंखचूड राक्षस का वध किया था, माँ लक्ष्मी को शंखचूड राक्षस का स्मरण न हो, इस कारण यहां शंख नही बजाया जाता हैं.
2. जब केदार इलाके में महर्षि अगस्त दैत्यों के डर से आतापी और बातापी राक्षस भाग गए थे, आतापी मंदाकिनी नदी में और बातापी बद्रीनाथ धाम में शंख के अंदर छिप गया था. ऐसा कहा जाता है कि शंख को बजाने से ये दोनों ही राक्षस बाहर आ जायेंगे.
3. वैज्ञानिक का मानना है कि बद्रीनाथ में शंख नही बजाने के पीछे वहां का इलाका है क्योंकि इसका अधिकांश हिस्सा बर्फ से ढका रहता है और शंख से निकली ध्वनि पहाड़ों से टकरा कर प्रतिध्वनि पैदा करती है, जिसकी वजह से बर्फ में दरार पड़ने व बर्फीले तूफान आने की आशंका रहती है.
यही वजह है कि बद्रीनाथ में शंख नही बजाया जाता हैं.
FAQ – सामान्य प्रश्न
बद्रीनाथ धाम किन का निवास स्थान है?
भगवान विष्णु
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