Maa Lakshmi| हिन्दू धर्म मे भगवान विष्णु माता लक्ष्मी का विशेष स्थान होने के साथ ही इनकी पूजा का भी बहुत विशेष महत्व हैं. मान्यता है कि जिस घर में माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा होती है तो वहां सुख के साथ-साथ संपत्ति का भी वास होता है क्योंकि भगवान श्री विष्णु के बिना माता लक्ष्मी अधूरी है तो माता लक्ष्मी के बिना भगवान विष्णु. जीवन में सुख शांति और समृद्धि प्राप्त करने के अलावा भक्त इनसे अपने दांपत्य जीवन के खुशहाली और सुखमय होने की कामना के लिए भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा किया करते हैं लेकिन एक बार ऐसा क्या हुआ कि जब भगवान विष्णु को माता लक्ष्मी ने रुला दिया और माता लक्ष्मी को एक माली के यहां सेविका के रूप में उनके घर काम करना पड़ा था.
Lord Vishnu aur Maa Lakshmi | आखिर ऐसा क्या हुआ कि माता लक्ष्मी के कारण भगवान विष्णु रोने लगे.
आइए जानते हैं उस पौराणिक कथा को जिससे जान सकें कि आखिर क्यों माता लक्ष्मी के कारण भगवान विष्णु रोने लगे.
पौराणिक कथानुसार एक बार भगवान श्री विष्णु धरती पर भ्रमण के लिए जा रहे थे कि तभी देवी लक्ष्मी ने भी उनके साथ भ्रमण पर चलने की जिद किया. बहुत जिद करने पर भगवान विष्णु ने देवी लक्ष्मी से कहा वह चल तो सकती है लेकिन उनको एक शर्त का पालन करना पड़ेगा तब देवी लक्ष्मी ने भगवान विष्णु से उनकी शर्त पूछी और शर्त के अनुसार भगवान विष्णु ने कहा धरती पर कोई भी स्थिति हो जाए लेकिन उनको उत्तर दिशा की ओर नहीं देखना है. देवी लक्ष्मी ने सहज रूप से भगवान विष्णु के शर्त को स्वीकार करके उनके साथ चल पड़ी.
जब भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी धरती पर भ्रमण के निकले तब माता लक्ष्मी की नजरे उत्तर दिशा की ओर गई और वहां इतनी ज्यादा हरियाली और मनमोहन बगीचे थे कि माता लक्ष्मी खुद को रोक नहीं पाई और बगीचे की ओर चल पड़ी और फिर बगीचे से उन्होंने एक फूल को तोड़ा और वापस भगवान विष्णु के पास आ गई. भगवान विष्णु माता लक्ष्मी को देखते ही रो पड़े तब माता लक्ष्मी को भगवान विष्णु जी की शर्त याद आई और उनको एहसास हुआ कि उन्होंने गलती की है इस पर भगवान विष्णु ने कहा बिना किसी से पूछे उसकी किसी चीज को छूना या उपयोग करना अपराध हैं इस पर माता लक्ष्मी ने भगवान विष्णु से अपने किए की क्षमा मांगी किंतु भगवान विष्णु ने कहा कि आपकी गलती की माफी केवल बगीचे का माली ही दे सकता है इसके लिए आपको माली के घर दासी बनके रहना होगा इस तरह से भगवान विष्णु के वचन को सुनकर माता लक्ष्मी ने तुरंत ही एक गरीब स्त्री का भेज धारण किया और माली घर चली गई.
माता लक्ष्मी को गरीब स्त्री समझ कर उस बगीचे की माली ने भी उसे अपने घर पर काम करने के लिए रख लिया और उनसे अपने खेत और घर में बहुत काम करवाया किंतु जब माली को पता चला कि वह गरीब स्त्री कोई और नहीं बल्कि खुद माता लक्ष्मी है तो वह रोने लगा और माता लक्ष्मी से अपनी अज्ञानता के कारण माफी मांगी तब माता लक्ष्मी ने मुस्कुराते हुए माली से कहा जो भी हुआ वह नियति थी इसमें तुम्हारा कोई दोष नहीं है लेकिन माली जिस तरह से माता लक्ष्मी को अपने घर का सदस्य समझ कर उनसे व्यवहार किया इससे माता लक्ष्मी बहुत प्रसन्न हुई और इसके लिए माता लक्ष्मी ने उस माली को आजीवन सुख समृद्धि से परिपूर्ण रहने का वरदान देते हुए कहा कि अब जीवन में उनको और उसके परिवार को किसी भी तरह का दुख, कष्ट और तकलीफ को नहीं भोगना पड़ेगा इतना कहकर माता लक्ष्मी अंर्तध्यान होकर विष्णु लोक वापस चली गई.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) भगवान विष्णु किस के कारण रोये थे ?
माता लक्ष्मी.
2) माता लक्ष्मी किन के घर सेविका बनी ?
माली के घर.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.