12 Jyotirlingas of Lord Shiv | पुराणों और हिंदू धर्म शास्त्रों में ज्योतिर्लिंगों को भगवान शिव की ऊर्जा का प्रतीक माना जाता हैं. ज्योतिर्लिंग एक संस्कृत शब्द है जिसमें दो शब्द है. पहला शब्द ज्योति जिसका अर्थ होता है “रोशनी का प्रतीक” और दूसरा शब्द है लिंग. लिंग शब्द का मतलब होता हैं “आकार”. यह आकार इसलिए है क्योंकि जो अप्रकट है वो खुद को जब प्रकट करने लगता है स्पष्ट शब्दों में कह सकते हैं कि जब सृष्टि की उत्पत्ति शुरू हुई तो जो सबसे पहला आकार इसने लिया था, वो एक दीर्घवृत्ताकार था एक पूर्ण दीर्घवृत्ताकार को लिंग कहते है.
देश के अलग अलग भागों में शिव के 12 (बारह) पावन ज्योतिर्लिंग स्थित है, पुराणों और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन 12 ज्योतिर्लिंगों में ज्योति रूप में भगवान शिव स्वयं विराजमान हैं. ऐसा माना जाता हैं कि 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन मात्र से ही सभी पापों का नाश हो जाता हैं,भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और घर परिवार में सुख शांति व समृद्धि की बढ़ोतरी होती हैं.
12 Jyotirlingas of Lord Shiv | देश में भगवान शिव के प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग :
1) सोमनाथ ज्योतिर्लिंग –
गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता हैं .यहां पर देवताओं द्वारा बनवाया गया एक पवित्र कुंड भी है जिसे सोमकुण्ड या पापनाशक तीर्थ कहते हैं.
2) मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग –
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में कृष्णा नदी के तट पर श्री शैल नाम के पर्वत पर स्थित हैं.
3) महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग –
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित हैं. महाकालेश्वर स्वयंभू दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग हैं यहां प्रतिदिन होने वाली भस्म आरती विश्व भर में प्रसिद्ध हैं.
4) ओमकारेश्वर ज्योतिर्लिंग –
मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र में नर्मदा नदी के किनारे मान्धाता पर्वत पर यह पावन धाम स्थित हैं. जिस स्थान पर यह ज्योतिर्लिंग है वहां पर नर्मदा नदी बहती है और पहाड़ी के चारों ओर बहने से यहां ॐ (ओम) का आकार बनता है.
5) केदारनाथ ज्योतिर्लिंग –
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड में हिमालय की केदार. नामक चोटी औऱ अलकनंदा और मंदाकिनीनदियों के तट पर स्थित हैं. बाबा केदारनाथ का मंदिर बद्रीनाथ के मार्ग में स्थित हैं. केदारनाथ समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊँचाई पर स्थित हैं.
6) भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग –
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे से करीब 100 किलोमीटर दूर सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित हैं. काफी मोटा होने के कारण इन्हें मोटेश्वर महादेव भी कहा जाता है.
7) बाबा विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग –
बाबा विश्वनाथ(काशी) का यह ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश की धार्मिक राजधानी कहे जाने वाली नगर वाराणसी में स्थित हैं.
8) त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग –
त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित हैं इसी ज्योतिर्लिंग के निकट ही ब्रह्मा गिरि नाम का पर्वत हैं जिनसे गोदावरी नदी शुरू होती हैं.
9) बैधनाथ ज्योतिर्लिंग –
बैधनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड राज्य के संथाल परगना में जसीडीह रेलवे स्टेशन के करीब स्थित है. धार्मिक पुराणों में शिव के इस पावन धाम को चिताभूमि कहा गया है.
10) नागेश्वर ज्योतिर्लिंग –
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात की बड़ौदा क्षेत्र में गोमती द्वारका के करीब स्थित हैं. धार्मिक पुराणों में भगवान शिव को नागों का देवता बताया गया है और नागेश्वर का अर्थ होता हैं नागों का ईश्वर. द्वारिका से नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की दूरी 17 मील की है.
11) रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग –
भगवान शिव का यह ग्यारहवां ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु के रामनाथम नामक स्थान पर स्थित हैं. रामेश्वर तीर्थ को ही सेतुबंध तीर्थ भी कहा जाता हैं मान्यता हैं कि इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना स्वयं भगवान राम ने की थी. भगवान श्री राम द्वारा स्थापित किये जाने के कारण इस ज्योतिर्लिंग को भगवान राम का नाम रामेश्वर दिया गया है.
12) घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग –
घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के संभाजी नगर के समीप दौलताबाद के पास स्थित हैं. भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से यह अंतिम ज्योतिर्लिंग हैं इस स्थान को शिवालय भी कहा जाता हैं.
FAQ – सामान्य प्रश्न
शास्त्रों में कितने ज्योतिर्लिंगों का जिक्र है ?
12 (बारह)
ज्योतिर्लिंग शब्द का अर्थ क्या है ?
ज्योतिर्लिंग एक संस्कृत शब्द है जिसमें दो शब्द है. पहला शब्द ज्योति जिसका अर्थ होता है “रोशनी का प्रतीक” और दूसरा शब्द है लिंग.
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