Durga Saptashati | हिन्दू धर्म में हर एक देवी देवता के कई दिव्य ग्रन्थ के पाठ को बताए गए हैं जिन्हें नियमित रोजाना पढ़ने से केवल व्यक्ति को ईश्वरीय कृपा ही नहीं मिलती बल्कि उसके कई काम भी बनने लगते हैं इसी श्रृंखला में दुर्गा सप्तशती. भुवनेश्वरी संहिता के अनुसार जिस तरह से “वेद” अनादि हैं ठीक उसी तरह से “सप्तशती” भी अनादि हैं. श्री वेद व्यास के द्वारा रचित महापुराणों में मार्कण्डेय पुराण के माध्यम से मानव कल्याण के लिए इसकी रचना की गई है. दुर्गा सप्तशती को शत चंडी, नवचंडी और चंडी पाठ भी कहते हैं. जिस तरह से योग का सर्वोत्तम ग्रन्थ गीता हैं उसी तरह से शक्ति उपासना का श्रेष्ठ ग्रन्थ “दुर्गा सप्तशती ” हैं.
Durga Saptashati | आइए जान लेते हैं क्या है दुर्गा सप्तशती :
दुर्गा सप्तशती को हिन्दू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण ग्रन्थों में से एक माना गया है और यह ऋषि मार्कण्डेय के द्वारा रचित मार्कण्डेय पुराण का हिस्सा है जो कि राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत का उल्लेख करता है. देवी दुर्गा की स्तुति करने वाले श्लोकों और छंदों का संग्रह है. सप्तशती जिसमें सप्त का मतलब है सात और शत का मतलब हुआ सौ यानी की सात सौ (700) श्लोक और इसलिए यह पूरी रचना दुर्गा सप्तशती के नाम से जानी जाती हैं. दुर्गा सप्तशती को तीन भागों में बांटा गया है महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती तो वहीं इसको तेरह (13) अध्यायों में बांटा गया है अर्थात इस दुर्गा सप्तशती में तेरह पाठ हैं. दुर्गा सप्तशती देवी महात्म्य का एक भाग है जिसमें इन तेरह अध्यायों के साथ ही दुर्गा कवच, अर्गला और कीलक समाहित है.
Durga Saptashati | दुर्गा सप्तशती का पाठ क्यों करनी चाहिए :
दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के कई कारण है –
1) दुर्गा सप्तशती पाठ एक सुंदर और प्रेरक धार्मिक कहानी है जिसमें यह बताया गया है कि बुराई पर अच्छाई की जीत कैसे होती हैं और देवी माँ कैसे अपने भक्तों की रक्षा करती हैं इसके अलावा और भी बाते विस्तार से बताई गई है जो कि भक्तों को आस्था और भक्ति से भर देता है.
2) दुर्गा सप्तशती पाठ जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण सबक जैसे कि साहस, शक्ति और दृढ़ता को सिखाती है.
3) दुर्गा सप्तशती पाठ हर किसी को देवी दुर्गा से जुड़ने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करता है.
4) दुर्गा सप्तशती पाठ एक ऐसा पाठ हैं जो कि हर किसी के जीवन को बेहतर बनाने की शक्ति रखता है.
Durga Saptashati | दुर्गा सप्तशती को पढ़ने से क्या लाभ होता है :
1) दुर्गा सप्तशती एक पवित्र ग्रँथ हैं जिसको पढ़ने से सौभाग्य और समृद्धि लाने के साथ यह आंतरिक शांति और शक्ति प्राप्त करने में मदद करता है.
2) दुर्गा सप्तशती के पाठ को नियमित करने से भक्तों की एकाग्रता और स्मरण शक्ति में बढ़ोतरी होने के साथ उनके जीवन में सुख शांति आती हैं.
3) दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से भक्त अपने स्वास्थ्य, धन और रिश्तों में सुधार कर सकता है.
4) दुर्गा सप्तशती पाठ जीवन मे आने वाली चुनौतियों और बाधाओं को दूर करता है.
5) दुर्गा सप्तशती पाठ बहुत बड़ी उपासना है जिसका पाठ करना बहुत शुभदायक लाभकारी होता है अगर इस दुर्गा सप्तशती का पाठ नवरात्रि में रोजाना करने से विशेष फल की प्राप्ति होने के साथ ही घर मे नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं होती हैं सदा सकारात्मकता बनी रहती हैं.
6) दुर्गा सप्तशती आध्यात्मिक प्रेरणा का एक शक्तिशाली सुंदर और प्रेरक पाठ हैं जो हर किसी को अपने आध्यात्मिक पक्ष से जोड़ने में मदद करने के साथ देवी दुर्गा की गहरी समझ विकसित करने और दिव्य स्त्री ऊर्जा से जुड़ने में मदद करता है.
Durga Saptashati |दुर्गा सप्तशती के महत्व :
1) इस दुर्गा सप्तशती को स्वयं ब्रह्माजी ने मनुष्यों की रक्षा के लिए बहुत गुप्त और परम उपयोगी मनुष्य का कल्याण के लिए बताया हैं ब्रह्माजी ने स्वयं कहा हैं कि जो भी मनुष्य दुर्गा सप्तशती का पाठ करेगा वह निश्चय ही परम सुख को भोगेगा.
2) दुर्गा सप्तशती के पाठ करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं जैसे कि नौकरी संतान भूमि भवन और वाहन की मनोकामनाएं जल्द ही पूरी होती हैं मान्यता है कि दुर्गा सप्तशती का पाठ सही समय पर करने से देवी दुर्गा माँ भगवती की अति विशेष कृपा मिलती हैं.
3) दुर्गा सप्तशती एक जागृत तंत्र विज्ञान हैं जिसके पाठ के श्लोकों का असर निश्चित होने के साथ इसका तीव्र गति से प्रभाव पड़ता है.
4) दुर्गा सप्तशती में ब्रह्मांड की तीव्र शक्तियों का ज्ञान छुपा है माना गया है कि मनुष्य सही तरीके से और सही विधि से दुर्गा सप्तशती के पाठ को पढ़ता है तो सारी परेशानियां समाप्त जाती हैं.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
योग का सर्वोत्तम ग्रँथ का नाम क्या है ?
गीता
दुर्गा सप्तशती को और किस किस नाम से जाना जाता हैं ?
शत चंडी, नवचंडी और चंडी पाठ.
दुर्गा सप्तशती को किस प्रकार का तंत्र विज्ञान माना जाता हैं ?
जागृत तंत्र.
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