Navratri | हिंदू पंचाग के अनुसार हर साल आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया जाता है. नवरात्रि के पावन दिन माँ भगवती दुर्गा माता और उनके नौ स्वरूपों की पूजा आराधना किया जाता हैं धार्मिक मान्यता है कि इन नौ दिनों तक सच्चे मन से और श्रद्धाभाव से माता रानी की की पूजा किया जाएं तो माता रानी प्रसन्न होकर अपनी कृपा और आशीर्वाद भक्तों को प्रदान करती हैं तो वही स्कन्दपुराण, देवी भागवत पुराण और मार्केंडेय पुराण के अनुसार नवरात्रि के दौरान कुछ ऐसे संकेत का उल्लेख किया गया है जिसको देखने से माना जाता है कि माता रानी ने पूजा स्वीकार कर लिया है और प्रसन्न होकर अपनी कृपा और आशीर्वाद प्रदान कर रही हैं.
जानते हैं उन शुभ संकेतों को जिनसे मालूम चलता है कि देवी माँ आपसे प्रसन्न है :
1) सपनें में दुर्गा माता को देखना :
नवरात्रि के दिनों में किसी को अगर सपनें में दुर्गा माता या फिर उनके चिन्ह शेर, त्रिशूल या कमल दिखाई दे तो यह इस बात का संकेत देती है कि दुर्गा माँ आपसे प्रसन्न है क्योंकि शास्त्रों में वर्णित है कि दुर्गा माँ अपने भक्त को सपनों के माध्यम से अपनी प्रसन्नता को दर्शाती है. माना जाता है कि ऐसे सपनों के बाद बिगड़े कार्य पूर्ण होने के साथ ही जीवन में सकारात्मक बदलाव आने लगते हैं.
2) अखंड ज्योति का जलना :
नवरात्रि के दौरान दुर्गा माता के समक्ष अखंड ज्योति को जलाया जाता है और यही ज्योति बिना किसी बाधा या फिर खंडित हुए बिना एक जैसा ही जलता रहें तो यह संकेत माता दुर्गा के प्रसन्नता की ओर इशारा करता है कि माता के आशीर्वाद और कृपा से आपको जीवन में तरक्की मिलने का शुभ संकेत देती हैं.
3) शंख की ध्वनि को सुनना :
नवरात्रि के दिनों में पूजा पाठ करते समय अगर कहीं से शंख की ध्वनि सुनाई दें तो यह दुर्गा माता की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होने का संकेत के साथ दुर्गा माता के आगमन का भी संकेत देती हैं क्योंकि शंख की ध्वनि को पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा का संचार का कारक माना जाता है और इससे घर में धन – समृद्धि के रास्ते भी खुलते हैं.
4) ज्वारे का हरा भरा होना :
नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना के साथ सुख – समृद्धि के लिए ज्वारे को बोएं जाते हैं. धार्मिक मान्यतानुसार नवरात्रि में बोएं गए यह ज्वारे घने, लंबे और हरे भरे हो जाएं तो यह माँ की कृपा मिलने का सबसे बड़ा संकेत माना जाता है और यह आने वाले समय में घर – परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होने के साथ ही घर में सुख – शांति में वृद्धि होने का भी संकेत देती हैं.
5) दीए की बत्ती पर फूल का बनना :
नवरात्रि की पूजा के दौरान दीए की बत्ती पर फूल जैसा आकार का बनना शास्त्रों में इसको बहुत ही शुभ माना जाता है मान्यता है कि यह संकेत दुर्गा माता की कृपा से घर में सुख – समृद्धि का आगमन होने का देती हैं इसके अलावा नवरात्रि में जलते दीए में बत्ती पर फूल का बनना माँ लक्ष्मी की कृपा का प्रतीक के साथ यह आर्थिक तंगी दूर होने का संकेत देती है.
6) शुभ समाचार का मिलना :
नवरात्रि के नौ दिनों में अगर घर के किसी सदस्य को कोई शुभ समाचार की प्राप्ति हो तो यह भी दुर्गा माता की प्रसन्नता का प्रतीक माना जाता है. कहा जाता है कि नवरात्रि में शुभ समाचार का मिलना दुर्गा माता की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होने का संकेत देती हैं.
7) घर का वातावरण सकारात्मक होना :
अगर घर में नवरात्रि के दिनों में परिवार के बीच कलह – क्लेश और झगड़े समाप्त होकर घर का वातावरण शांत, तनाव – मुक्त और सकारात्मक हो जाएं तो यह दुर्गा माता की प्रसन्नता का संकेत देती है क्योंकि धार्मिक मान्यता है कि दुर्गा माता जहां वास करती हैं वहां शांति और प्रेम – स्नेह स्वयं स्थापित हो जाता हैं.
उम्मीद है कि आपको नवरात्रि से जुड़ा हुआ यह लेख पसंद आया होगा तो इसे अधिक से अधिक अपने परिजनों और दोस्तों के बीच शेयर कीजिए और ऐसे ही नवरात्रि से जुड़े अन्य लेख को पढ़ने के लिए जुड़े रहे madhuramhindi.com के साथ.
FAQ – सामान्य प्रश्न
1) नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के समय बोए जौ का हरा भरा होना क्या संकेत देती हैं ?
दुर्गा माता की कृपा मिलने का संकेत.
2) नवरात्रि में जलते दीए बत्ती का फूल का बनना किसका प्रतीक हैं ?
माँ लक्ष्मी की कृपा का प्रतीक.
3) शंख की ध्वनि को किसका कारक माना जाता हैं ?
पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.


