Guru Purnima 2025 | हिन्दू धर्म में गुरु पूर्णिमा का बहुत ही विशेष महत्व होता है और आषाढ़ मास में पड़ने वाली पूर्णिमा महर्षि वेदव्यास को समर्पित है. मान्यताओं के अनुसार आषाढ़ की पूर्णिमा तिथि को महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था इसलिए इस पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के साथ-साथ वेद व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है. महर्षि वेदव्यास ने पहली बार मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था इसलिए इन्हें प्रथम गुरु की उपाधि दी जाती है. सनातन धर्म में उल्लेख है कि गुरु के बिना ज्ञान का अर्जन नहीं होता है और गुरु अपने शिष्य के जीवन में फैली हुई समस्त अंधेरे को दूर करके उनके जीवन में सही राह दिखाते हैं और गुरु वचनों का अनुसरण करके शिष्य या व्यक्ति अपने जीवन में बहुत जल्दी सफलता प्राप्त करता है इसलिए गुरु की सेवा और पूजा हमेशा करनी चाहिए. गुरु पूर्णिमा के दिन (Guru Purnima 2025 date) भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की भी पूजा का विशेष महत्व होता है.
जानते हैं साल 2025 में कब है गुरु पूर्णिमा और क्या है शुभ मुहूर्त :
हिंदी पंचाग के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होगी 10 जुलाई 2025 दिन गुरुवार की सुबह 01 बजकर 36 मिनट से लेकर 11 जुलाई 2025 दिन शुक्रवार की सुबह 02 बजकर 06 मिनट तक.
ऐसे में गुरु पूर्णिमा, आषाढ़ पूर्णिमा या वेद व्यास पूर्णिमा 10 जुलाई 2025 दिन गुरुवार को मनाई जाएगी.
गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि :
1) गुरु पूर्णिमा के पावन दिन जल्दी सुबह उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. गुरु पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने का महत्व है लेकिन अगर इस दिन नदी जाने में असमर्थ है तो घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें.
2) स्नान करने के बाद अपने गुरु का ध्यान करते हुए सूर्य भगवान को अर्ध्य देने के बाद हो सकें तो व्रत का संकल्प लेते हुए घर की मंदिर की साफ सफाई करके दीप को प्रज्वलित करें.
3) इसके बाद सभी देवी देवताओं का गंगाजल से अभिषेक करें.
4) गुरु पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा अर्चना का विशेष महत्व होता है.
5) भगवान विष्णु को सात्विक चीजों का भोग लगे लेकिन ध्यान दें कि भगवान विष्णु के भोग में तुलसी दल को जरूर शामिल करें क्योंकि धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु तुलसी दल के बिना कोई भी भोग स्वीकार नहीं करते हैं.
6) भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें और इसके साथ इस पावन दिन जितना हो सके भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अधिक से अधिक ध्यान लगाने के अलावा ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें.
7) गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेदव्यास जी की पूजा अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.
8) गुरु पूर्णिमा के दिन अपने-अपने गुरुओं का ध्यान जरूर करना चाहिए क्योंकि धार्मिक मान्यता है कि गुरु कृपा से व्यक्ति का जीवन आनंद से भर जाता है.
9) गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है इसलिए चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा करना चाहिए कहा जाता है कि चंद्रमा को अर्ध्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है.
10) गुरु पूर्णिमा के दिन जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए और अगर घर के आस-पास गए हो तो गाय को भोजन अवश्य करना चाहिए क्योंकि गाय को भोजन करने से कई तरह के दोषों से मुक्ति मिलती है.
गुरु पूर्णिमा का महत्व :
धार्मिक ग्रंथो के अनुसार महर्षि वेदव्यास को विष्णु जी ने चारों वेदों का ज्ञान दिया था यही कारण है कि उन्हें इस संसार का पहला गुरु माना जाता है और गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरुओं की पूजा करने के लिए बहुत ही विशेष होता है और हिंदू धर्म में भगवान से बड़े गुरु को माना गया है क्योंकि भगवान का महत्व हमारे जीवन में क्या है यह गुरु से ही मिलता हैं. कहा जाता हैं कि अच्छे – बुरे संस्कारों ,धर्म धर्म आदि का ज्ञान विश्व में गुरु के द्वारा ही अपने शिष्यों को दिया जाता हैं धार्मिक मान्यता है कि मनुष्य को अपने जीवन में एक गुरु बनाना चाहिए इससे उस मनुष्य को जीवन में मार्गदर्शन मिलता है और उनके जीवन के कष्ट दूर होते हैं और उसे जीवन में एक सही राह मिलती हैं इस प्रकार से उसका जीवन खुशहाल हो जाता हैं.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) गुरु पूर्णिमा के दिन किनका जन्म हुआ हैं ?
महर्षि वेद व्यासजी.
2) हिंदी पंचाग के अनुसार गुरु पूर्णिमा कब मनाया जाता है ?
आषाढ़ मास की पूर्णिमा.
3) महर्षि वेदव्यास ने मानव को किसका ज्ञान दिया है ?
चारों वेदों का.
4) साल 2025 में गुरु पूर्णिमा कब मनाई जाएगी ?
10 जुलाई 2025 दिन गुरुवार.
5) गुरु पूर्णिमा के दिन किस भगवान की पूजा अर्चना की जाती हैं ?
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी.
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