Vastu Tips for Kitchen | वास्तु शास्त्र में रसोई से जुड़ी कई बातों को बताई गई है और घर की रसोई को किसी मंदिर से कम नहीं माना जाता है क्योंकि रसोई में देवी अन्नपूर्णा का वास होता है. वास्तु के अनुसार कहा जाता है कि अगर रसोई में किसी तरह का कोई दोष हो तो उसका असर खाना बनाने वाले के साथ ही परिवार के सभी सदस्यों पर पड़ता है. रसोईघर में चूल्हा रखने का सही स्थान और दिशा भी बहुत ही महत्वपूर्ण होती है क्योंकि यह सुरक्षा, सुविधा, और खाना पकाने की व्यवस्था को प्रभावित करता है और अगर इन दिशाओं का ध्यान नहीं रखा जाए तो घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश भी हो सकता है इसलिए वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई घर में चूल्हे की दिशा का विशेष खास ध्यान रखना चाहिए.
Direction of the stove face in the kitchen | रसोईघर में चूल्हे का मुंह किस दिशा में होनी चाहिए :
1) दक्षिण – पश्चिम दिशा (South-West direction) :
इस दिशा में चूल्हा को रखना शुभ माना जाता है क्योंकि वास्तु शास्त्र में मान्यता है की यह दिशा सुरक्षा और स्थिरता को दावा करती है और इस दिशा में चूल्हा रखने से रसोईघर सुरक्षित और स्थिर रहती है.
2) दक्षिण – पूर्व दिशा (South-East direction) :
दक्षिण – पूर्व दिशा को अग्नि देवता का प्रतीक माना गया है और वास्तु शास्त्र के अनुसार इस दिशा में चूल्हे का मुंह रखना सबसे शुभ माना जाता है क्योंकि माना जाता है कि इससे घर में सुख समृद्धि में बढ़ोतरी होने के साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
3) पूर्व दिशा (East direction) :
चूल्हे का मुंह पूर्व दिशा में रखना शुभ होता है क्योंकि यह दिशा सूर्य देवता का प्रतीक है और इस दिशा में चूल्हा रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के साथ ही ग्रहों की स्थिति भी मजबूत होती है और इसके शुभ प्रभाव से घर के सदस्यों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है.
4) उत्तर – पश्चिम दिशा (North-West direction) :
वास्तु शास्त्र के अनुसार यह दिशा शुभ माना जाती है इसीलिए इस दिशा में चूल्हे का मुख रखना भी उत्तम हो सकता है.
The direction in which the stove should not be placed | किस दिशा में चूल्हे का मुंह नहीं होना चाहिए :
1) उत्तर – पूर्व दिशा (North-East direction) :
ईशान कोण यानी कि उत्तर पूर्व दिशा को ईश्वर का वास माना जाता है और इस दिशा में चूल्हा का मुंह को रखने से पूजा पाठ में बाधा आती है और जिससे कि घर में अशांति उत्पन्न होने लगती है.
2) उत्तर दिशा (North direction) :
उत्तर दिशा को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है इसलिए चूल्हे के मुंह को कभी भी उत्तर दिशा में नहीं रखना चाहिए क्योंकि माना जाता है चूल्हे का मुंह इस दिशा में रखने से धन और संपत्ति में कमी हो सकती है.
3) पश्चिम दिशा (West direction) :
पश्चिम दिशा में कभी भी भूलकर चूल्हे का मुंह को नहीं रखना चाहिए क्योंकि पश्चिम दिशा पितृ देवताओं का प्रतीक होता है और इस दिशा में चूल्हे का मुंह रखने से परिवार में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा होने लगती है.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) कौन सी दिशा अग्नि देवता का प्रतीक होता है ?
दक्षिण – पूर्व दिशा.
2) किस दिशा में चूल्हे का मुंह होना चाहिए ?
पूर्व दिशा.
3) उत्तर दिशा किस देवी की दिशा मानी जाती हैं ?
माता लक्ष्मी.
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