Karwa Chauth | कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ मनाई जाती है जिसमें मुख्य रूप से विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत को रखती है और चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर छलनी से पति का दर्शन करके उनके हाथों से जल ग्रहण करके पारण कर व्रत को पूर्ण करती हैं. करवा चौथ का यह पर्व विवाहित जीवन में प्रेम, विश्वास और एकता को मजबूत करने का सशक्त माध्यम होता हैं मान्यता है कि करवा चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता हैं. करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा की पूजा क्यों किया जाता हैं और क्यों चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है, आखिर क्या है इसके पीछे का रहस्य.
करवा चौथ में चंद्रमा को अर्ध्य क्यों दिया जाता है :
करवा चौथ पर चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है क्योंकि चंद्रमा को अखंड सौभाग्य का प्रतीक होने के साथ इसको पति – पत्नी के रिश्ते में सुख, शांति, स्मृद्धि और लंबे आयु का प्रतीक माना जाता हैं इन्हीं कारणों से विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए चंद्रमा की पूजा करती हैं. धार्मिक मान्यता है कि चंद्रमा मन के देवता कहलाते है और चंद्रमा को अर्घ्य देने से मन में आने वाले नकारात्मक विचारों से छुटकारा मिलने साथ ही शारीरिक और मानसिक शांति भी मिलती हैं जिससे कि वैवाहिक जीवन मजबूत होता हैं. करवा चौथ पर विवाहित महिलाएं माता पार्वती और भगवान शिव की पूजन के समय चंद्रमा को साक्षी मानकर उनसे अखंड सौभाग्यवाती का वरदान को मांगती हैं. माना जाता है कि चंद्रमा शांति और स्मृद्धि का प्रतीक होता हैं और इसकी पूजा करने से घर में सुख – शांति का आगमन होता हैं.
करवा चौथ पर चंद्र पूजन के महत्व :
करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व होता हैं पौराणिक कथानुसार चंद्रमा भगवान शिव और माता पार्वती से जुड़ा है जो कि विवाह के पवित्र बंधन का प्रतिनिधित्व करता है और चंद्रमा की शीतल और शांत ऊर्जा मन को शांति प्रदान करती हैं जो कि प्रार्थना और ध्यान की लिए यह समय बहुत ही शुभ होता हैं. मान्यता है कि करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा से जीवन में लंबी आयु, शांति और समृद्धि का आगमन होता हैं तो वहीं माना जाता है कि हिंदू धर्म में चंद्रमा शांति और स्थिरता का प्रतीक होता हैं यही कारण है कि करवा चौथ के दिन महिलाएं चंद्रमा की पूजन करके व्रत को खोलती हैं और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं. इस पर्व पर चंद्रमा का पूजन न सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान है बल्कि पति – पत्नी के बीच प्रेम, स्नेह और विश्वास को मजबूत भी करता है.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) करवा चौथ कब मनाया जाता हैं ?
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी.
2) करवा चौथ पर किसको अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता हैं ?
चंद्रमा.
3) चंद्रमा किसका प्रतीक होता हैं ?
मन का.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.





