Tulsi Vivah 2023 | साल 2023 में तुलसी विवाह कब है? जानेगें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व को.

Tulsi Vivah 2023

Tulsi Vivah 2023 | हिन्दू पंचाग के अनुसार चातुर्मास महीना की समाप्ति कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को होता है और इसी दिन भगवान विष्णु भी लम्बी निद्रा से जागते हैं इस दिन की एकादशी को देवउठनी एकादशी या फिर प्रबोधिनी एकादशी कहा जाता हैं. हिन्दू धर्म के अनुसार देवउठनी एकादशी के अगले दिन यानी कि शुक्ल पक्ष की द्वादशी को तुलसी का विवाह मनाया जाता हैं और इस शुभ अवसर पर तुलसी का विवाह भगवान विष्णु के ही एक अवतार शालिग्राम से कराया जाता हैं.

सनातन धर्म मे तुलसी के पौधे का बहुत महत्व होता है मान्यता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है उस घर में नकारात्मक ऊर्जा हमेशा के लिए समाप्त हो जाती हैं. तुलसी विवाह एक ऐसा त्यौहार है जो कि देवउठनी एकादशी और कार्तिक पूर्णिमा के बीच तिथि के अनुसार मनाया जाता हैं. तुलसी को हिन्दू धर्म में एक देवी के रूप में माने के साथ इनकी पूजा अर्चना भी की जाती हैं कभी कभी तुलसी को भगवान विष्णु की पत्नी “विष्णुप्रिया” अर्थात विष्णु की प्रिय के रूप में माना जाता है. मान्यता है कि तुलसी का विवाह पूरे विधि विधान से करने से सुख सौभाग्य की प्राप्ति होने के साथ भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती हैं.

Tulsi Vivah 2023 | जानते हैं साल 2023 में तुलसी विवाह कब है, शुभ मुहूर्त , पूजा विधि और महत्व को :

आइए जानते हैं कि इस साल 2023 में तुलसी विवाह कब मनाई जाएगी :

तुलसी विवाह हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन किया जाता हैं और हिन्दू पंचाग के अनुसार इस साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी की शुरुआत होगी 23 नवंबर 2023 दिन गुरुवार की शाम 05 बजकर 09 मिनट से लेकर अगले दिन 24 नवंबर 2023 दिन शुक्रवार की शाम 07 बजकर 45 मिनट पर. इस साल 2023 में तुलसी विवाह 24 नवंबर 2023 दिन शुक्रवार को होगा.

आइए जानते तुलसी विवाह 2023 के शुभ मुहूर्त को :

तुलसी विवाह के लिए अभिजीत मुहूर्त हैं 24 नवंबर 2023 दिन शुक्रवार की सुबह 11 बजकर 43 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक. तुलसी विवाह के लिए विजय मुहूर्त हैं 24 नवंबर 2023 दिन शुक्रवार की दोपहर 01 बजकर 54 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजकर 38 तक. इन शुभ मुहूर्त में भगवान शालिग्राम और तुलसी माता का विवाह कराना बहुत शुभ फल देगा.

Tulsi Vivah 2023 | आइए जानते हैं तुलसी विवाह की पूजा विधि को :

हिन्दू धर्म के कोई भी त्यौहारों में उपवास (व्रत) मुख्य अनुष्ठानों में से एक हैं इसलिए तुलसी विवाह के शुभ दिन भक्त व्रत रखते हैं और अनुष्ठान करने के पश्चात व्रत को तोड़ा जाता हैं. तो चलिए जान लेते हैं पूजा विधि को –

1) तुलसी विवाह के दिन सुबह स्नान करके साफ वस्त्र को धारण करें.

2) तुलसी विवाह को करने के लिए आंगन में तुलसी के पौधे को एक चौकी पर रखे और शालिग्राम को अन्य दूसरी चौकी पर स्थापित करें.

3) अब कलश को स्थापित करें. कलश में जल, उसके ऊपर स्वास्तिक बनाकर आम के पांच पत्ते कलश के ऊपर रखने के बाद साफ और नए लाल रंग के कपड़े में एक नारियल को लपेटकर आम के पत्तों के ऊपर रख दें.

4) अब तुलसी के गमले में गेरू लगाएं ,यहां तुलसी के गमले के पास रंगोली भी बनाना चाहिए. इसके पश्चात शालिग्राम के दाएं तरफ तुलसी के गमले को रख दें.

5) अब घी का दीपक को जलाएं और गंगाजल में पुष्प को डुबाकर ॐ तुलसाय नमः मंत्र का जाप करते हुए गंगाजल को तुलसी के ऊपर फिर शालिग्राम के ऊपर छिड़के.

6) तुलसी के पौधे को अब रोली का तिलक लगाएं लेकिन शालिग्राम को चंदन का तिलक लगाएं.

7) अब तुलसी के गमले की मिट्टी में ही गन्ने से मंडप बनाकर उस पर लाल चुनरी ओढ़ाने के बाद तुलसी के गमले पर साड़ी लपेटकर तुलसी का श्रृंगार करने के बाद शालिग्राम को पंचामृत से स्नान कराएं और पीले वस्त्र को पहनाएं.

8) अब तुलसी और शालिग्राम पर हल्दी लगाएं जो कि हल्दी की रस्म का प्रतीक हैं इसके पश्चात शालिग्राम को चौकी समेत अपने हाथ में लेकर तुलसी के पौधे की सात बार परिक्रमा करें लेकिन घर के किसी पुरूष को ही शालिग्राम की चौकी को अपने गोद में लेना चाहिए.

9) इस प्रकार से पूजन करने के बाद आरती करके सभी में प्रसाद को बांटे आप चाहें तो खीर पुड़ी का भोग तुलसी और शालिग्राम को लगा सकते हैं.

Tulsi Vivah 2023 | आइए जानते हैं तुलसी विवाह के महत्व को :

पौराणिक कथाओं के अनुसार आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और फिर कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं. भगवान विष्णु के जागने पर उनके शालिग्राम अवतार से तुलसी जी का विवाह कराने की परंपरा है. मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से एक हजार अश्वमेघ यज्ञ करने के समान फल की प्राप्ति होती हैं. तुलसी विवाह के शुभ दिन तुलसी जी और शालिग्राम का विवाह कराने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा मिलने के साथ ही भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. हिन्दू मान्यता के अनुसार पुत्री के विवाह करने से जो पुण्य की प्राप्ति होती हैं उसके ही बराबर पुण्य तुलसी का विवाह करने से भी प्राप्त होता है कहा जाता हैं कि अगर किसी के घर में कोई पुत्री नही है तो उसे तुलसी विवाह अवश्य ही करना चाहिए.

उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा तो इसे अपने परिजनों और दोस्तों के बीच अवश्य से शेयर करें और ऐसे ही व्रत त्यौहार से जुड़े लेख को पढ़ने के लिए जुड़े रहे madhuramhimdi.com के साथ.


FAQ – सामान्य प्रश्न

तुलसी जी का विवाह भगवान विष्णु के किस अवतार से किया जाता हैं ?

शालिग्राम

इस साल तुलसी विवाह कब मनाया जाएगा ?

24 नवंबर 2023 दिन शुक्रवार.

हिन्दू पंचाग के अनुसार देवउठनी एकादशी कब मनाया जाता हैं ?

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को.

तुलसी विवाह के दिन व्रत करने से किसके बराबर फल की प्राप्ति होती हैं ?

एक हजार अश्वमेघ यज्ञ करने के बराबर.


अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.