Bhoomi dosh | वास्तु शास्त्र के अनुसार जब भूमि को कई सालों तक यूं ही छोड़ दिया जाएं तो वह भूमि नकारात्मक ऊर्जा से भर जाती हैं जिसके कारण वहां पर नकारात्मक शक्तियों का वास हो जाता हैं और यह भूमि दोष सबसे घातक होता है क्योंकि भूमि दोष पारिवारिक जीवन में कई समस्याएं उत्पन्न करता है जिससे घर के सभी सदस्य प्रभावित होते हैं इसलिए समय रहते इस दोषों का निवारण अवश्य करना चाहिए तो चलिए विस्तार से जानते हैं भूमि दोष क्या है, भूमि दोष के होने से क्या संकेत मिलते हैं और इनसे मुक्ति पाने के उपाय क्या है.
भूमि कितने तरह की अवस्थाएं वाली होती हैं
वास्तु शास्त्र के अनुसार भूमि की तीन अवस्थाएं होती हैं – जागृत अवस्था, सुप्त अवस्था और मृत अवस्था और भूमि पर लगे पेड़ – पौधे को देखकर पता चलता है कि भूमि की अवस्था कैसी है :
1) अगर भूमि या प्लॉट पर कांटेदार वृक्ष, पेड़ – पौधें या फिर झाड़ियां अपने से उगे हैं तो इस तरह की भूमि जागृत अवस्था नहीं होती हैं और ऐसी भूमि में निर्माण करने एवं निर्माण के बाद जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं.
2) अगर किसी भूमि पर ऐसे पेड़ – पौधें जो अच्छे फूल देने वाले हैं और इस भूमि पर यह अपने आप उग जाते उनको उगाना नहीं पड़ता है तो ऐसी भूमि सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है और ऐसी भूमि पर घर बनाने से परिवार में समृद्धि आती हैं.
3) अगर भूमि पूरी तरह से बंजर हैं लेकिन उसके आसपास का स्थान हरा – भरा हो तो ऐसी भूमि को नही खरीदना चाहिए क्योंकि भूमि दोष के कारण से भूमि बंजर रहती हैं.
वास्तु के अनुसार भूमि का वायुमंडल, वातावरण और मनोस्थिति से भी जुड़ा होता है और शास्त्रों में भूमि शुद्धि को बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है जैसे कि मंदिरों की भूमि जहां पर भक्ति के परमाणु की अधिकता रहने से वहां जाने पर भक्ति जागृत होने के साथ मन शांत रहता है तो वहीं कुछ ऐसी भूमि होती हैं जो ज्ञान प्रधान होती हैं तो कुछ कर्म प्रधान होती हैं. कई ऐसी भूमि होती हैं जहां जाकर दया भाव जागृत होती हैं तो कुछ ऐसी भूमि जहां पर जाकर मन में वीरता के भाव जागृत होती है.
भूमि दोष से होने वाली घटनाएं
अगर दोष वाली भूमि पर घर बना लिया जाएं तो घर में रहने वाले परिवार के सदस्यों के साथ कुछ अप्रिय घटनाएं होने की संभावना रहती हैं जैसे ही :
1) घर में अनजान आवाजों का सुनाई देने का भ्रम या फिर विचित्र तरह की आकृति दिखाई देने का भ्रम उत्पन्न होना भूमि दोष के कारण से होता हैं.
2) दोष वाली भूमि पर बने घर में किसी पालतू जानवर जैसे कि गाय, कुत्ता, बिल्ली ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह पाते हैं उनकी मृत्यु हो जाती हैं.
3) करियर में बहुत मेहनत करने के बावजूद उन्नति नहीं होना और परिवार के सदस्यों के बीच कलह क्लेश का होना भूमि दोष का एक कारण होता हैं.
4) घर के सदस्यों को किसी न किसी दुर्घटना का शिकार होना जैसे कि रोड एक्सीडेंट या फिर घर की छत या सीढ़ी से नीचे गिरने जैसी घटनाएं भूमि दोष के कारण ही होती हैं.
5) घर में धन का संचय नहीं होना और बनते बनते काम का बिगड़ जाना भी भूमि दोष के कारण होता है.
भूमि दोष को दूर करने के उपाय
1) भूमि दोष को दूर करने के लिए हर साल विश्वकर्मा पूजन कराने के अलावा साल में एक बार वास्तु शांति पूजा भी अवश्य करना चाहिए इससे भूमि दोष से मुक्ति मिलती.
2) वास्तु के अनुसार भूमि दोष दूर करने के लिए भूमि को डेढ़ या फिर दो फिट खुदवा कर मिट्टी को दूर फेंक देना चाहिए माना जाता है कि इससे भूमि दोष दूर हो जाती हैं.
3) भूमि दोष दूर करने के लिए घर में हनुमान चालीसा, दुर्गा सप्तशती और गीता का पाठ कराना चाहिए.
4) शास्त्रों के अनुसार भूमि दोष दूर करने के लिए घर में केले एवं तुलसी के पौधें को जमीन से लगाने चाहिए.
5) वास्तु के अनुसार भूमि दोष से बचाव के लिए घर में काले और लाल रंग का इस्तेमाल कम से कम करें.
उम्मीद है कि आपको भूमि दोष से जुड़ा यह लेख पसन्द आया होगा तो इसे अधिक से अधिक अपने परिजनों और दोस्तों के बीच शेयर करें और ऐसे ही वास्तु से जुड़े अन्य लेख को पढ़ने के लिए जुड़े रहें madhuramhindi.com के साथ.
FAQ – सामान्य प्रश्न
1) भूमि की कितनी अवस्थाएं होती हैं ?
तीन (3).
2) भूमि दोष होने पर घर में किन पौधें को लगाने चाहिए ?
तुलसी और केले का पौधा.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.