Navratri | नवरात्रि में दुर्गा माँ के नौ स्वरूपों को चढ़ाएं उनके प्रिय पुष्प, पूरी होगी सारी मनोकामनाएं.

Navratri Flowers for 9 days

Navratri | नवरात्रि के नौ दिन दुर्गा माँ के अलग अलग स्वरूपों की भक्त सच्चे मन से आराधना व पूजा पाठ किया करते हैं नवरात्रि के पावन दिनों में माँ आदिशक्ति भगवती की सेवा और पूजा करने से घर में सुख समृद्धि, खुशहाली और शांति का आगमन होता हैं. नवरात्रि के नौ दिनों माँ भगवती दुर्गा (Maa Durga) के नौ स्वरूपों जिनमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि महागौरी और सिद्धिदात्री माता की पूजा पाठ करने का करने का विधान है. इन नौ दिनों तक माता को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए भक्त व्रत और पूजन बहुत ही श्रद्धा भाव से किया करते है.

नवरात्रि की पूजा में पुष्प को चढ़ाने का बहुत महत्व होता है मान्यता है कि दुर्गा माता के अलग अलग स्वरूपों की पूजा करते समय उन्हें अलग अलग पुष्प (Navratri Flowers for 9 days) अर्पित करने से माँ भगवती प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाती हैं क्योंकि धार्मिक शास्त्रों में बताया गया है कि विशेष पुष्पों में विशिष्ट देवी देवता के पवित्रक,यानि कि उस देवी देवता के सूक्ष्म से भी सूक्ष्म कण आकर्षित करने की क्षमता अन्य दूसरे पुष्पों की तुलना में अधिक होती हैं जिससे जब यह पुष्प मूर्ति व प्रतिमा पर चढ़ाये जाते हैं तो साधक को प्रतिमा के चैतन्य का लाभ बहुत जल्दी से मिलता है इसलिए नवरात्रि के नौ दिनों में नौ अलग अलग तरह के पुष्प माता को चढ़ाने चाहिए.

Navratri | आइए जानते हैं कि कौन सी माता को कौन से पुष्प चढ़ाने चाहिए : –

During Navratri, offer their favorite flowers to the nine forms of Maa Durga, according to their days of worship

1) पहला दिन :

नवरात्रि के पहले दिन माँ भगवती के शैलपुत्री रूप की पूजा होती हैं इस दिन माता को गुड़हल का पुष्प या फिर सफेद कनेर का पुष्प चढ़ा सकते हैं माना जाता है कि शैलपुत्री माता को सफेद कनेर के पुष्प बहुत ही प्रिय है जिसको अर्पित करने से भक्त के जीवन में स्थिरता आती है और साथ में तनाव भी दूर होते हैं.

2) दूसरा दिन :

नवरात्रि के दूसरे दिन दुर्गा माँ के द्वितीय स्वरूप ब्रह्मचारिणी माता की पूजा होती हैं इस माता की पूजा में गुलदाउदी का पुष्प और वटवृक्ष के पुष्प चढ़ाएं इससे बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होने के साथ ही जीवन में सफलता की भी प्राप्ति होती हैं.

3) तीसरा दिन :

नवरात्रों के तीसरे दिन माँ दुर्गा के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा माता की पूजा होती हैं और इस दिन  माता को कमल का पुष्प और शंखपुष्पी के पुष्प को चढ़ना चाहिए क्योंकि माना गया है कि इससे आर्थिक स्थिति मजबूत होती हैं धन की कमी नहीं होती और घर में खुशहाली आती हैं.

4) चौथा दिन :

नवरात्रि के चौथे दिन माँ दुर्गा के चौथा स्वरूप कुष्मांडा माता का है जिनको चमेली के पुष्प या फिर पीले रंग का कोई भी पुष्प चढ़ाने से देवी माँ प्रसन्न होती है और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देती हैं.

5) पांचवा दिन :

नवरात्रि के पांचवे दिन माँ दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा होती हैं इनको पीले रंग का पुष्प बहुत अधिक प्रिय हैं मान्यता है कि इन पुष्पों को चढ़ाने से माता प्रसन्न होने के साथ ही संतान सुख की प्राप्ति हैं और घर में खुशहाली आती हैं.

6) छठा दिन :

नवरात्रि के छठवें दिन माँ भगवती के छठा स्वरूप कात्यायनी माता का हैं जिनको गेंदे के पुष्प और बेर के वृक्ष का पुष्प बहुत प्रिय हैं और इन पुष्पों को चढ़ाने से देवी माता बहुत प्रसन्न होकर जातक को शीघ्र विवाह होने का आशीर्वाद देती हैं.

7) सातवां दिन :

नवरात्रि के सातवें दिन माँ भगवती के सातवें स्वरूप में रौद्ररूप कालरात्रि माता की पूजा की जाती हैं. कालरात्रि माता को नीले रंग का कृष्ण कमल का पुष्प, रात रानी का पुष्प या फिर गेंदा का पुष्प चढ़ना चाहिए मान्यता है कि इन पुष्पों को चढ़ाने से शत्रुओं का सामना करने की शक्ति मिलती है और साथ ही शत्रुओं पर विजय भी प्राप्त होता हैं.

8) आठवां दिन :

नवरात्रि के आठवें दिन माँ भगवती के महागौरी स्वरूप की पूजा होती हैं इस महाअष्टमी वाले दिन महागौरी माता को मोगरे का पुष्प विशेष रूप से बहुत प्रिय हैं और इस पुष्प को चढ़ाने से देवी माँ प्रसन्न होती हैं और माता की प्रसन्नता से वैवाहिक जीवन में मिठास आती हैं और परिवार में एकता बढ़ती है.

9) नौवां दिन :

नवरात्रि के अंतिम दिन देवी माँ के नौवां स्वरूप माँ सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना होती हैं जिनको चंपा और गुड़हल दोनों ही पुष्प बहुत ही प्रिय हैं इन पुष्पों को सिद्धिदात्री माता के पूजन में चढ़ाने से भक्तों को माँ की कृपा मिलने के साथ ही भौतिक सुखों की भी प्राप्ति होती हैं.

इस बार के नवरात्रि में माता (Maa Durga) के अलग अलग स्वरूपों को उनके प्रिय पुष्प को चढ़ा कर माँ भगवती की कृपा और आशीर्वाद मिलने के साथ ही अपनी मनोकामना भी पूर्ण करें.


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 FAQ – सामान्य प्रश्न

नवरात्रि में माँ आदिशक्ति भवानी के कितने स्वरूपों की पूजा होती हैं ?

नौ स्वरूपों की

माता के किस स्वरूप की पूजा में वटवृक्ष के पुष्पों को चढ़ाये जाते हैं ?

ब्रह्मचारिणी माता.

चंद्रघंटा माता की पूजा में किस पुष्प को चढ़ाने से धन की कमी नहीं रहती ?

शंखपुष्पी.

माँ भगवती के किस स्वरूप का रौद्र रूप हैं?

कालरात्रि माता 

माता के किस स्वरूप की पूजा करने से शीघ्र विवाह होने का योग बनता हैं ?

कात्यायनी माता. 


अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.