Basant Panchami Ki Katha | बसंत पंचमी हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है. इस दिन शिक्षा, साहित्य और कला क्षेत्र से जुड़े लोग माता सरस्वती पूजा किया करते हैं क्योंकि माता सरस्वती को बुद्धि, विद्या, ज्ञान और कला की देवी कहा गया है. माता सरस्वती (Maa Saraswati) को बागीश्वरी,भगवती, शारदा, वीणावादिनी और वाग्देवी जैसे अनेक नामों से पूजन किया जाता हैं. कहा जाता हैं कि इस दिन माता सरस्वती की पूजा आराधना से बुद्धि, विद्या कला और ज्ञान का वरदान प्राप्त होता है. पीला रंग माता सरस्वती को बहुत ही प्रिय हैं यही कारण है कि इस दिन भक्त पीले वस्त्र धारण करके और पीले व्यंजन का भोग लगाया जाता है.
Why is Maa Saraswati worshipped on Basant Panchami? | बसंत पंचमी के दिन आखिर क्यों होती है सरस्वती माता की पूजा :
धार्मिक मान्यता है कि बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन सरस्वती माता का अवतरण हुआ था पौराणिक कथानुसार ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना की और भगवान विष्णु की आज्ञा से सृष्टि के आरंभ में मनुष्य और जीव जंतु योनि की रचना किया किन्तु ब्रह्माजी अपनी किए रचना से संतुष्ट नहीं थे उन्हें महसूस हुआ कि कुछ कमी रह गई हैं और इसी कमी को समझने के लिए वे संसार भ्रमण के लिए निकले जब उन्होंने सारा संसार देखे तो उन्हें सब मूक नजर आया सभी जगह सन्नाटा पसरा हुआ था इन सब को देखने के बाद उनको लगा कि वाकई में रचना में कुछ कमी रह गई हैं.
इसके पश्चात एक स्थान पर ब्रह्माजी ठहरे और अपने कमंडल से थोड़ा जल निकालकर छिड़क दिया जिससे एक महान ज्योतिपुंज में से एक देवी प्रकट हुई जिसके एक हाथ में वीणा थी दूसरे हाथ में पुस्तक तीसरे हाथ में माला चौथा हाथ वरमुद्रा में था और चेहरे में बहुत ज्यादा तेज था यह देवी सरस्वती थी उन्होंने ब्रह्माजी को प्रणाम किया तब ब्रह्माजी ने देवी सरस्वती से कहा कि इस संसार में सभी मनुष्य मूक हैं यह सभी बस चल रहे हैं इनमें आपसी संवाद नहीं है यही वजह है कि यह आपस में बातचीत नहीं कर पाते हैं इस पर देवी सरस्वती ने पूछा कि – प्रभु ! मेरे लिए क्या आज्ञा है? तब ब्रह्माजी ने कहा – देवी ! आपको अपनी वीणा की मदद से इन्हें ध्वनि प्रदान करो जिससे कि यह लोग आपस में बातचीत कर सकें और एक दूसरे की तकलीफ को समझ सकें. ब्रह्माजी के वीणावादन अनुरोध पर देवी सरस्वती (Maa Saraswati) ने वीणा का मधुर नाद किया जिससे संसार के सारे जीव जन्तु में वाणी और जलधारा कोलाहल करने लगी और हवा में सरसराहट करने लगी चूंकि इस दिन माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी थी यही कारण है कि बसंत पंचमी के दिन सरस्वती माता की पूजा की जाने लगी.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
बसंत पंचमी के दिन कौन देवी अवतरित हुई थी ?
देवी सरस्वती
सृष्टि की रचना किसने किया है ?
ब्रह्माजी ने.
किनके कहने पर ब्रह्माजी ने मनुष्य और जीव जंतु योनि की रचना किया था?
भगवान विष्णु.
देवी सरस्वती का स्वरूप कैसा था ?
एक हाथ में वीणा दूसरे हाथ में पुस्तक तीसरे हाथ में माला और चौथा हाथ वरमुद्रा.
देवी सरस्वती ने किसकी मदद से संसार में ध्वनि प्रदान किया ?
अपनी वीणा से.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.