Vastu Tips for South Direction | हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र सबसे प्राचीन विज्ञानों में से एक माना जाता है और वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में हर चीजों को वास्तु के नियम के अनुसार रखना शुभ होता है गलत दिशा में चीजों को रखने से नकारात्मकता बढ़ाने के साथ तनावपूर्ण माहौल भी बनी रहती है कहा जाता है कि अगर चीजों को सही दिशा में रखा जाता है तो यह हर तरह से लाभ पहुंचते हैं अगर वास्तु का ध्यान नहीं रखते हुए चीज रखते हैं तो घर की आर्थिक स्थिति भी खराब हो सकती है और घर में व्यर्थ के कलह क्लेश भी बढ़ने लगती है.
वास्तु शास्त्र में दिशाओं का विशेष खास महत्व होता है और दक्षिण दिशा अपने आप में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है हिंदू धर्म में दक्षिण दिशा यम की दिशा कहलाती हैं और साथ ही यह पितरों की दिशा भी मानी जाती है वास्तु की माने तो घर में सुख समृद्धि के लिए सभी दिशाओं का बहुत खास महत्व होता है ऐसे में दक्षिण दिशा से जुड़ी जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए नहीं तो जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
Vastu Tips for South Direction | दक्षिण दिशा में किन चीजों को नहीं रखनी चाहिए :
What things should not be kept in the south direction
1) पूजा घर :
घर में कभी भी पूजा घर, घर की दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए क्योंकि कहा जाता है कि दक्षिण दिशा में घर में मंदिर स्थापित करने से कभी भी पूजा का पूरा फल नहीं मिलने के साथ ही मनोकामनाएं भी पूर्ण नहीं होती और घर की आर्थिक स्थिति भी खराब रहती है इसलिए घर में मंदिर को हमेशा उत्तर पूर्व दिशा में बनाना चाहिए.
2) रसोई घर (किचन) :
वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा में कभी भी रसोई घर को नहीं बनवाना चाहिए क्योंकि इससे घर की सदस्यों की सेहत खराब होती है और अन्न और धन का आगमन भी रुक जाती है और घर में नकारात्मकता ऊर्जा का संचार होने लगती है.
3) शयनकक्ष (बेडरूम) :
वास्तु के अनुसार दक्षिण दिशा में कभी भी शयनकक्ष यानी कि बेडरूम नहीं होना चाहिए क्योंकि माना जाता है कि इस दिशा में बेडरूम होने से नींद में बाधा होने के साथ ही कई बीमारियां आती है और उसके साथ ही यह दिशा पितरों की दिशा है इसलिए इस दिशा में बेडरूम होना पितृदोष का कारण भी बन सकता है. कहा जाता है कि अगर दक्षिण दिशा में बेड का सिरहना होने से पति पत्नी के बीच मनमुटाव बना रहता है जिससे दाम्पत्य जीवन परेशानियों से घिरा रहता है.
4) बाथरूम (स्नान घर) :
वास्तु के अनुसार घर की दक्षिण दिशा में कभी भी बाथरूम नहीं होना चाहिए क्योंकि माना जाता है कि यह दिशा यम और पितरों की कहलाती है इसके साथ ही दक्षिण दिशा में अग्नि तत्व मौजूद होता है यही कारण है कि दक्षिण दिशा से अग्नि यानी की शक्ति मिलती है इसलिए भूलकर भी दक्षिण दिशा में बाथरूम या फिर ऐसा कोई पानी का स्रोत हो जिससे कि पानी बहता हो नहीं होना चाहिए क्योंकि पानी को अग्नि तत्व खत्म करने का कारण बताया जाता है जो कि घर के विनाश का कारण बन सकता है हो सके तो घर के बाहर भी दक्षिण दिशा में कोई बगीचा गार्डन या तालाब मौजूद नहीं होना चाहिए.
5) जूते और स्टोर रूम :
वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा में भूलकर भी जूते चप्पल या स्टोर रूम को नहीं रखना चाहिए क्योंकि दक्षिण दिशा पितरों की दिशा कहलाती है और ऐसा करने से पितरों का अपमान होता है और पितृ दोष लगने की आशंका बढ़ जाती है जिसके कारण जीवन में आने वाली परेशानियों का कारण बनने के साथ ही घर में छोटी-छोटी बातों पर कलह होने लगती है और घर की सुख शांति बिगड़ जाती है.
6) तकनीकी चीजें और मशीनें :
वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा में इलेक्ट्रॉनिक सामान और मशीनों को कभी नहीं रखना चाहिए क्योंकि कोई भी मशीनरी दक्षिण दिशा में रखना घर के विनाश की सकारात्मक ऊर्जा को रोकने का काम करती है जिससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होने लगती है इसके अलावा दक्षिण दिशा में इन सामानों को रखने से घर परिवार के बीच रिश्तों में दूरियां भी आने लगती है.
7) तुलसी का पौधा :
सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत ही पूजनीय और पवित्र माना जाता है इसलिए इस पौधे को कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं लगाना यह रखना चाहिए क्योंकि यह दिशा पितरों की होती है और तुलसी का पौधा यहां लगाने से फायदे की जगह नुकसान होने की संभावना होने के साथ नकारात्मक परिणाम देखने को भी मिल सकते हैं.
जब भी आप घर की दक्षिण दिशा में कोई सामान रखें तो आप वास्तु के नियमों का पालन कर लें जिससे कि घर में सुख समृद्धि बनी रहे.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
पितरों और यम की कौन सी दिशा होती हैं ?
दक्षिण दिशा.
घर में पूजा घर किस दिशा में बनाना चाहिए ?
उत्तर पूर्व दिशा.
तुलसी के पौधे को किस दिशा में नहीं लगना चाहिए ?
दक्षिण दिशा
घर की दक्षिण दिशा में जूता और स्टोर रूम रखने से कौन सा दोष लगता है ?
पितृ दोष.
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