Peepal Tree | हिंदू धर्म में पीपल का पेड़ को पवित्र व पूजनीय माना जाता है.मान्यता है कि पीपल के पेड़ की पूजा करने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या से मुक्ति मिलने के साथ ही सारे देवी देवताओं का भी आशीर्वाद व अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती हैं. कहा जाता है कि रोजाना इसकी पूजा करने और इसमें जल को चढ़ाने से मोक्ष मिलता है. श्रीमद्भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने इस वृक्ष में स्वंय इस वृक्ष में अवतार कहा है. माना जाता है पीपल वृक्ष में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है यही कारण है कि पीपल की पूजा (Peepal ke ped ka mahatva) करने से सिर्फ पुण्य की ही प्राप्ति नहीं होती हैं बल्कि पितरों का भी आशीर्वाद मिलता है.
Peepal Tree | आइए जानते हैं हिंदू धर्म में आखिर क्यों पीपल के पेड़ को पूजना शुभ माना जाता है :
सनातन धर्म मे पीपल को वृक्षों का राजा कहा जाता हैं. शास्त्रों के अनुसार इस वृक्ष में सारे देवी देवताओं और पितरों का वास माना जाता है. मान्यता है कि इस वृक्ष में त्रिदेव निवास करते हैं जिसकी जड़ में श्री विष्णु, तने में भगवान शिव और अग्रभाग में साक्षात ब्रह्माजी निवास करते हैं कहा जाता है कि जैसे संसार में देवता, ब्राह्मण और गौ पूजनीय होते हैं उसी तरह पीपल का वृक्ष भी बहुत पूजनीय माने जाते हैं. पीपल को रोपने से, रक्षा करने से, छूने से और पूजने से धन, उत्तम संतान, स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति होती हैं इसके साथ पीपल में पितरों का वास होता है और इसके साथ ही पीपल का सब तीर्थों में निवास होता है यही कारण है कि मुंडन, यज्ञ, पूजापाठ पुराण कथा आदि पीपल के नीचे करवाने के लिए श्रेष्ठ मानी गई हैं. मान्यता है कि रविवार को छोड़कर बाकी दिन अगर पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करने से चमत्कारी फल देने वाला उपाय हैं और अगर पीपल के वृक्ष के नीचे शिवलिंग स्थापित करके नित्य पूजा करने जीवन की बड़ी से बड़ी समस्याएं दूर होने के साथ ही भौतिक सुख सुविधाओं की प्राप्ति होती हैं.
How did Peepal tree get the blessing of Shani Dev|पीपल पेड़ को कैसे मिला शनिदेव का वरदान :
पौराणिक कथानुसार एक बार ऋषि अगस्त्य दक्षिण दिशा में अपने शिष्यों के साथ गोमती नदी के तट पर गए जहां एक वर्ष तक यज्ञ करते रहे. उस समय राक्षसों का राज स्वर्ग पर था और उसी में से एक राक्षस जिसका नाम कैटभ था उसने पीपल का रूप लेकर यज्ञ कर रहे ब्राह्मणों को परेशान करना शुरू कर दिया और उन ब्राह्मणों को मारकर खाने लगा जैसे ही कोई ब्राह्मण पीपल के वृक्ष की पत्ते या फिर टहनियां तोड़ने जाता तो राक्षस कैटभ उसे कहा जाता इस प्रकार से अपनी संख्या कम होते देख ऋषि मुनि सहायता के लिए शनिदेव के पास गए और अपनी समस्या को बताई.
शनिदेव उन ऋषि मुनि की समस्या को दूर करने के लिए एक साधारण ब्राह्मण का रूप धारण करके पीपल के वृक्ष के पास गए तो वृक्ष बना राक्षस शनिदेव को साधारण ब्राह्मण समझकर खा गया लेकिन शनिदेव उसका पेट चीरकर बाहर निकलें और फिर उस राक्षस का वध करके उसका अंत कर दिया. राक्षस कैटभ का अंत होने पर प्रसन्न होकर ऋषि मुनियों ने भगवान शनिदेव की जय जयकार करते हुए उनको धन्यवाद दिया इस पर प्रसन्न होकर शनिदेव ने कहा – शनिवार के दिन जो भी मनुष्य पीपल के वृक्ष को स्पर्श करेगा या फिर उसकी पूजा करेगा उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होगी तो वही अगर इस वृक्ष के नीचे जो कोई मनुष्य स्नान, ध्यान, हवन, और पूजा करेगा उसे कभी भी मेरी पीड़ा को झेलना नहीं पड़ेगा.
Benefits of Worshiping Peepal Tree | पीपल के पेड़ की पूजा करने के लाभ को :
1) देवी देवताओं का आशीर्वाद मिलता है :
नियमित रूप से नित्य पीपल के पेड़ की पूजा करने से देवी देवताओं का आशीर्वाद मिलता है क्योंकि माना जाता है कि इसपेड़ में सारे देवी देवताओं का वास होता है और इसके साथ ही अक्षय पुण्य की भी प्राप्ति होती हैं.
2) पितृ दोष से मुक्ति मिलती है :
रोजाना पीपल के जड़ में जल चढ़ाने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है. पीपल के जड़ में जल अर्पित करना लाभदायक होता है और इसके साथ ही पीपल का पेड़ लगाना भी शुभ होता है माना जाता है कि नियमित पीपल के पेड़ की पूजा करने से पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती हैं.
3) शनि दोष से मुक्ति मिलती हैं :
शनिवार के दिन पीपल के पेड़ में जल अर्पित करने और सरसों का तेल का दीपक जलाने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या से मुक्ति मिलती हैं इसके अलावा शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की परिक्रमा अवश्य करना चाहिए.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
सनातन धर्म के अनुसार वृक्षों का राजा कौन सा वृक्ष कहलाता है ?
पीपल का वृक्ष.
पीपल के पेड़ की जड़, तने और अग्रभाग में किस भगवान का वास होता है ?
जड़ में भगवान विष्णु, तने में भगवान शिव और अग्रभाग में ब्रह्माजी.
पीपल का पेड़ की पूजा करने से क्या लाभ मिलता हैं ?
शनि की साढ़े साती और ढैय्या से छुटकारा.
किस राक्षस ने पीपल वृक्ष का रूप लिया था ?
कैटभ राक्षस.
पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किस पेड़ की पूजा करनी चाहिए ?
पीपल वृक्ष.
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