Bhuteshwar Mahadev, Gariaband | देश का छत्तीसगढ़ राज्य कई अद्भुत रहस्यों से भरा हुआ है जिसमें से एक ऐसा रहस्यमयी शिवलिंग हैं जो ज्योतिर्लिंग के रूप में जानी जाती हैं और यह शिवलिंग छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में मौजूद एक ऐसा अनूठा शिवलिंग हैं जो कि स्वयंभू हैं. यह शिवलिंग भूतेश्वर महादेव के नाम से जाने के साथ यह भुतेश्वरनाथ शिवलिंग के नाम से प्रसिद्ध है मान्यता है कि भुतेश्वरनाथ महादेव एक अर्धनारीश्वर प्राकृतिक शिवलिंग हैं जिसकी ऊंचाई और गोलाई हर साल बढ़ती है और यह दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग भी माना जाता हैं यही कारण है कि इस जागृत शिवलिंग के दर्शन करने के लिए लिए देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग आते हैं तो चलिए जानते हैं भुतेश्वरनाथ शिवलिंग से जुड़े रहस्यों को कि कैसे इनकी लम्बाई बढ़ रही हैं.
जानते हैं भूतेश्वर शिवलिंग कहां हैं और इसकी स्थापना कैसे हुई :
भूतेषु शिवलिंग छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर से 90 km दूर और गरियाबंद मुख्यालय से लगभग 03 km दूर है जो पहाड़ों और जंगलों के बीच में स्थित जिसकी मौजूदा ऊंचाई 80 फीट और गोलाई 290 फ़ीट हैं. यह शिवलिंग विश्व का विशालतम प्राकृतिक है जिसका उल्लेख 1959 में प्रकाशित कल्याण पुस्तिका में है. कहा जाता हैं कि जब चारों ओर घने जंगल था तो इस घने जंगल के बीच मौजूद एक छोटे से टीले से हुई जो लगभग 03 फ़ीट का था जजिसके आसपास गांव वालों को बैल के हुंकारने की आवाज तो आती लेकिन नजदीक जाने पर किसी भी ग्रामीण को कोई जानवर नहीं दिखता इसके बाद ग्रामीणों को धीरे – धीरे उस टीले के प्रति आस्था जागृत हुई और सभी लोगों ने टीले को भगवान शिव का रूप मानकर पूजा पाठ करना शुरू किया और इसके बाद से ही शिवलिंग का आकार बढ़ने लगा कहा जाता हैं कि कई बार शिवलिंग के आकार को नापा गया किंतु हर बार इसका आकार पिछली बार की तुलना में ज्यादा ही होता हैं इसके साथ ही शिवलिंग के आकार में बढ़ाव आज भी जारी हैऔर इसमें प्रकृति प्रदत्त जललहरी भी दिखाई देती हैं जो कि धीरे – धीरे भूमि के ऊपर आती हुई दिखती हैं यही कारण है कि यह भूतेश्वर महादेव के नाम से प्रचलित हैं.
जानते हैं आखिर क्यों बढ़ रहा है भूतेश्वर शिवलिंग का आकार :
भूतेश्वर शिवलिंग का आकार प्राकृतिक रूप से हर साल बढ़ता है. कई साल पहले इसकी ऊंचाई 65 फ़ीट और गोलाई 210 फ़ीट की थी किंतु दिनों दिन इसकी ऊंचाई और गोलाई धीरे – धीरे बढ़ती जा रही हैं. हर साल महाशिवरात्रि पर जब इसको नापा जाता है तो शिवलिंग का आकार बढ़ा हुआ मिलता है तो वहीं राजस्व विभाग के अनुसार हर साल इसमें 6 से 8 इंच की बढ़ोतरी हो रही हैं. वैज्ञानिकों ने भी प्रमाणता दिया है कि समय के साथ शिवलिंग का आकार बढ़ तो रहा है लेकिन इस रहस्य को सुलझा नही पा रहे हैं कि शिवलिंग का आकार बढ़ कैसे रहा है. इस शिवलिंग को स्वयंभू शिवलिंग भगवान शिव का चमत्कार कहा जाता हैं और ऐसी मान्यता है कि यह धरती से स्वयं प्रकट हुई है और जिस दिन इस शिवलिंग का बढ़ना रुक जाएगा उस दिन कलयुग का अंत हो जाएगा. मान्यता है कि इस भूतेश्वर शिवलिंग से सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
भूतेश्वर शिवलिंग के इतिहास :
धार्मिक पुराणों में इस स्थान को शिवासा कहा जाता हैं अर्थात “शिव का क्षेत्र” मान्यता है कि एक बार जब भगवान शिव, माँ पार्वती और गणेशजी आकाश मार्ग से जा रहे थे तब उन्होंने इस शिवलिंग को देखकर यहां अपनी उपस्थिति से इसको जीवंत कर दिया कहा जाता हैं कि भूतेश्वर शिवलिंग के नजदीक बैल सरीखी आवाज उनके वाहन नंदी के रंभाने की आती है चूंकि बैल की आवाज को स्थानीय भाषा में भकरुना कहा जाता हैं इसलिए इस शिवलिंग को भकुर्रा महादेव कहा जाता हैं.
भूतेश्वर महादेव की महत्ता :
हर साल सावन माह में यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता हैं विशेषकर सावन के महीने के प्रत्येक सोमवार को कांवरिए भगवान शिव को जल को अर्पित करने सुबह से आने लगते हैं. इस स्थान के बारे में मान्यता है कि केवल छत्तीसगढ़ के ही नहीं बल्कि दूसरे प्रांतों व राज्यों से महादेव के भक्त इनकी आराधना करने के लिए यहां पहुँचते हैं. हर साल समिति की ओर से इस मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए कई तरह की व्यवस्थाएं किया जाता हैं जिससे कि शिव भक्तों को कोई भी परेशानी नहीं हो सकें.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) भूतेश्वर शिवलिंग किस राज्य में स्थित हैं ?
छत्तीसगढ़.
2) भूतेश्वर महादेव को और किस नाम से जाना जाता हैं ?
भकुर्रा महादेव.
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