Navratri | हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व हैं और यह पर्व बुराई पर अच्छाई का प्रतीक होता है इसके साथ ही नवरात्रि दुर्गा माता की पूजा और शक्ति की आराधना का भी पर्व है क्योंकि दुर्गा माता शक्ति का रूप है और हिंदू धर्म में दुर्गा माता को शक्ति की ऐसी देवी माना गया है जिनका जन्म बुराइयों का नाश और असुरों का संहार के लिए हुआ है. दुर्गा माता सिंह पर सवार होती है और इनके आठ हाथ हैं यही कारण है कि माता को अष्टभुजाधारी कहा जाता हैं. दुर्गा माता ने अपने इन आठ हाथों में अलग अलग अस्त्र शस्त्र ( divine weapons )को धारण किए हैं जो कि उन्हें सभी देवताओं ने देकर उनको संहाररूपिणी के रूप में विभूषित किया था. दुर्गा सप्तशती के अनुसार समय – समय पर दुर्गा माता हाथों में अस्त्र – शस्त्र धारण कर धरती पर असुरों का संहार करने और धर्म को स्थापित करने के लिए अनेक स्वरूपों में जन्म लेती रहेगी.
Navratri | दुर्गा माता के अस्त्र – शस्त्र के रहस्य जो देवताओं ने उनको प्रदान किया था :
1) त्रिशूल :
दुर्गा माता (Goddess Durga) ने अपने दाएं हाथ में त्रिशूल को धारण करके रखा है जो की बहुत ही शक्तिशाली हथियार है और इसी त्रिशूल से दुर्गा माता ने महिषासुर जैसे असुरों का वध किया था. भगवान शिव ने ही अपना त्रिशूल दुर्गा माता को दिया था जिसे साहस का प्रतीक कहा जाता हैं. त्रिशूल के तीन भाग जीवन के तीन प्रमुख गुणों को दर्शाते हैं सत्य, रज और तम.
2) शंख :
दुर्गा माता के पहले ऊपरी हाथ में शंख है जो कि खुशी का प्रतीक होता है. वरुण देव ने दुर्गा माता को शंख दिया था कहा जाता हैं कि दुर्गा माता जब युद्ध भूमि में शंख नाद करती तो उसकी ध्वनि से स्वर्ग, नरक और नश्वर की सभी बुरी शक्तियां कांप उठते थे मान्यता है कि शंख की ध्वनि से नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती हैं.
3) तलवार :
दुर्गा माता ने अपने दूसरे दाहिने निचले हाथ में तलवार को धारण किए हुआ है जिससे उन्होंने कई असुरों का वध किया था मान्यता है कि माँ भगवती दुर्गा को तलवार भगवान गणेश ने प्रदान किया था जो कि ज्ञान का प्रतीक माना जाता हैं.
4) तीर – धनुष :
दुर्गा माता को तीर धनुष पवन देव ने प्रदान किया था जो की ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है और इस तीर धनुष को दुर्गा माता ने अपने दूसरे बाएं निचले हाथ में धारण किया जिसका प्रयोग उन्होंने असुरों से युद्ध करते समय किया था.
5) गदा :
देवी दुर्गा माता को गदा यमराज ने दिया जिसे कालदंडा कहा जाता हैं जो कि शक्ति, निष्ठा, प्रेम और भक्ति का प्रतीक है.
6) सुदर्शन चक्र :
भगवान श्रीकृष्ण ने अपना सबसे प्रिय अस्त्र सुदर्शन चक्र दुर्गा माता को दिया है जिसको माँ ने अपनी तर्जनी में धारण किया है. सुदर्शन चक्र इस बात को दर्शाता है कि संपूर्ण जगत माँ के अधीन है और जिसका संचालन माँ स्वयं कर रही हैं इसके अलावा सुदर्शन चक्र कर्तव्य और धार्मिकता का भी प्रतीक है.
7) भाला :
जगतजननी दुर्गा माता को भाला अग्नि देव ने दिया हैं जिसका इस्तेमाल उन्होंने देवताओं को असुरों से बचाने के लिए किया था इसके अलावा इसी भाले से माँ ने कई राक्षसों का भी संहार किया था.
8) कमल का फूल :
दुर्गा माता ने अपने हाथ में कमल का फूल को धारण किया है जो उनको ब्रह्माजी ने प्रदान किया था. कमल का फूल इस बात का प्रतीक हैं कि समस्या कितनी भी जटिल क्यों ना हो धैर्य नहीं खोना चाहिए जैसे कि कमल का फूल कीचड़ में रहकर भी खुड़ को स्वच्छ रखता है ठीक वैसे ही संसार में बुराई कितनी भी हो खुद को अच्छा और बेहतर बनने का प्रयास अवश्य करना चाहिए.
9) कुल्हाड़ी :
दुर्गा माता को अपनी रक्षा और दुष्टों को एक साथ समाप्त करने के लिए भगवान विश्वकर्मा ने उनको कुल्हाड़ी प्रदान किया था. कुल्हाड़ी बुराई से डरे बिना लड़ने का प्रतीक हैं.
10) घँटा :
देवराज इंद्र ने ऐरावत हाथी के गले से घँटा उतारकर माँ भगवती दुर्गा को दिया जिसके नाद से माँ ने दैत्यों के नाश किया था.
उम्मीद है कि आपको दुर्गा माता के अस्त्र – शस्त्र से जुड़ा हुआ रहस्य आपको पसंद आया होगा तो इसे अधिक से अधिक अपने परिजनों और दोस्तों के बीच शेयर करें और ऐसे ही रहस्यों से भरी जानकारी को पढ़ने के लिए जुड़े रहे madhuramhindi.com के साथ.
FAQ – सामान्य प्रश्न
1) दुर्गा माता को तलवार किसने दिया था ?
भगवान गणेशजी.
2) भगवान श्रीकृष्ण ने दुर्गा माता को क्या प्रदान किया था ?
सुदर्शन चक्र.
3) त्रिशूल किसने दुर्गा माता को दिया था ?
भगवान शिव.
4) दुर्गा माता को भाला किसने दिया था ?
अग्निदेव.
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