Ganesh Visarjan 2023 | घर में पधारें गणपति का विसर्जन कब करें, क्यों ज़रूरी है मूर्ति विसर्जन और जानेंगे विसर्जन की विधि, नियम व महत्व को.

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Ganesh Visarjan 2023 | हिन्दू धर्म में गणपति की पूजा के साथ उनके विसर्जन का भी बहुत महत्व होता हैं. इस पूजन में भगवान गणपति की मिट्टी की मूर्तियों को जल निकायों में विसर्जन किया जाता हैं जो कि गणपति की अपने घर वापसी यानि कि कैलाश पर्वत पर प्रस्थान करने का प्रतीक होता हैं माना गया है कि हिन्दू परिवारों में गणपति केवल भगवान ही नहीं बल्कि परिवार में एक सदस्य के रूप में होते है जो हर साल अपने भक्तों के घर में कुछ दिन तक ठहरते हैं और फिर वापस अपने घर के लिए चले जाते हैं.

गणेश चतुर्थी पर गणपति घर में पधारने के बाद दस (10) दिनों तक उनका विशेष पूजन किया जाता हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन उनकी विदाई की जाती हैं मान्यता है कि विदाई के समय गणपति अपने साथ सभी प्रकार के विध्न भी लेकर चले जाते हैं जिस प्रकार से गणपति का आगमन धूमधाम से किया जाता हैं ठीक उसी तरह से उनका विसर्जन भी अच्छी तरह से और नियमों के साथ करना चाहिए.

Ganesh Visarjan 2023 | गणपति विसर्जन 2023 की तिथि और शुभ मुहूर्त :

हिन्दू पंचाग के अनुसार भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत होगी 27 सितंबर की रात्रि के 10 बजकर 18 मिनट से लेकर 28 सितंबर की शाम 06 बजकर 49 मिनट तक. उदया तिथि के अनुसार अनंत चतुर्दशी होगी 28 सितंबर दिन गुरुवार को और गणपति विसर्जन 28 सितंबर 2023 दिन गुरुवार को किया जाएगा.

अंनत चतुर्दशी तिथि में गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त :

अंनत चतुर्दशी 28 सितंबर 2023 गुरुवार के दिन गणपति विसर्जन (Ganpati Visarjan Muhurat 2023) के तीन शुभ मुहूर्त हैं –

1) पहला शुभ मुहूर्त हैं : 28 सितंबर दिन गुरुवार की सुबह 06 बजकर 11 मिनट से लेकर सुबह के 07 बजकर 40 मिनट तक.

2) दूसरा शुभ मुहूर्त हैं : 28 सितंबर गुरुवार को सुबह 10 बजकर 42 मिनट से लेकर दोपहर के 03 बजकर 10 मिनट तक.

3) तीसरा शुभ मुहूर्त है : 28 सितंबर गुरुवार की शाम 04 बजकर 41 मिनट से लेकर रात्रि के 09 बजकर 10 मिनट तक.

  इन मुहूर्त में कभी भी गणपति विसर्जन किया जा सकता है.

Ganesh Visarjan 2023 | क्यों जरूरी है मूर्ति का विसर्जन :

हिन्दू धर्म शास्त्रों और वेद पुराणों के अनुसार सभी देवी देवताओं को मंत्रों से बांधा जाता है. कई तरह के शुभ अवसरों में देवी देवताओं इन्हीं मंत्रों का पाठ करके घर में विराजने का आह्वान करते हैं और उन्हें कुछ विशेष मंत्रों से घर में रोका जाता हैं कहा जाता हैं कि देवी देवताओं को प्रसन्न करने के लिए मंत्रों का उच्चारण बहुत महत्व रखता है. मान्यता है कि देवतागण स्वर्ग लोक में विराजते हैं और ऐसे में पृथ्वी पर रहने वाले गणपति को अपने लोक व घर में बुलाकर मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा करते हैं तब उनको मंत्रों के द्वारा कुछ दिनों के लिए घर में रुकने का आह्वान करते हैं इन दस दिनों तक गणपति पृथ्वी लोक व घरों में विराजमान होते हैं और गणपति की मूर्ति को दस दिनों के बाद  विसर्जन इसलिए किया जाता हैं कि ताकि गणपति फिर से वापस अपने जगह पर लौट जाएं इसी प्रकार से बाकी सभी देवी देवताओं का भी विसर्जन भी किया जाता हैं केवल माता लक्ष्मी और सरस्वती को विसर्जित नहीं किया जाता हैं.

Ganesh Visarjan 2023 | आइए जानते है गणपति विसर्जन की विधि :

1) गणपति भगवान गणेश को विसर्जन करने से पहले उसी तरह से पूजा अर्चना करनी है जैसे की गणेश चतुर्थी से लेकर अब तक करते आएं हैं और उनकी प्रिय चीज दूर्वा, हल्दी, कुमकुम, माला, नारियल और अक्षत अर्पित करें.

2) इसके बाद गणपति को मोदक, लड्डू का भोग लगाने के बाद धूप, दीपक जलाकर ॐ गणपतये नमः का जाप करना चाहिए.

3) गणेश अथवरशीर्ष का पाठ करके प्रार्थना करना चाहिए कि गणपति घर में सुख शांति बनाए रखें.

4) गणेशजी को नए वस्त्र पहनाकर उसमें पंचमेवा, सुपारी, लड्डू और कुछ धन बांध दें

5) गणपति की विधिवत पूजा करने के बाद हवन करें हो सकें तो हवन सामग्री में काली मिर्च  और जीरा डालकर हवन करें तंत्र शास्त्र का मानना है कि यह धनदायक होता हैं.

6) गणपति की पूजा करने के बाद इनकी आरती करें और इसके बाद दोनों हाथ जोड़कर गणेशजी से प्रार्थना कर लेना चाहिए कि अगर दस दिनों की पूजा के समय जो भी भूल चूक या फिर गलती हुई है तो उसके लिए क्षमा कर दें.

7) गणपति से श्रद्धा पूर्वक अपने स्थान को विदा होने की प्रार्थना करें इसके बाद पहले मूर्ति को प्रणाम करके चरण स्पर्श करें और फिर आज्ञा लेकर श्रद्धा के साथ मूर्ति को उठाएं.

8) अब सभी गणपति बप्पा मोरिया के नारे लगाते हुए गणपति की मूर्ति को अपने सिर या फिर कंधे पर रखकर जयकारें के साथ घर से विदा करने के लिए विसर्जन स्थान पर लें जाएं.

9) विसर्जन के स्थान पर ध्यान रखें की गणपति का विसर्जन करने से पहले कपूर से उनकी आरती करें.इसके बाद खुशी के साथ विदा करें.

10) गणपति जी को विदा करते समय अगले साल जल्दी आने की प्रार्थना करने के साथ ही भूल चूक के लिए माफी मांग लें और साथ ही सारे वस्त्र और पूजन सामग्री को भी आदर के साथ प्रवाहित करें.

Ganesh Visarjan 2023 | अब जान लेते हैं घर में कैसे करें गणपति विसर्जन :

एक बड़े साफ बर्तन में जल को भर ले और उसमें गंगाजल को मिला दें जिससे कि जल पवित्र हो जाएं इसके बाद जल को स्पर्श करके गंगा, यमुना, सरस्वती नर्मदा, कावेरी और सिंधु नदी का ध्यान कर लें इसके बाद गणपति की मूर्ति को जल में धीमें धीमें रखें इसके साथ ही मंत्र ॐ श्री गणेशाय नमः को बोलते जाएं और इसमें हाथों से जल डालें अब मूर्ति को गलने के लिए छोड़ दें और जब मूर्ति गल जाएं तो इसके मिट्टी को किसी गमले में डालकर कोई पवित्र पौधा लगा दें लेकिन ध्यान से गमले को ऐसी जगह पर रखें जहां पर किसी का पैर न लगें.

Ganesh Visarjan 2023 | गणपति विसर्जन के नियम को :

1) गणपति का विसर्जन करने से पहले क्षमा प्रार्थना जरूर करनी चाहिए.

2) गणपति विसर्जन के समय गणपति का मुख सामने की ओर होना चाहिए आगे मुख करके विसर्जन नहीं करना चाहिए.

3) गणपति बप्पा को आराम के साथ पूरे सम्मान के साथ विसर्जित करनी चाहिए इसके अलावा सभी सामग्री को सम्मान के साथ प्रवाहित करें.

4) गणेश उत्सव के दस दिनों में अपने द्वारा की गई गलतियों की क्षमा गणपति से मांगने के साथ अगले साल जल्दी आने की कामना अवश्य करनी चाहिए.

5) जिस घर में गणपति पधारें हैं तो भूलकर भी गणपति की विदाई होने तक  मांस मदिरा का सेवन नही करना चाहिए.

Ganesh Visarjan 2023 | गणपति विसर्जन के महत्व को :

जब घरों में गणपति की मूर्ति लाते हैं और प्राण प्रतिष्ठा किया जाता हैं तो मंत्रों के द्वारा से गणपति का आह्वान किया जाता हैं किंतु हिन्दू मान्यता के अनुसार जो भी पृथ्वी लोक पर आया है या फिर इस ग्रह पर जन्म हुआ है उसका जाना भी जरूरी है गणपति विसर्जन इसी जन्म मृत्यु के चक्र का प्रतीक हैं. अनुष्ठान के आधार पर तीसरे, पांचवे, सातवें दिन और ग्यारवें दिन गणपति  विसर्जन में भगवान गणेश की मूर्ति की विदाई दी जाती हैं और उसे जल में विसर्जित कर दिया जाता हैं.


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FAQ – सामान्य प्रश्न

गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किस तिथि में किया जाता है?

भाद्रपद मास की शुक्लपक्ष की चतुर्दशी तिथि.

गणपति की पूजा में किस मंत्र का जाप करना चाहिए ?

ॐ गं गणपतये नमः.


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