Shakambhari Purnima 2024 | हिन्दू धर्म में शाकम्भरी पूर्णिमा का विशेष महत्व है यह पवित्र दिन शाकम्भरी देवी को समर्पित हैं जो कि माँ भगवती (maa Bhagwati) का दूसरा स्वरूप है और पृथ्वी से खाद्य संकट को दूर करने के लिए प्रकट हुई थी यही कारण है कि माँ शाकम्भरी वनस्पति की देवी कहलाई जाती हैं. हिन्दू मान्यता है कि पौष मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शाकम्भरी नवरात्र शुरू होता और पौष मास की पूर्णिमा को समाप्त होता है. माँ शाकंभरी को शताक्षी नाम से भी जाना जाता हैं.
Shakambhari Purnima 2024 date | शाकंभरी पूर्णिमा 2024 का शुभ मुहूर्त :
शाकंभरी पूर्णिमा को शाकंभरी जयंती के नाम से भी जाना जाता हैं और इस साल 2024 में शाकंभरी पूर्णिमा 25 जनवरी 2024 दिन गुरुवार को मनाया जाएगा. हिन्दू पंचाग के अनुसार शाकंभरी पूर्णिमा पौष मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है और पौष मास की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होगी 24 जनवरी 2024 दिन बुधवार की रात्रि के 09 बजकर 49 मिनट से लेकर 25 जनवरी 2024 दिन गुरुवार की रात्रि 11 बजकर 23 मिनट तक. सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य होती है इसलिए शाकंभरी पूर्णिमा 25 जनवरी 2024 दिन गुरुवार को मनाई जाएगी.
Shakambhari Purnima Puja Vidhi |शाकंभरी पूर्णिमा की पूजा विधि :
1) शाकंभरी पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि के बाद साफ स्वच्छ वस्त्र को धारण करने के बाद एक लकड़ी की चौकी ले और उस पर लाल कपड़ा बिछाएं.
2) अब चौकी पर माँ भगवती दुर्गा माता की मूर्ति को स्थापित करें और शाकंभरी देवी का स्मरण करते हुए उनको हल्दी, कुमकुम, अक्षत और सुहाग की सामाग्री को चढ़ाये.
3) शाकंभरी देवी को वनस्पति की देवी कहा जाता है इसलिए इनकी पूजा में ताजे फल के साथ साथ सब्जियों का भोग अवश्य लगाना चाहिए.
4) शाकंभरी माँ के समक्ष घी का दीपक जलाएं और इस मंत्र का जाप करें –
” शाकंभरी नीलवर्णानीलोत्पलविलोचना ।
मुष्टिमशिलीमुखापूर्णकमलमकमलालया ॥”
5) अंत में शाकंभरी देवी की कथा को सुनें और फिर आरती ज़रुर से करे. इसके पश्चात ज़रूरतमंदों को फल, सब्जियां ,अन्न और जल का दान करें जिससे की इस पूजा का पूरा फल मिलें.
Shakambhari Purnima ka Mahatv | शाकंभरी पूर्णिमा के महत्व :
धार्मिक मान्यता है कि देवी शाकंभरी माँ दुर्गा के अनन्य स्वरूपों में एक सौम्य रूप है जो कि धरती लोक पर पानी और खाद्य पदार्थों की विकट समस्याओं को दूर करने के लिए धरती पर अवतरित हुई थी कहा जाता हैं कि शाकंभरी पूर्णिमा के दिन माँ शाकंभरी की पूजा करने से व्यक्ति को कभी भी अन्न और धन की कमी नहीं रहती उसका जीवन हमेशा सुखों में बीतता है और अगर इस दिन यानि कि शाकंभरी पूर्णिमा के दिन ज़रूरतमंदों में अनाज, सब्जी और फल का दान अवश्य से करना चाहिए माना जाता है कि ऐसा करने से माँ शाकंभरी प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा मिलती है लेकिन अगर यह कार्य नहीं कर पाएं तो किसी देवालय में भंडारा के लिए समर्थ अनुसार धन का दान कर दें.
Why did Maa Bhagwati take Shakambhari Avatar? माँ भगवती ने क्यों लिया था शाकंभरी अवतार :
पौराणिक कथानुसार एक बार धरती पर भयंकर अकाल पड़ा और सूखे के कारण लोग जल के लिए तरसने लगे जिससे खाद्य पदार्थों की भी उपज नहीं हो पा रही थी हर जगह हाहाकार मचा हुआ था. पानी और खाद्य पदार्थों की गंभीर संकट की समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए भक्तों ने माँ दुर्गा से प्रार्थना किया तब माँ भगवती दुर्गा ने सब्जियों, फलों और पत्तियों में लिपटी हुई अवतार में प्रकट हुई तब भक्तों ने देवी को सब्जियों, फलों और हरी पत्तियों की देवी के रूप में देखकर उनको शाकंभरी देवी से संबोधित किया जिसमें “शाक” यानि सब्जी और शाकाहारी भोजन और “भारी” का अर्थ है धारक. कहा जाता हैं कि माँ शाकंभरी की हजारों आंखों से नौ (9) दिन तक लगातार पानी बरसा जिससे कि सूखे की समस्या दूर हो गई और हर जगह हरियाली छा गई.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
शाकंभरी पूर्णिमा कब मनाई जाती हैं ?
पौष मास की पूर्णिमा को.
शाकंभरी देवी किस देवी का सौम्य रूप है ?
माँ भगवती का.
शाकंभरी देवी कौन सी देवी कहलाती हैं ?
वनस्पति देवी.
इस साल 2024 में कब है शाकंभरी पूर्णिमा ?
25 जनवरी 2024 दिन गुरुवार.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.