Rules for the home temple | हिंदू धर्म से जुड़ें प्रत्येक घर में पूजा के लिए एक पूजा घर या फिर मंदिर होता है जहां रोजाना नियमित रूप सभी देवी – देवताओं और अपने आराध्य देव की पूजा अर्चना किया जाता हैं. घर का मंदिर सबसे पवित्र स्थान होने के साथ ही यह सकारात्मक ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत भी माना जाता हैं. घर के मंदिर की सकारात्मक ऊर्जा को बनाएं रखने के लिए वास्तु शास्त्र के कुछ नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए जिससे कि घर में सदैव माँ लक्ष्मी वास होने के साथ ही उनकी कृपा मिलती रहें जिससे कि जीवन में सुख – समृद्धि की कमी नहीं हो और धन में भी वृद्धि होती रहें.
Rules for the home temple | घर के मंदिर के नियम जिसका पालन अवश्य करना चाहिए :
1) घर का मंदिर कैसा होना चाहिए :
घर का मंदिर अपनी सुविधानुसार लकड़ी या पत्थर का बनवाया जा सकता है या फिर घर की सीमेंट की अलमारी या घर के किसी कोने में भी आसन लगाकर मंदिर को स्थापित किया जा सकता है लेकिन घर का मंदिर जहां भी बनाएं वहां पर स्वच्छता और साफ – सफाई का पूरा पालन करें और इसके अलावा घर के मंदिर को सदैव ईशान कोण में रखें मान्यता है कि इस दिशा में देवी – देवता का वास माना जाता है यही कारण है कि यह दिशा सबसे पवित्र कहलाती हैं.
2) घर के मंदिर को पूर्व दिशा या फिर उत्तर – पूर्व दिशा में रखें :
वास्तु शास्त्र के अनुसार जिस दिशा से सूर्योदय होता है यानि कि पूर्व दिशा और इसको बहुत शुभ मानी जाती है. मान्यता है कि इस दिशा में मंदिर को रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. घर के मंदिर को ईशान कोण यानि कि पूर्व – उत्तर दिशा में रखें और अगर इस दिशा में खिड़की हो तो घर की मंदिर की शुभता और से सकारात्मकता बनी रहती हैं इसलिए हो सके तो घर के मंदिर को पूर्व दिशा में रखें जिससे कि मन हमेशा सकारात्मक और ऊर्जावान बने रहेंगे.
3) मूर्तियों को दीवार से सटाकर नहीं रखें :
घर के मंदिर में देवी – देवताओं की मूर्तियों को दीवार से कभी भी सटाकर नहीं रखना चाहिए. मान्यता है कि दीवार से सटाकर मूर्तियों को रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है इसलिए भगवान की मूर्तियों को दीवार से दूर या फिर आगे सराकर रखें इसके अलावा यह भी माना जाता है कि पूजा पाठ से जुड़े मंगल काम करते समय पीठ को दीवार से टिकाकर भी नहीं बैठना चाहिए लेकिन अगर स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या है तो दीवार से टिकाकर बैठ सकते हैं.
4) घर के मंदिर में सूखे फूलों की माला को नहीं रखें :
घर के मंदिर में रखें भगवान की पूजा करने में रोजाना उनको फूल या फूलमाला को चढ़ाते हैं लेकिन फूलमाला को यूं ही कुछ दिनों तक मूर्तियों पर चढ़ी रह जाती है जिसे ऐसे नहीं रखना चाहिए मान्यता है कि घर के मंदिर में सूखे फूल या फूलमाला रहने पर वास्तु दोष पैदा हो सकती हैं.
5) घर के मंदिर में किसी की भगवान की दो मूर्तियों को एक साथ नहीं रखें :
घर के मंदिर में इन भगवान की दो या इससे ज्यादा मूर्तियों को नही रखना चाहिए जैसे कि दो शिवलिंग, दो शालिग्राम, दो शंख, दो सूर्य – प्रतिमा, तीन गणेश जी की मूर्ति और तीन देवी माँ की मूर्तियों को नहीं रखना चाहिए मान्यता है कि इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है.
6) घर के मंदिर में मूर्तियों को आसन पर रखें :
घर के मंदिर में मूर्तियों को स्थापित करने से पहले मंदिर में आसन यानि कि एक स्वच्छ कपड़ा बिछाएं फिर इस आसन के ऊपर ही मूर्तियों को स्थापित करें और अगर घर की अलमारी में भी मूर्तियों को स्थापित कर रहे हैं तो भी उसमें पहले आसन को बिछा देना चाहिए.
7) घर के मंदिर को कभी शयनकक्ष में नहीं रखें :
आजकल जगह की कमी के कारण शयनकक्ष में घर के मंदिर को स्थापित किया जाता हैं अगर ऐसा करना पड़े तो घर के मंदिर को शयनकक्ष में स्थापित करें तो ध्यान रखना चाहिए कि शयनकक्ष में बिस्तर ऐसी दिशा में नहीं रखें जहां पैर मंदिर की दिशा की ओर आते हो इसके साथ ही बिस्तर को मंदिर से कुछ दूरी पर ही रखना चाहिए.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) घर के मंदिर को किस दिशा में स्थापित करना चाहिए ?
घर के पूर्व या उत्तर – पूर्व दिशा.
2) घर के मंदिर में भगवान गणेश की कितनी मूर्तियों को नहीं रखना चाहिए ?
तीन मूर्तियां.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.