Narak Chaturdashi 2025 | सनातन धर्म में नरक चतुर्दशी को बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है और यह दीवाली की पांच दिवसीय त्यौहार में से दूसरे दिन आती हैं जो की कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. इसे नरक चतुर्दशी, छोटी दीवाली और रूप चतुर्दशी भी कहा जाता हैं मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से पूजन करने वाला सभी पापों से मुक्त होकर स्वर्ग को प्राप्त करता है. नरक चतुर्दशी के दिन यम का दीपक जो की बारह (12) दीये होते हैं जलाए जाते हैं मान्यता है कि इससे अकाल मृत्यु नहीं होती हैं कहीं-कहीं ऐसी धार्मिक मान्यता है इसी दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था इसलिए यदि आयु या फिर स्वास्थ्य की कोई परेशानी हो तो इस दिन किए गए उपाय काफी असरदार मानी जाती है.
नरक चतुर्दशी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त :
हिंदू पंचांग के अनुसार नरक चतुर्दशी यानी की छोटी दीवाली कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चौदस (चतुर्दशी) को मनाई जाती है और इस साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत होगी 19 अक्टूबर 2025 दिन रविवार की दोपहर की 01 बजकर 51 मिनट से लेकर 20 अक्टूबर 2025 दिन सोमवार की दोपहर 03 बजकर 44 मिनट तक.
साल 2025 में नरक चतुर्दशी का पर्व 20 अक्टूबर 2025 दिन सोमवार को मनाई जाएगी.
अभ्यंग स्नान का मुहूर्त :
20 अक्टूबर 2025 दिन सोमवार के सुबह 05 बजकर 13 मिनट से लेकर सुबह के 06 बजकर 25 मिनट तक (कुल अवधि 01 घण्टा 12 मिनट).
चंद्रोदय का मुहूर्त :
20 अक्टूबर 2025 दिन सोमवार के सुबह 05 बजकर 13 मिनट.
नरक चतुर्दशी यम दीपक जलाने का मुहूर्त :
20 अक्टूबर 2025 दिन सोमवार प्रदोष काल में शाम के 05 बजकर 30 मिनट से लेकर शाम के 07 बजे के बीच रहेगा.
नरक चतुर्दशी में क्यों यम का दीपक जलाया जाता हैं :
दीवाली की एक रात पूर्व यम का दीपक मृत्यु के देवता यमराज के लिए जलाया जाता है धार्मिक मान्यता हैं कि नरक चतुर्दशी के पावन दिन यम का दीपक जलाने से परिवार में अकाल मृत्यु का भय नही रहता इसके अलावा यह भी प्रार्थना किया जाता हैं कि यमदेव नरक के द्वार बंद कर दें और हमें स्वस्थ रखें.
नरक चतुर्दशी की पूजा विधि :
1) नरक चतुर्दशी से पहले आने वाली कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन एक लोटे में जल भर के रखा जाता है जिसको नरक चतुर्दशी के लिए नहाने वाले पानी में मिलाकर स्नान किया जाता है माना जाता है कि ऐसा करने से नरक के भय से मुक्ति मिलती है.
2) नरक चतुर्दशी के दिन शरीर पर तिल के तेल से मालिश करके चिरचिरी के पत्ते को सिर के ऊपर से चारों ओर तीन बार घुमाकर स्नान करें.
3) स्नान करने के बाद दक्षिण दिशा की ओर यमदेव से हाथ जोड़कर प्रार्थना करना चाहिए कहा जाता है ऐसा करने से व्यक्ति के द्वारा साल भर किए गए पापों का नाश हो जाता है.
4) नरक चतुर्दशी के दिन यमराज के लिए सरसों तेल का दीपक घर के प्रवेश द्वार से बाहर की ओर लगाना चाहिए इस दिन शाम के समय सभी देवता का पूजन करने के बाद सरसों तेल का दिया को जलाकर घर की चौखट के दोनों तरफ घर के बाहर और कार्यस्थल के मुख्य द्वार या प्रवेश द्वार पर रखना चाहिए माना जाता है कि ऐसा करने से घर में हमेशा के लिए लक्ष्मी जी निवास करती है.
5) नरक चतुर्दशी के दिन आधी रात्रि काल में घर में मौजूद बेकार के सामान को बाहर निकाल देना चाहिए कहा जाता है कि नरक चतुर्दशी की अगले दिन दिवाली पर घर में माता लक्ष्मी प्रवेश करती है इसलिए घर से गंदगी को निकाल देना चाहिए ताकि घर की दरिद्रता दूर हो सके.
6) नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा जरूर करनी चाहिए क्योंकि माना जाता है कि ऐसा करने से सौंदर्य की प्राप्ति होती है.
नरक चतुर्दशी के दिन के उपाय :
1) नरक चतुर्दशी के दिन कुलदेवी, कुलदेवता और पितरों के नाम से दीपक को जलाना चाहिए.
2) नरक चतुर्दशी के दिन काली मां की पूजा करनी चाहिए मान्यता है कि इस दिन कहीं – कहीं पर काली माता के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है यही कारण है कि इस दिन को काली चौदस भी कहा जाता हैं.
3) नरक चतुर्दशी के दिन दीपक की रोशनी से पितरों को अपने लोक का रास्ता प्राप्त होता है जिससे वे प्रसन्न हो जाते हैं मान्यता है कि नरक चतुर्दशी के दिन दीपदान करने से संतान सुख की प्राप्ति के साथ ही वश में भी वृद्धि होती है.
नरक चतुर्दशी के महत्व :
नरक चतुर्दशी दीवाली से एक दिन पहले और धनतेरस के एक दिन बाद मनाया जाता हैं. मान्यतानुसार इस दिन मृत्यु के देवता भगवान यमराज की पूजा करने की परंपरा है क्योंकि ऐसा करके अकाल मृत्यु से मुक्ति और अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना की जाती हैं. इस पर्व को नरक से मुक्ति पाने वाला कहा जाता हैं माना जाता हैं कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध करके सोलह हजार एक सौ कन्याओं को नरकासुर के कारागार से मुक्त कराकर उन सभी का सम्मान किया था. नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पहले तिलतेल लगाकर अपामार्ग की पत्तियों को जल में डालकर स्नान करना चाहिए मान्यता है कि ऐसा करने से सिर्फ अलौकिक सुंदर और रूप की ही नहीं प्राप्ति होती जबकि स्वास्थ्य की सारी समस्याएं भी दूर हो जाती है. नरक चतुर्दशी के दिन बुराई के अंधेरे को दूर करने और सकारात्मकता का स्वागत करने के लिए दीपक जलाएं जाते हैं.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) हिन्दू पंचाग के अनुसार नरक चतुर्दशी कब मनाई जाती हैं ?
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि.
2) नरक चतुर्दशी के दिन किनकी पूजा होती हैं ?
यमराज.
3) साल 2025 में नरक चतुर्दशी कब मनाई जाएगी ?
20 अक्टूबर 2925 दिन सोमवार.
4) नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने किस राक्षस का वध किया था ?
नरकासुर राक्षस.
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