Gupt Navratri Vrat Katha | देवी भागवत के अनुसार साल में चार बार नवरात्रि मनाई जाती है जिसमें दुर्गा माँ की पूजा किया जाता हैं. चैत्र और आश्विन मास की नवरात्रि को प्रकट नवरात्रि कहा जाता हैं जिसको हर कोई मनाता है और शक्ति की उपासना करते हैं पर माघ और आषाढ़ मास के नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते हैं जिसमें दुर्गा माँ (Maa Durga) के दस महाविद्याओं की साधना किया जाता हैं. मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि की पूजा तांत्रिक किया करते हैं जिससे दुर्गा माँ उन्हें तंत्र मंत्र की विद्या प्रदान करें कहा जाता हैं कि गुप्त नवरात्रि में की जाने वाली साधना को जितना गुप्त रखा जाए वो उतना ही शुभ होता हैं. गुप्त नवरात्रि से जुड़ी एक महत्वपूर्ण पौराणिक कथा बहुत प्रचलित जिसको गुप्त नवरात्रि में पढ़ने से दस महाविद्या प्रसन्न होकर कष्टों से मुक्ति मिलने के साथ ही मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
Gupt Navratri Vrat Katha | आइए पढ़े गुप्त नवरात्रि व्रत कथा को :
Read Gupt Navratri vrat katha to please the ten Mahavidyas | पौराणिक कतानुसार एक बार श्रृंगी ऋषि अपने भक्तों के बीच में बैठकर उनकी समस्याओं और शंकाओं का समाधान कर रहे थे कि तभी अचानक भीड़ से एक स्त्री निकलकर आई और उस स्त्री ने करबद्ध होकर श्रृंगी ऋषि से बोली कि मेरे पति हमेशा बुरे कर्मो से घिरे रहते हैं जिसके कारण मैं कोई पूजा पाठ नहीं कर पाती और ना ही धर्म व भक्ति से जुड़ा कोई भी काम कर पाती हूँ उस स्त्री की व्यथा सुनकर श्रृंगी ऋषि बहुत दुखी हुए और फिर उस स्त्री से बोले – पुत्री ! आप गुप्त नवरात्रि में माँ भगवती की पूजा करों वो आपकी मनोकामनाएं जरूर पूरी करेंगी इस पर उस स्त्री ने कहा – मुनिवर ! मैं माँ भगवती की पूजा अर्चना करना चाहती हूं किन्तु मेरे पति नशेड़ी और तामसी हैं जिसके कारण मेरी पूजा सफल नहीं होती हैं जबकि मैं पूर्ण समपर्ण के साथ माँ भगवती की पूजा में अडिग रहती हूं.
उस स्त्री की भक्ति से श्रृंगी ऋषि बहुत प्रसन्न हुए और बोले – पुत्री ! आप सर्वेश्वरकारिणी देवी की आराधना करें आपका कल्याण होगा, सर्वेश्वरकारिणी देवी गुप्त नवरात्रि की अधिष्ठात्री देवी हैं और इनकी पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. अभयदान से अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाली गुप्त नवरात्रि के दिनों में सर्वेश्वरकारिणी देवी की पूजा को बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता हैं. श्रृंगी ऋषि ने आगे कहा – जो व्यक्ति कभी पूजा नहीं कर सकता और लोभ, वासना, व्यसन के अधीन है अगर ऐसा व्यक्ति भी गुप्त नवरात्रि में माँ भगवती की पूजा करता है तो उसके जीवन में और कुछ करने की आवश्यकता नहीं होती हैं.
श्रृंगी ऋषि के वचन का पालन करते हुए महिला पूरी श्रद्धा भाव से गुप्त नवरात्रि की पूजा करने लगी. उसकी इस भक्ति से माँ भगवती उस पर प्रसन्न हुई और धीरे धीरे उसका जीवन बदलने लगा और उसके पति के सभी गलत व्यसन छूट गए. गुप्त नवरात्रि में माँ भगवती की पूजा करने से उनके जीवन में सुख समृद्धि का पुनः संचार होता है.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
देवी भागवत के अनुसार साल में कितनी नवरात्रि मनाई जाती हैं ?
चार (4) बार
गुप्त नवरात्रि की अधिष्ठात्री देवी कौन है ?
सर्वेश्वरकारिणी देवी.
गुप्त नवरात्रि में कितनी महाविद्याओं की साधना की जाती हैं ?
दस (10) महाविद्या
गुप्त नवरात्रि किस किस मास में मनाई जाती हैं ?
माघ मास और आषाढ़ मास में.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.