Vidur Neeti | महाभारत जिसे हिन्दू ग्रँथ का पांचवां वेद माना गया है. महाभारत के सारे पात्रों की अपनी एक अलग पहचान थी इन्हीं पात्रों में एक ऐसे थे जिनकी बुद्धिमानी और ज्ञान को आज भी सम्मान दिया जाता हैं और वो है महात्मा विदुर. विदुर धृतराष्ट्र और पांडव के सौतेले भाई और एक दासी पुत्र थे जिनको संपूर्ण वेदों और शास्त्रों का ज्ञान था. माना जाता है कि विदुर और महाराज धृतराष्ट्र के बीच वार्तालाप को विदुर नीति के रूप में जाना जाता और इसी विदुर नीति में कई ऐसी बातों का जिक्र है जो कि आज भी मनुष्यों को सही राह दिखाने का कार्य करती हैं. विदुर नीति की बातों को अगर जीवन में उतार लिया जाए तो कई तरह की समस्याओं का निवारण आसानी से किया जा सकता है तो वहीं विदुर ने ऐसी बातें को भी बताई है जो कि व्यक्ति को अंधकार की ओर ले जाया करती हैं अगर किसी के अंदर यह बातें हैं तो फौरन सुधार कर लेना चाहिए.
Vidur Niti | तो चलिए जानते हैं कि विदुरजी ने किन पांच आदतें का जिक्र किया हैं जो व्यक्ति को अंधकार की ओर ले जाती हैं :
1) स्वार्थ की भावना :
विदुर नीति | कुछ मनुष्य ऐसे होते हैं जो हमेशा खुद के बारे में ही सोचते रहते हैं विदुर नीति के अनुसार मनुष्य का स्वंय के लिए सोचने का स्वार्थ उसे जीवन भर दुख देता रहता है अगर जीवन में सुख शांति पाना चाहते है तो स्वार्थ की भावना को त्याग करना चाहिए नहीं तो ऐसे व्यक्ति जो सिर्फ अपने बारे मे सोचता है वह अपने जीवन के आखिरी समय में अकेले रह जाते हैं.
2) क्रोध :
विदुर नीति के अनुसार क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन होता है क्योंकि यह मनुष्य की सोचने और समझने की ताकत को छीन लेता है और क्रोध में व्यक्ति कुछ ऐसा कर देता है जिसके नुकसान की भरपाई वह पूरे जीवन भर नही कर पाता है इसलिए मनुष्य को अपने गुस्से और क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए.
3) मित्रों को धोखा देना :
संसार का सबसे अनमोल रिश्ता मित्रता का माना जाता है विदुर नीति के अनुसार मित्रों को धोखा देने वाला मनुष्य कभी भी मित्र का सुख नहीं मिलता उनके लिए नर्क के दरवाजे अपने आप खुल जाते हैं विदुर कहते हैं ऐसे लोगों की उम्र कम हो जाया करती हैं.
4) स्वयं की प्रशंसा करना :
स्वयं की प्रशंसा करना अच्छी बात है किंतु अगर कोई व्यक्ति सदैव खुद की प्रशंसा करते हुए दूसरे की निंदा भी करता है वो व्यक्ति खुशहाल जीवन को नही जी सकता धीरे धीरे यह आदत उसे अंधकार की ओर ले जाती हैं.
5) अत्यधिक बोलना :
विदुर नीति कहती है कि व्यक्ति को कभी भी बहुत अधिक नहीं बोलना चाहिए व्यक्ति को सदैव सटीक और कम ही बोलना चाहिए क्योंकि ज्यादा बोलने वाले व्यक्ति जाने अनजाने कई बार ऐसी बात बोल दिया करती हैं जिसका भुगतना उन्हें पूरी उम्र उठानी पड़ती हैं ऐसे व्यक्ति कभी सुखी नही रह सकते हैं.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
महात्मा विदुर किनके भाई थे ?
पांडव और धृतराष्ट्र.
पांचवा वेद किस ग्रँथ को माना गया है ?
महाभारत
व्यक्ति को अपने किन गुण को नियंत्रित करना चाहिए ?
गुस्सा और क्रोध.
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