Navratri | साल में दो नवरात्रि मनाई जाती है पहले चैत्र के महीने में इस नवरात्रि के साथ हिंदू नव वर्ष की भी शुरुआत होती है इसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है तो दूसरी नवरात्रि अश्विन मास में आती है जो शारदीय नवरात्रि कहलाती हैं. पौष और आषाढ़ के महीने में भी नवरात्रि का पर्व आता है जिसको गुप्त नवरात्रि कहा जाता है लेकिन इस नवरात्रि में तंत्र साधना की जाती है और गृहस्थ और पारिवारिक लोगों के लिए केवल चैत्र और शारदीय नवरात्रि को ही श्रेष्ठ माना जाता है दोनों में ही माता रानी मां भगवती के नौ स्वरूपों जिनमें ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा आराधना की जाती है.
Why is Chaitra Navratri celebrated? चैत्र नवरात्रि क्यों मनाई जाती हैं :
चैत्र नवरात्रि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से मनाई जाती है. यह पर्व हिंदू नव वर्ष की शुरुआत से होता है नौ दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार को रामनवमी भी कहा जाता है जिसका समापन भगवान राम के जन्मदिन यानी कि रामनवमी वाले दिन होता है माना जाता है कि चैत्र नवरात्रि की साधना मानसिक रूप से लोगों को मजबूत बनाती है और आध्यात्मिक इच्छाओं को पूरा करने वाली होती है. चैत्र नवरात्रि मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा हैं जिसके अनुसार जब पृथ्वी पर महिषासुर का आतंक काफी बढ़ गया और देवता भी उसे हरा पाने में असमर्थ हो गए क्योंकि महिषासुर को यह वरदान मिला था कि कोई भी देवता या दानव उसे कभी पराजित नहीं कर पाएंगे तब देवता ने महिषासुर से मुक्ति के लिए माता पार्वती को प्रसन्न करके उनसे रक्षा करने का प्रार्थना की इसके बाद माता भगवती ने अपने उनसे नौ रूप प्रकट किए जिन्हें देवता ने अपने अस्त्र शस्त्र देकर शक्ति से संपन्न किया और यह सिलसिला चैत्र के महीने के प्रतिपदा से शुरू होकर नौ दिनों तक चला तब से इन नौ दिनों को चैत्र नवरात्रि के रूप में मनाया जाने लगा.
Why is Shardiya Navratri celebrated? शारदीय नवरात्रि क्यों मनाई जाती हैं :
शारदीय नवरात्रि अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ ही शुरू होती है यह नवरात्रि मां भगवती के नौ रूपों दुर्गा, भद्रकाली, जगदंबा, अन्नपूर्णा, सर्वमंगला, भैरवी, चंडिका कलिता, भवानी, मुकम्बिका को समर्पित है. मान्यता हैं कि नौ दिनों की लंबी लड़ाई के बाद मां भगवती दुर्गा ने दानव महिषासुर का वध किया था और इसी के पावन अवसर पर यह पर्व मनाया जाता है. कहा जाता हैं कि भगवान श्री राम ने रावण को युद्ध में हारने के लिए मां भगवती दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा नौ दिनों तक की थी और उसके बाद दसवें दिन भगवान श्री राम ने रावण का वध किया जिसको दशहरा के रूप में मनाया जाता है.
Chaitra Navratri Vs Sharadiya Navratri | चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के बीच अंतर :
चैत्र नवरात्र में भगवान श्री राम जी का जन्म दिन भी आता है इसलिए इस समय मां के स्वरूपों के साथ-साथ भगवान विष्णु जी और राम जी की पूजा भी रामनवमी के रूप में की जाती है जबकि शारदीय नवरात्र को शक्ति की उपासना का प्रतीक माना जाता है और यह बुराई पर अच्छाई का संदेश देती है. चैत्र नवरात्रि के समय कठिन साधना और कठिन व्रत का महत्व है जबकि शारदीय नवरात्रि के दौरान सात्विक साधना, नृत्य, उत्सव आदि का आयोजन किया जाता है.
चैत्र नवरात्रि मैं सिद्धि प्राप्त करने के लिए माता भगवती दुर्गा की साधना की जाती है और चैत्र नवरात्रि के अंत में रामनवमी आती है कहा जाता है कि भगवान श्री राम का जन्म रामनवमी के दिन हुआ था जबकि शारदीय नवरात्रि के अंतिम दिन महानवमी के रूप में मनाई जाती है और इसके अगले दिन विजयदशमी के दिन ही माता दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था और दसवें दिन ही प्रभु श्री राम ने रावण का वध किया था यही कारण है कि शारदीय नवरात्रि विशुद्ध रूप से शक्ति की आराधना के दिन कहलाते है.
धार्मिक मान्यता है कि चैत्र नवरात्रि की साधना भक्तों को मानसिक रूप से मजबूत बनाती है और आध्यात्मिक इच्छा को पूरा करती है तो वहीं शारदीय नवरात्रि सांसारिक इच्छा को पूर्ण करने वाली मानी जाती हैं. चैत्र नवरात्र का महत्व महाराष्ट्र आंध्र प्रदेश तेलंगाना और कर्नाटक में अधिक है तो वहीं शारदीय नवरात्रि का महत्व गुजरात और पश्चिम बंगाल में ज्यादा है.
चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि मौसम के बदलाव के दौरान आते हैं जैसे कि चैत्र नवरात्रि सर्दी के जाने और गर्मी के आगमन का प्रतीक है तो वहीं शारदीय नवरात्रि गर्मी के जाने और सर्दी की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
चैत्र नवरात्रि कब मनाई जाती हैं ?
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से.
चैत्र नवरात्रि में किस भगवान का जन्म हुआ था ?
भगवान श्रीराम.
शारदीय नवरात्रि कब मनाया जाता हैं ?
अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से.
शारदीय नवरात्रि के दौरान माँ दुर्गा ने किस राक्षस का वध किया था ?
महिषासुर का.
भगवान राम ने रावण का वध किस दिन किया था ?
विजयदशमी (दशहरा).
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