Satyanarayan Aarti PDF | सत्यनारायण भगवान को स्कंद पुराण की अनुसार भगवान विष्णु (Vishnu ji) का अवतार माना गया है. भगवान सत्यनारायण के रूप में श्री हरि कमल के फूल पर खड़े हैं और उनकी चार भुजाएँ हैं. दो हाथ कंधों से ऊपर उठे हुए हैं, जिसमें बाएँ हाथ में शंख और दाएँ हाथ में चक्र है. सत्य को नारायण मानकर उसकी पूजा करना ही भगवान सत्यनारायण की पूजा है. सत्यनारायण भगवान की पूजा तथा कथा के बाद उनकी आरती का विशेष महत्व है. इससे घर में सुख समृद्धि बनी रहती है.
Satyanarayan Aarti PDF | सत्यनारायण जी की आरती
श्री सत्यनारायण जी की आरती (Satyanarayan Aarti – PDF Download) हिंदी PDF डाउनलोड करें, नीचे लिंक दिया हुआ है.
Satyanarayan Bhagwan Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi
।। सत्यनारायण जी की आरती ।।
जय लक्ष्मी रमना जय जय श्री लक्ष्मी रमना ।
सत्यानारयाना स्वामी जन पटक हरना ।।
रत्ना जडित सिंघासन अद्भुत छबि राजे ।
नारद करत निरंजन घंटा ध्वनि बाजे ।।
प्रकट भये कलि कारन द्विज को दरस दियो ।
बुधो ब्रह्मिन बनकर कंचन महल कियो ।।
दुर्बल भील कराल जिनपर किरपा करी ।
चंद्रचूड एक राजा तिनकी विपति हरी ।।
भाव भक्ति के कारन छिन छिन रूप धरयो ।
श्रद्धा धारण किन्ही तिनके काज सरयो ।।
ग्वाल बाल संग राजा बन में भक्ति करी ।
मन वांछित फल दीन्हा दीनदयाल हरी ।।
चढात प्रसाद सवायो कदली फल मेवा ।
धुप दीप तुलसी से राजी सतदेवा ।।
श्री सत्यानारयाना जी की आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ।।
PDF Name | Satyanarayan Aarti PDF |
No. of Pages | 03 |
Page Content | सत्यनारायण जी की आरती |
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