Panchmukhi Hanuman Ji | मंगलवार का दिन हनुमानजी को समर्पित है. इस दिन हनुमानजी की पूजा करने से वे अपने भक्तों पर आने वाली सभी संकट को तुरंत हर लिया करतें हैं और उनके कष्ट का निवारण कर देते हैं यही कारण है कि हनुमानजी को संकटमोचन कहा जाता हैं. हनुमानजी की पूजा उपासना से सुख, शांति, आरोग्य और लाभ मिलता है इसके अलावा हनुमानजी के भक्तों को नकारात्मक शक्तियां कभी भी परेशान नहीं करती हैं. हनुमानजी वैसे तो स्वंय भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त थे और हमेशा उनके नाम का स्मरण करते रहते लेकिन एक बार रावण से युद्ध के दौरान भगवान श्रीराम के भी संकट में पड़ जाने पर हनुमानजी ने पंचमुखी अवतार लेकर उनको संकट से उबारा था.
Panchmukhi Hanuman Ji | आइए जानते हैं हनुमानजी के पंचमुखी अवतार लेने की पौराणिक कथा :
पौराणिक (Hindu Mythology) कथानुसार भगवान श्रीराम से युद्ध के दौरान रावण को इसका अंदेशा हुआ कि वह इस युद्ध में हार सकता है और अपनी हार से बचने के लिए रावण ने मायावी शक्तियों का प्रयोग करना शुरू किया जिसके लिए उसे अपने मायावी भाई अहिरावण की सहायता ली. अहिरावण की माँ तंत्र विद्या में निपुण थी जिसके कारण से अहिरावण भी तंत्र विद्या में बहुत माहिर था जिसके चलते उसने युद्ध के समय एक ऐसी चाल चली जिसमें भगवान श्रीराम की सेना धीरे धीरे युद्ध भूमि पर ही सोने लगी. अहिरावण की इस मायावी चाल से भगवान राम और लक्ष्मण भी खुद को बचा नही पाएं और वह भी गहरी निद्रा में सो गए और उनके गहरी नींद में जाते ही अहिरावण ने उनका अपहरण करके पाताल लोक लेकर गया.
कुछ समय पश्चात अहिरावण के माया का प्रभाव कम होने लगा तो भगवान श्रीराम के सेना जागी उन्होंने देखा कि भगवान राम और लक्ष्मण वहां मौजूद नही है लेकिन विभीषण अहिरावण की मायावी चाल को समझ लिया और उन्होंने राम और लक्ष्मण को बचाने के लिए उनके परम भक्त हनुमान को पाताल लोक जाने को कहा पर जैसे ही हनुमानजी पाताल लोक पहुंचे तो वहां पर अहिरावण का पुत्र मकरध्वज उन्हें अंदर जाने से रोका जिसके कारण मकरध्वज और हनुमानजी का युद्व हुआ और मकरध्वज को हनुमानजी हराकर जब अंदर प्रवेश करके अहिरावण के पास पहुंचे तो उन्होंने वहां भगवान राम और लक्ष्मण को बंधक बने हुए देखा.
हनुमानजी ने वहां पांच दीपक को पांचों दिशाओं में जलते हुए देखा और वे जानते थे कि अहिरावण को यह वरदान प्राप्त था कि उसे केवल वही व्यक्ति मार सकता है जो उसके द्वारा जलाएं गए पांच दीपक को एक साथ बुझा दे और इस वरदान का फायदा उठाकर अहिरावण ने पांचों दिशाओं में दीपक जला रखा. अहिरावण की इसी माया को खत्म करने के लिए हनुमानजी ने पंचमुखी रूप धारण करके पांचों दीपक को एक बार मे ही बुझा कर अहिरावण का वध किया और भगवान श्रीराम और लक्ष्मण को उनके बंधन से मुक्त कराया तभी से हनुमानजी के पंचमुखी अवतार की पूजा होने लगी.
Panchmukhi Hanuman Ji | आइए जानते हैं पंचमुखी हनुमान जी के पांचों मुख के महत्व को :
मान्यता है कि हनुमानजी का पंचमुखी रूप पांच दिशाओं अर्थात पूर्व, पश्चिम, उत्तर दक्षिण और ऊपरी दिशाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं और इनके अलग अलग महत्व है
1) वानर मुख :
यह मुख पूर्व दिशा में है मान्यता है कि इसमें हजारों सूर्यों का तेज हैं और इस मुख की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में मदद मिलती हैं.
2) गरुड़ मुख :
यह मुख पश्चिम दिशा में है और इस मुख की पूजा करने से जीवन की रुकावटों और परेशानियों का नाश होता हैं.
3) वराह मुख :
हनुमानजी का यह मुख उत्तर दिशा में है जिनकी पूजा करने से लंबी उम्र, प्रसिद्ध और शक्ति की प्राप्ति होती हैं.
4) नृसिंह मुख :
यह मुख दक्षिण दिशा में हैं और मान्यता है कि इस मुख की पूजा करने से जीवन से भय, चिंता और परेशानियां दूर होती हैं.
5) अश्व मुख :
हनुमानजी का यह मुख आकाश की दिशा में हैं और इस मुख की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं को पूर्ण करता है.
Panchmukhi Hanuman Ji | आइए अब जानते हैं पंचमुखी हनुमान की पूजा विधि को :
पंचमुखी हनुमान जी की तस्वीर या चित्र को हमेशा दक्षिण दिशा में लगाना चाहिए और मंगलवार के दिन हनुमानजी को समर्पित होता है इसलिए इस दिन पंचमुखी हनुमान जी की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए. इस दिन लाल रंग के फूल, सिंदूर और चमेली का तेल उनको अर्पित करके गुड़ चने का भोग लगाकर सुंदरकाण्ड और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए मान्यता है कि इस तरह से की गई पंचमुखी हनुमान की पूजा बहुत ही लाभकारी सिद्ध होता है.
Panchmukhi Hanuman Ji | आइए अब जानते हैं पंचमुखी हनुमान जी की पूजा करने के लाभ को :
1) मान्यता है कि अगर घर में कोई वास्तु दोष हो तो पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर को घर के दक्षिण – पश्चिम दिशा में रखना या फिर लगा दें ऐसा करने से घर का वास्तु दोष पूरी तरह से समाप्त हो जाता हैं.
2) अगर घर में किसी तरह का कोई मुकदमा चल रहा हो और उसमें जीत पाना चाहते हो तो पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति के समक्ष घी का दीपक जलाकर पूजा करें मान्यता है कि इस उपाय को करनेसे मुकदमे पर जीत हासिल होती हैं.
3) किसी परीक्षा या फिर किसी इंटरव्यू में सफलता प्राप्त करने के लिए पंचमुखी हनुमान जी को लड्डू अनार और किसी फल का भोग जरूर लगाएं.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
हनुमानजी ने पंचमुखी अवतार किसको संकट से बचाने के लिए लिया था ?
भगवान श्रीराम और लक्ष्मण.
हनुमानजी का पंचमुखी अवतार किसका प्रतिनिधित्व करता है ?
पांचों दिशाओं का.
अहिरावण किसका भाई था ?
रावण.
हनुमानजी के पंचमुखी अवतार में आकाश की ओर किसका मुख हैं?
अश्व का.
पंचमुखी हनुमान जी की तस्वीर किस दिशा में लगानी चाहिए ?
दक्षिण दिशा.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.