Shiv Ji | भगवान शिव की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि और शांति बनी रहती हैं और जीवन के हर दुःखों का नाश हो जाता हैं भगवान शिव इतने भोले होते हैं कि कोई भी भक्त उनको सच्चे मन से भक्ति करके प्रसन्न करने के साथ शुभ फलों को भी प्राप्त करते हैं किंतु शिवजी की पूजा में कुछ नियमों का भी पालन करना जरूरी होता हैं माना जाता हैं कि जो भी भक्त शिव पूजन के समय इन नियमों का पालन नहीं करता है तो उसे शिव की कृपा नही मिल पाती और जीवन में दुखों का भी प्रवेश होने लगता हैं. सारे नियमों में से एक नियम है शिवजी के पूजा में कुछ चीजों का उपयोग नहीं करने का.
Shiv Ji | तो आइए जानते हैं कि भगवान शिव की पूजा में किन चीजों को शामिल नहीं करना चाहिए:
1) शंख का उपयोग –
शिवजी की पूजा में शंख को शामिल नहीं करना चाहिए वैसे तो कहीं कहीं कुछ लोग शंख से जलाभिषेक किया करते हैं किंतु ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि धार्मिक कथा के अनुसार भगवान शिव ने शंखचूर्ण नामक राक्षस का वध किया था और इसी वजह से शिवजी की पूजा में भूलकर भी शंख का उपयोग नहीं करना चाहिए.
2) हल्दी का उपयोग –
भगवान शिव की पूजा में हल्दी का उपयोग नही करना चाहिए क्योंकि माना जाता हैं कि हल्दी शुभ कार्यों में (मांगलिक प्रसंग) उपयोग में लाया जाता हैं लेकिन भगवान शिव श्मशान में वास करते हैं यही वजह है कि शिवजी की पूजा में कभी भी हल्दी को शामिल नहीं करें.
3) खंडित चावल –
टूटे हुए चावल या फिर खंडित चावल का इस्तेमाल किसी भी पूजा में नही होता लेकिन शिवजी के पूजा में तो भूलकर भी खंडित चावल को शामिल नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से भगवान शिव की पूजा का फल नहीं मिल पाता.
4) सिंदूर या कुमकुम –
मान्यता है कि भगवान की पूजा में लाल सिंदूर और कुमकुम को चढ़ाने से शुभ फल की प्राप्ति होती हैं किंतु भगवान शिव की पूजा में सिंदूर या कुमकुम का इस्तेमाल न करके चंदन का उपयोग किया जाता हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि शिवजी वैरागी हैं और उन्हें लाल सिंदूर चढ़ाने से उनका अपमान होता हैं.
5) तिल का उपयोग –
भगवान शिव की पूजा में भूलकर भी तिल का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि माना गया है कि तिल भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न होने के कारण इसे भगवान विष्णु को अर्पित किया जाता हैं किंतु तिल के इस्तेमाल भगवान शिव की पूजा में करने से शिवजी की कृपा प्राप्त नहीं होती हैं.
6) केतकी का फूल –
पौराणिक कथा के अनुसार केतकी के फूल को भगवान शिवजी की पूजा के लिए श्रापित माना जाता हैं इसलिए भूलकर भी भगवान शिव की पूजन में केतकी के फूल को शामिल नही करना चाहिए क्योंकि कहा जाता हैं कि केतकी के फूल को चढ़ाने से भगवान शिव की नाराजगी का सामना करना पड़ता है इसलिए शिवजी की पुजा में सफेद फूलों को चढ़ना शुभ माना गया है.
7) तुलसी का पत्ता –
तुलसी को भगवान विष्णु की पत्नी कहा जाता हैं क्योंकि तुलसी ने अपनी तपस्या से भगवान विष्णु को पति रूप में पाया था और यहीं कारण हैं कि इनकी पूजा भगवान विष्णु के साथ ही किया जाता हैं लेकिन भगवान शिव जी के पूजा में विष्णु प्रिया तुलसी को चढ़ना पाप माना जाता हैं ऐसा कहा जाता हैं कि शिवजी तुलसी के ज्येष्ठ के समान है इसलिए भगवान शिव की पूजा में भूलकर भी तुलसी की पत्तियों को शामिल नहीं करना चाहिए.
8) नारियल का पानी –
भगवान शिव को हमेशा जल की धारा पसंद आया करती हैं लेकिन कभी भी शिवजी को नारियल पानी नहीं अर्पित करना चाहिए क्योंकि मान्यता है कि नारियल पानी चढ़ाने से भक्ति का उल्टा फल प्राप्त हो सकता है.
9) लाल फूल –
भगवान शिव की पूजा में लाल रंग की किसी भी चीजों का उपयोग नहीं होता किन्तु मुख्य रूप से लाल रंग जैसे कि गुड़हल के इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता हैं कि इन लाल फूलों का इस्तेमाल शिवजी की पूजा में करने से शिवजी प्रसन्न होने के बजाय क्रोधित भी हो सकते हैं.
10) कटे फ़टे हुए बेल पत्र –
धार्मिक मान्यता है कि भगवान शिव को बेल पत्र बहुत ही प्रिय हैं और इसे शिवजी की पूजा में चढ़ाने से शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होता है लेकिन कभी भी शिवजी को कटे फटे हुए बेल पत्र नहीं चढ़ाने चाहिए ध्यान रखें कि जब भी बेलपत्र भगवान शिव को चढ़ाये तो तीन पत्तियों वाले ही चढ़ाये.
अगर भगवान शिव की पूजा का पूर्ण फल प्राप्त करना है तो बताये हुए इन चीजों को शिव पूजन में शामिल नही करें.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
भगवान शिव ने किस राक्षस का वध किया था ?
शंखचूर्ण राक्षस
भगवान शिव की पूजा में किस फूलों को चढ़ना नही चाहिए ?
केतकी और लाल रंग के फूलों को
तुलसी किस भगवान की प्रिय मानी जाती हैं ?
भगवान विष्णु.
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