Vastu Dosh of the kitchen | किचन घर का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है जो न केवल भोजन बनाने के लिए खास होता हैं बल्कि पूरे घर को इसी स्थान से ऊर्जा मिलती हैं. धार्मिक मान्यता है कि किचन में माँ अन्नपूर्णा का वास होता है जिसके कारण यह स्थान बहुत पूजनीय होता है तो वहीं वास्तु में किचन को बहुत महत्व दिया गया हैं लेकिन वास्तु के अनुसार अगर किचन में वास्तु दोष हो तो परिवार में किसी न किसी सदस्य का स्वास्थ्य खराब, धन की समस्या और परिवार के सदस्यों के बीच मतभेद व तनाव जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन बिना किसी तोड़ फोड़ के वास्तु के आसान तरीकों से किचन के वास्तु दोष से मुक्ति मिल सकती हैं. किचन से जुड़ी वास्तु में कई नियम बनाए गए हैं, जिनका ध्यान अगर रखा जाएं तो घर के सदस्य बहुत समस्याओं से बच सकते हैं.
जानते हैं बिना किसी तोड़ फोड़ के किचन के वास्तु दोष को दूर करने के नियमों को :
1) किचन की दिशा का ध्यान रखें :
Direction of the kitchen in House | वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के अग्नि कोण यानि कि पूर्व – दक्षिण दिशा में किचन को होना चाहिए लेकिन अगर इस दिशा में किचन नहीं है तो अग्नि कोण यानि कि पूर्व – दक्षिण दिशा के मध्य भाग में एक लाल रंग का बल्ब लगाएं जिनको सुबह और शाम दोनों समय जलाएं मान्यता है कि इससे वास्तु दोष का असर कम होने से घर में सुख – समृद्धि बनी रहने के साथ ही किचन का वास्तु दोष भी दूर होता हैं.
2) किचन और बाथरुम का एक सीध का होना :
Alignment of kitchen and bathroom | किचन और बाथरूम अगर एक सीध में रहें तो परिवार के सदस्यों का सेहत ठीक नहीं रहता और जीवन में भी अशांति बनी रहती हैं इसलिए किचन और बाथरूम एक सीध में होने से उत्पन्न हुई इस वास्तु दोष को दूर करने के लिए बाथरूम में एक कांच की कटोरी में खड़ा नमक रखें और इसे समय समय पर बदलते रहें.
3) किचन में चूल्हे और पानी का सही स्थान :
Correct placement of stove and water in the kitchen | किचन में चूल्हे और पानी को सही स्थान पर रखना बहुत महत्व होता है. किचन में चूल्हे को हमेशा आग्नेय कोण यानि कि पूर्व – दक्षिण दिशा के मध्य इस तरह से रखें कि खाना बनाने वाले का मुख पूर्व दिशा की ओर हो, तो वहीं पीने का पानी या फिर सामान्य पानी को हमेशा ईशान कोण यानि कि उत्तर – पूर्व के मध्य रखें मान्यता है कि ऐसा करने से किचन का वास्तु दोष दूर होने के साथ घर के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा और उनके बीच प्रेम – स्नेह बना रहता हैं.
4) किचन और मुख्य दरवाजे के मध्य पर्दा को लगाएं :
Place a curtain between the kitchen and the main door | किचन का दरवाजा घर के मुख्य दरवाजे के सामने होने से वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है तो इस दोष को दूर करने के लिए किचन और मुख्य दरवाजे के बीच एक पर्दा लगाएं और इसके अलावा किचन की पूर्व या फिर उत्तर दिशा की दीवारों पर स्वास्तिक का चिन्ह बना दें मान्यता है कि इससे केवल किचन का वास्तु दोष ही दूर नही होता बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हमेशा बना रहता हैं.
5) चूल्हे और सिंक को अलग – अलग स्थान पर रखें :
Keep the stove and sink in separate locations | किचन में कभी भी चूल्हे और सिंक को पास – पास नहीं रखना चाहिए जितना हो सकें इनको दूर रखें क्योंकि यह दोनों विपरीत तत्वों का प्रतिनिधित्व करती हैं जिसमें सिंक जल तत्व और चूल्हा अग्नि तत्व का. इन दोनों को साथ रखने से किचन में वास्तु दोष उत्पन्न होने के साथ ही घर के सदस्यों में मतभेद की स्थिति बनी रहने के साथ आर्थिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है इसलिए किचन में चूल्हे और सिंक को दूर ही रखें.
6) किचन की दीवार में नारंगी रंग का इस्तेमाल करें :
Use orange color in your kitchen wall | किचन के वास्तु दोष को दूर करने के लिए किचन की दीवारों पर हल्के रंग के नारंगी रंग का पेंट का इस्तेमाल करें क्योंकि नारंगी रंग शुभता में वृद्धि करने के साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) घर की किस दिशा में किचन होना चाहिए ?
घर के पूर्व – दक्षिण दिशा.
2) किचन में कौन से रंग का इस्तेमाल करना चाहिए ?
नारंगी रंग.
3) किचन में किस देवी का वास होता हैं ?
माँ अन्नपूर्णा देवी.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.