What is the difference between Vijayadashami and Dussehra? हिन्दू पंचाग के अनुसार हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को विजयादशमी व दशहरा मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी दिन माता कात्यायनी दुर्गा माँ ने देवता के अनुरोध पर महिषासुर राक्षस का वध करके विजय को प्राप्त किया था इसी के कारण इस दिन को विजयादशमी कहा जाने लगा क्योंकि देवी माँ का एक नाम विजया भी है और इसी दिन ही भगवान राम ने रावण का वध किया था जिसके कारण दशहरा मनाया जाता हैं. दशहरा को असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में मनाया जाता है.मान्यता के अनुसार दशहरा साल की तीन अत्यंत शुभ तिथियों में से एक हैं.
विजयादशमी और दशहरा यह दोनों ही हिंदुओं का महत्वपूर्ण त्यौहार है वैसे दोनों त्यौहार एक ही दिन होने के कारण इसे एक ही त्यौहार समझा जाता हैं क्योंकि दोंनो ही त्यौहार नौ दिनों तक मनाये जाने के बाद दसवें दिन इनका समापन होता हैं. विजयादशमी और दशहरा एक ही दिन भले ही पड़ते हैं लेकिन दोनों के मनाने का तरीका और दोनों के मनाने का कारण अलग अलग है.
Why is Vijayadashami celebrated? आइए जानते हैं विजयादशमी क्यों मनाया जाता हैं :
विजयादशमी का त्यौहार असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाये जाने वाला दस दिनों तक चलने वाला त्यौहार हैं जिसमें शुरुआत के नौ दिनों तक नवरात्रि और दसवें दिन विजयादशमी कहलाती हैं. पौराणिक कथानुसार एक महिषासुर नाम का असुर राजा था जिसने ब्रह्माजी की कठिन तपस्या से प्रसन्न करके वरदान प्राप्त कर लिया कि कोई भी देवता या फिर दानव उस पर विजय प्राप्त नही कर सकता अपनी इसी वरदान और शक्तियों के बल पर उसने स्वर्ग लोग के देवताओं को परेशान करने लगा और देवताओं को हराकर इंद्रलोक पर अपना अधिकार कर लिया यही नहीं उसने पृथ्वी पर भी उत्पात मचाने लगा.
महिषासुर बहुत ही अत्याचारी असुर राजा था जिसके अत्याचार से लोग त्राहि त्राहि कर रहे थे. इन सभी से मुक्ति पाने के लिए आखिरकार ब्रह्मा, विष्णु और महेश अन्य देवताओं की सहायता से एक शक्ति की रचना किया जिसका नाम देवी दुर्गा पड़ा. सभी देवताओं की शक्तियां देवी दुर्गा में समाहित थी. देवी दुर्गा और महिषासुर असुर के बीच नौ दिन तक लगातार भयंकर युद्ध हुआ और इन नौ दिन के युद्ध के बाद दसवें दिन देवी दुर्गा ने असुर महिषासुर का वध करके संसार को उसके आंतक और अत्याचार से मुक्त कराया था. इसी जीत के कारण हर साल देवी दुर्गा की पूजा करके इस त्यौहार को विजयादशमी के रूप में मनाई जाती हैं.
Why is Dussehra celebrated? आइए अब जानते हैं दशहरा क्यों मनाया जाता हैं :
दशहरा उसी दिन पड़ता है जिस दिन विजयादशमी होता है. दशहरा बुराई पर अच्छाई का प्रतीक त्यौहार हैं मान्यता है कि भगवान राम ने अपने पिता की आज्ञा को मानते हुए चौदह साल का वनवास को स्वीकार किया और वन जाते दौरान उनके साथ उनकी पत्नी सीता और छोटा भाई लक्ष्मण भी गए और वन में एक स्थान पर कुटिया बनाकर रहने लगे और फिर एक दिन लंकापति रावण ने छल से सीता को हरण करके अपने महल में बने हुए अशोक वाटिका में ले गया. राम ने सीता को खोजने में कई लोगों की मदद लिया फिर अंत में हनुमानजी ने सीता माता का पता लगाया और उसके बाद वानर सेना की सहायता से श्रीराम ने समुंद्र पर पूल बनाया और फिर लंका पर आक्रमण कर दिया गया.
नौ दिनों तक भंयकर युद्ध हुआ फिर दशमी तिथि को श्रीराम ने अधर्मी रावण को पराजित करके उनका वध किया.मान्यता है कि इस जीत के कारण से ही हर साल दशहरा मनाया जाता हैं और कई जगह जगह पर रावण, कुम्भकरण और मेघनाथ के विशाल पुतले जलाए जाते हैं.
What is the difference between Vijayadashami and Dussehra? आइए जानते हैं विजयादशमी और दशहरा में क्या अंतर है :
विजयादशमी का त्यौहार पूरे दस दिनों तक मनाये जाने वाला त्यौहार होता है जिसमें शुरुआत के नौ दिनों तक माँ भगवती की पूजा की जाती हैं. कई स्थानों पर दुर्गा माँ की मूर्तियों को रख कर पूजा करने के बाद दसवें दिन इन मूर्तियों को किसी पवित्र नदी में विसर्जित कर दिया जाता हैं. विजयादशमी को शक्ति पूजा भी कहा जाता हैं मान्यता है कि प्रभु श्री राम ने भी रावण का वध करने से पहले शक्ति की पूजा करके उनसे आशीर्वाद भी लिया था.
1) विजयादशमी का त्योहार देवी दुर्गा के द्वारा महिषासुर का वध करने के कारण मनाया जाता हैं लेकिन दशहरा राम के द्वारा रावण का वध करने के कारण मनाया जाता है.
2) विजयादशमी में नौ दिनों तक देवी दुर्गा की जगह जगह मूर्तियां स्थापित करके उपासना आराधना की जाती हैं पर दशहरा में दस दिनों तक रामलीलाएं आयोजित की जाती हैं.
3) विजयादशमी में नौ दिनों तक देवी दुर्गा माँ की पूजा करने के बाद उनकी मूर्तियों को किसी पवित्र नदी में विसर्जित किया जाता हैं बल्कि दशहरा में रावण, कुम्भकरण और मेघनाथ के पुतले का दहन किया जाता हैं.
4) विजयादशमी में देवी दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी, गणेश और कार्तिकेय पूजनीय हैं किंतु दशहरा में राम, लक्ष्मण और हनुमान पूजनीय हैं.
5) विजयादशमी और दशहरा दोनों ही त्यौहार मनाने का उद्देश्य असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
विजयादशमी और दशहरा कब मनाया जाता हैं ?
अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि.
महिषासुर ने किसका कठिन तपस्या करके वरदान प्राप्त किया था ?
ब्रह्माजी.
ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने किस शक्ति की रचना किया था?
देवी दुर्गा.
राम अपने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए कितने साल का वनवास स्वीकार किया ?
चौदह साल
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.