Shiva Pooja Niyam | भगवान शंकर को भोलेनाथ इसलिए कहा जाता है कि भक्त की थोड़ी सी पूजा पाठ से भगवान प्रसन्न होकर भक्त के बिगड़े काम बना दिया करते हैं. धार्मिक मान्यता है कि भक्तिभाव से भोलेनाथ की पूजा करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होने के साथ ही उसको सुख, समृद्धि यश और कीर्ति की प्राप्ति होती हैं. सोमवार का दिन भोलेनाथ को समर्पित है लेकिन भक्त इस दिन के अलावा अन्य दिनों में भी निष्ठापूर्वक भगवान शंकर की पूजा करते हैं. भोलेनाथ की पूजा करते समय शिवलिंग (Shivling) पर जल चढ़ाते समय कुछ नियमों का पालन करना चाहिए जिससे कि भगवान की असीम कृपा मिले.
Shiva Pooja Niyam | शिवलिंग पर जल चढ़ाने के नियम को :-
1) शिवलिंग पर कभी भी पूर्व दिशा की ओर मुख करके जल नही चढ़ना चाहिए क्योंकि मान्यता है कि पूर्व दिशा भगवान भोलेनाथ का मुख्य द्वार होता है और ऐसे में पूर्व दिशा की ओर मुख करके जल चढ़ाने से भगवान के द्वार में रुकावट उत्पन्न होती हैं.
2) धार्मिक मान्यता के अनुसार शिवलिंग पर जल दक्षिण दिशा में खड़े होकर चढ़ना चाहिए क्योंकि माना गया है कि इस दिशा में मुख करके जल चढ़ाने से भोलेनाथ प्रसन्न होकर भक्त की पूजा स्वीकार करके उसको मनोवांछित फल देते हैं.
3) शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय मुख उत्तर और पश्चिम दिशा की ओर नहीं होना चाहिए क्योंकि कहा जाता हैं कि इन दिशाओं में भोलेनाथ का कंधा और पीठ होता है जिसके वजह से इन दिशाओं की ओर मुख करके जल चढ़ाने से पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता.
4) शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय ध्यान रखना चाहिए कि कि जल की धारा धीरे धीरे शिवलिंग पर चढ़ाये जल्दबाजी में जल्दी जल्दी जल ना चढ़ाये और जल चढ़ाते समय ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करते रहना चाहिए.
5) धार्मिक मान्यता है कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद परिक्रमा नहीं करना चाहिए ऐसा करने से पूजा का फल नही मिल पाता है क्योंकि परिक्रमा करने के लिए शिवलिंग पर चढ़ाये जल को लांघना पड़ सकता है जो कि शास्त्रों में मनाही है इसलिए जल चढ़ाने के बाद परिक्रमा नही करना चाहिए.
6) शिवलिंग पर जल हमेशा तांबे या फिर पीतल के पात्र से जल चढ़ना चाहिए वैसे चांदी के पात्र से जल चढ़ना शुभ माना जाता हैं लेकिन कभी भी स्टील और लोहे के पात्र से कभी भी जल नहीं चढ़ना चाहिए क्योंकि इन दोनों पात्रों में शनि और राहु का प्रभाव रहता है जोकि अशुभ फल देता है.
Shiva Pooja Niyam | दिनों के अनुसार भोलेनाथ की पूजा कैसे करें :-
सोमवार के अलावा बाकी दिन भोले नाथ की पूजा इस प्रकार से करें कि भोलेनाथ प्रसन्न होकर वर्षा से रुके कार्य ,शादी ब्याह में अड़चन व आ रही बाधा और गृह क्लेश या कर्ज जैसी परेशानी को दूर करके बना दे सारे बिगड़े काम .
1) सोमवार का दिन :-
भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सोमवार को महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए इससे कई सारे गंभीर बीमारी ,संकट और रुकावटें दूर हो जाती हैं.
2) मंगलवार का दिन :-
मंगलवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भोलेनाथ की कृपा के साथ साथ सारे देवी – देवताओं का आशीर्वाद मिलता है जिससे कार्यों में सफलता मिलता है.
3) बुधवार के दिन :-
शादी ब्याह में अगर अड़चन या फिर बाधा आ रही जो तो बुधवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से ये सारी अड़चनें दूर होती हैं तो वहीं वैवाहिक जीवन जीने वाले लोगों के जिंदगी में सुख और शांति बनी रहती हैं.
4) गुरुवार का दिन :-
धार्मिक मान्यता के अनुसार गुरुवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलने के साथ ही घर में मौजूद बच्चों की एकाग्रता में वृद्धि होती हैं.
5) शुक्रवार का दिन :-
कहा जाता हैं कि अगर कोई हर शुक्रवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ता है तो उसको वैवाहिक जीवन में खुशियां की प्राप्ति होती हैं और इसके अलावा घर में होने वाले क्लेश से भी छुटकारा मिल जाता हैं.
6) शनिवार का दिन :-
शिवपुराण में कहा गया है कि जो भक्त भोलेनाथ को शनिवार के दिन एक लोटा जल चढ़ता है तो उसको अकाल मृत्यु के भय से छुटकारा मिलता है.
7) रविवार का दिन :-
जो भी भक्त रविवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ता है भोलेनाथ उससे बहुत प्रसन्न होते हैं और इसके साथ ही माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होने से घर में धन की कभी कमी नहीं रहती हैं.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
शिवलिंग पर जल किस दिशा में खड़े होकर चढ़ना चाहिए ?
दक्षिण दिशा.
शिवलिंग पर जल किस दिशा की ओर मुख करके नहीं चढ़ना चाहिए ?
पूर्व दिशा.
शिवलिंग पर जल किस पात्र से चढ़ना चाहिए ?
तांबे या पीतल के पात्र.
भोलेनाथ की प्रसन्नता के लिए किस दिन महामृत्युंजय का जाप करना चाहिए ?
सोमवार.
किस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से धन की कमी नहीं आती हैं ?
रविवार
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.