Shiv Mahapuran Katha | अमलेश्वर पाटन की पावन धरा पर सात दिवसीय समर्पण शिव महापुराण कथा पंडित प्रदीप मिश्रा जी के श्री मुख से 27 मई से 2 जून 2024 दोपहर 01 बजे से 04 बजे के बीच चल रही है. इस कथा के मुख्य आयोजक जिला पंचायत दुर्ग के सभापति मोनू साहूजी, समाजसेवी विशाल खंडेलवाल और पवन खंडेलवालजी है. इस शिव महापुराण कथा को सुनने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालुओं और भक्तों का आना हुआ. आयोजकों के अनुमान से बढ़कर श्रद्धालुओं के पहुंचने से पहली दिन में ही सभी पंडाल पूरी तरह खचाखच भर गया. इसके खातिर आयोजकों ने और तीन डोम और टेंट लगाएं गए, वह भी भक्तों से भर गए बताया जाता हैं कि छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में अब तक जितने भी कथा हुई हैं उसमें सबसे बड़ी पंडाल अम्लेश्वर में बनाया गया है. शिव भक्तों का लाखों की संख्या में कथा स्थल पर आना ऐसा प्रतीत होता है कि अम्लेश्वर (Amleshvar, Chhattisgarh) में शिव भक्तों का कुम्भ जैसा महासैलाब प्रचण्ड गर्मी को भी मात दे दिया हो.
पंडित प्रदीप मिश्रा जी (Pandit Pradeep Mishra) इस समर्पण शिव महापुराण कथा (Shiv Mahapuran Katha) को बहुत ही सहज और सरल शब्दों में वाचते हुए भक्तों को बताया कि शिव बिंदु है, ज्योतिबिंद के रूप में विराजमान हैं इसी बिंदु में पूरा ब्रह्मांड समाया है जो सृष्टि की रक्षा करता है, पालन करता है, संहार करता है शिव पर केवल हृदय से समपर्ण हो जाओ वह सब दे देंगे, भोलेनाथ को छप्पनभोग की जरूरत नहीं. मन, कर्म, सच्चे मन से एक लोटा जल चढ़ा दो वे आपको छप्पन भोग खाने जैसा फल देगा, भक्तों के हृदय में भगवान भोलेनाथ विराजते हैं. अपनी कथा में पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने पूर्ण समपर्ण और अधूरा समर्पण को विस्तार से समझाते हुए कहा कि अपनी मेहनत से कमाई गई वस्तु भगवान भोले पर अर्पण करते हो तो वह पूर्णसमर्पण है यदि पड़ोसी के घर, किसी के द्वारा लाया गया जल को आप चढ़ाते हो तो वह अधूरा समर्पण है जिसका फल भोलेनाथ नहीं देते हैं.
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अपनी कथा में भक्तों को बहुत ही सरल शब्दों में पंडित मिश्राजी ने कहा कि लाइट का बिल भरते हो तो लाइट का सुख पाते हो, मोबाइल का बिल भरते हो तो मोबाइल का सुख पाते हो, उसी तरह भगवान के नाम का भी बिल भरते रहो, भजन का बिल बढ़ाते रहे, तो भगवान जीवन का सुख प्रदान करते रहेंगे. इसके अलावा कथावाचक ने पशुपति नाथ व्रत के नियम पालन के भी तरीके को बताने के साथ उन्होंने भक्तों के पत्रों को भी पढ़ा, जिसमें बिलासपुर जिले के कोटा ग्राम लारीवार के निवासी पूर्णिमा पति राम भरोसा का 21 साल बाद संतान होने का उल्लेख करते हुए कहा की बच्चेदानी में खराबी थी पर सच्चे मन से पशुपति नाथ का पूजन किया तो आज उनके गोद में एक बालक खेल रहा है.
कथा | समर्पण शिव महापुराण कथा |
कथा वाचक | श्री पंडित प्रदीप मिश्रा |
मुख्य आयोजक | मोनू साहू जी, विशाल खंडेलवाल जी और पवन खंडेलवाल जी |
कथा की तिथि | 27 मई 2024 से 02 जून 2024 |
कथा का समय | दोपहर 01 बजे से 04 बजे |
कथा का स्थान | तिरंगा चौक, महादेव घाट, अम्लेश्वर पाटन जिला – दुर्ग (छत्तीसगढ़) |
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02 जून 2024, रविवार को कथा का विराम दिन है. जिसका समय सुबह के 08 बजे से 11 बजे तक रहेगा. अगर आप सात दिवसीय कथा के बाकी दिन पंडाल नहीं पहुंच सके तो कथा के विराम दिन अवश्य जाएं क्योंकि पंडित प्रदीप मिश्रा जी हर कथा के विराम दिन के बारे में कहते हैं कि जैसे घर में कोई मेहमान आते हैं और जाने वाले दिन घर वाले को कुछ ना कुछ देकर जाते हैं ठीक इसी तरह देवों के देव महादेव कथा स्थल से जब विदा होते हैं तो भक्तों को अपना आशीर्वाद और कृपा देकर ही जाते हैं. इसलिए आप भी विराम दिवस की कथा का श्रवण अवश्य करें जिससे कि भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद और कृपा आपको भी मिले.
अमलेश्वर पाटन (दुर्ग) के बाद पंडित प्रदीप मिश्रा जी की अगली कथा गंडई छुईखदान छत्तीसगढ़ में 18 जून 2024 से उमा महेश शिव महापुराण कथा का आयोजन होने वाला है जिसके पूरी जानकारी बहुत ही जल्द लेकर आएंगे.
FAQ – सामान्य प्रश्न
पंडित प्रदीप मिश्रा जी की अगली कथा कहां है?
गंडई छुईखदान छत्तीसगढ़ में 18 जून 2024 से
अम्लेश्वर पाटन, छत्तीसगढ़ में होने वाली शिवमहापुराण कथा की तिथि कब से कब तक है
27 मई 2024 से 02 जून 2024
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