Devkinandan Thakur | श्री देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज एक प्रमुख हिंदू कथावाचक, गायक और आध्यात्मिक गुरु हैं जो अपनी श्रीमद्भागवत कथा, श्रीराम कथा, शिव पुराण और अन्य धार्मिक ग्रँथों के प्रवचन के लिए प्रसिद्ध हैं इसके अलावा ठाकुरजी महाराज ने 2006 में विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना किया है जिसके द्वारा वे न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी अपनी कथा और शांति यात्राओं का भव्य आयोजन कर रहे हैं. देवकीनंदन ठाकुर जी अपनी कथा के माध्यम से लोगों को सनातन धर्म से जुड़े रहने के लिए जोड़ दिया करते हैं और हमेशा सनातन की रक्षा के लिए लोगों को प्रेरित भी करते हैं जिसके लिए उन्हें दिल्ली में एक विशाल सनातन धर्म संसद का आयोजन किया और इस ऐतिहासिक आयोजन में देश भर के महामंडलेश्वर, संत, कथावाचक एवं सनातन धर्मालंबियों ने अपनी उपस्थिति देकर सनातन धर्म के प्रति लोगों को जागरूक किया.
आपको बता दें कि पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज के मुखारविंद से श्री शिवपुराण कथा का भव्य और दिव्य आयोजन 03 से 09 जनवरी 2025 को बैंगलोर में दोपहर 02 बजे से शाम के 06 बजे के बीच प्रिंस श्राइन, गेट न.- 09, पैलेस ग्राउंड, बैंगलोर (कनार्टक) में किया जा रहा है. इस कथा को बहुत ही सहज और सरल शब्दों में ठाकुरजी महाराज ने वाचते हुए भक्तों को बताया कि घर परिवार के सदस्यों को आपस में अच्छे कर्मों के माध्यम से सीख देनी चाहिए और उन्होंने शिव पुराण का उदाहरण देते हुए कहा कि चंचुला जैसी पापी का उद्धार हो सकता है तो कोई भी व्यक्ति चाहे वह कितना भी पापी क्यों ना हो शिव पुराण की कथा सुनकर अपना कल्याण कर सकता है इसके साथ उन्होंने भक्तों से शिवलिंग पर प्रतिदिन जल अर्पित करने का अनुरोध किया जो भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक सरल और प्रभावशाली माध्यम है.
जानते हैं पूज्य श्रीदेवकीनंदन ठाकुर जी महाराज की आगामी कथा के बारे में :
परम् पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुरजी के पावन सानिध्य में श्रीमद्भागवत कथा का भव्य आयोजन 20 जनवरी से 26 जनवरी 2025 को शान्ति सेवा शिविर, सेक्टर 17, संगम लोअर मार्ग, नागवासुकी चौराहा, महाकुंभ मेला प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) में किया जाएगा इसके अलावा प्रयागराज महाकुंभ (Mahakumbh 2025) में 27 जनवरी 2025 को सनातन धर्म संसद का भी आयोजन किया जाएगा जिसका उद्देश्य न केवल सनातन धर्म की रक्षा करना बल्कि अपनी आने वाली पीढ़ी की सुरक्षा भी सुनिश्चित करना है और सनातन बोर्ड का निर्माण करके जिससे कि मंदिर सरकारों से मुक्त हो सकें.
जानते हैं कि आप प्रयागराज कथा स्थल कैसे पहुंचे :
आप कथा स्थल अपनी सुविधानुसार पहुँच सकते हैं वैसे आप प्रयागराज सड़कमार्ग, रेलमार्ग और वायुमार्ग के द्वारा पहुँच सकते हैं क्योंकि प्रयागराज इन मार्गो से जुड़कर सभी राज्यों से जुड़ा है. यहाँ आपको बता दें कि प्रयागराज जंक्शन से कथास्थल की दूरी मात्र 12 km की दूरी तो वहीं प्रयागराज एयरपोर्ट से कथा स्थल की दूरी 22 km हैं आप को यहां से कथा स्थल जाने के लिए टैक्सी, ऑटो – रिक्शा या फिर सायकिल रिक्शा आसानी से मिल जायेंगे.
आप देश के किसी भी राज्य में रहते हैं तो इस कथा में शामिल अवश्य होए क्योंकि यह कथा महाकुंभ के दौरान हो रही हैं और इस कथा के साथ महाकुंभ में शामिल होकर दिव्य और भव्य महाकुंभ के अलौकिक अनुभव का साक्षी बनाएं.
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