Ganesh Sthapana ke Niyam | हिंदू धर्म में भाद्रपद मास का विशेष महत्व होता है क्योंकि इसी मास में जन्माष्टमी, हरितालिका तीज और गणेश चतुर्थी जैसे त्यौहार मनाए जाते हैं. इन सभी त्यौहारों में गणेश चतुर्थी का त्यौहार ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के देवता भगवान गणेशजी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. मान्यता है कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि में गणेश जी का जन्म हुआ था इसी कारण से इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा करने के साथ ही इसी दिन गणेशजी की घरों दुकानों और पंडालों में गणेशजी की मूर्ति को स्थापित करके व्रत रखा जाता है और इसी दिन से दस दिवसीय गणेशोत्सव की शुरुआत होकर अनंत चतुर्दशी पर गणेशजी की मूर्ति का विसर्जन के साथ ही समाप्त होती हैं माना जाता है कि गणेश चतुर्थी का यह पर्व नई शुरुआत, समृद्धि और बाधाओं को दूर करने का प्रतीक हैं और गणेश जी को अपने घर में आमंत्रित करने से सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा मिलती हैं लेकिन घर में गणेशजी को स्थापित करने के लिए कुछ नियमों का ध्यान रखना चाहिए.
Ganesh Sthapana ke Niyam | जानते हैं गणेशजी को स्थापित करने के नियमों को :
1) सूंड बाईं ओर :
भगवान गणेशजी की उस मूर्ति को घर में स्थापित करें जिनकी सूंड बाईं ओर होनी चाहिए. मान्यता है कि गणेशजी की बाईं तरफ की सूंड सफलता और सकारात्मकता का प्रतिनिधित्व करती हैं.कहा जाता हैं कि बाईं तरफ की सूंड वाली गणेशजी की मूर्ति शुभ होने के साथ गौरी माँ के प्रति उनके प्यार को भी दर्शाती हैं यही कारण है कि कई भक्त अपने घर में माँ गौरी और भगवान गणेश को एक साथ पूजते हैं.
2) उत्तर – पूर्व दिशा :
भगवान गणेश की मूर्ति को घर के उत्तर पूर्व दिशा यानि कि ईशान कोण में स्थापित करना शुभ होता हैं लेकिन अगर इस दिशा में गणेशजी की मूर्ति को स्थापित करने में संभव नही हो तो घर के पूर्व या फिर पश्चिम दिशा में स्थापित कर सकते हैं लेकिन भूलकर भी घर की दक्षिण दिशा में स्थापित नही करें.
3) पीठ नहीं दिखें :
घर मे भगवान गणेश जी की मूर्ति ऐसे स्थापित करनी चाहिए कि गणेशजी की पीठ घर के किसी भी कमरे की तरफ नहीं होनी चाहिए मान्यता है कि भगवान गणेश की पीठ के पीछे दरिद्रता का वास होता है.
4) बैठी हुई मूर्ति :
भगवान गणेशजी की बैठी हुई मूर्ति को घर में स्थापित करनी चाहिए मान्यता है कि बैठी हुई गणेशजी की मूर्ति से घर में हमेशा सुख समृद्धि का निवास होता है इसके साथ ही उस मूर्ति में मूषक हो.
5) शुभ मुहूर्त :
भगवान गणेश जी की मूर्ति को घर में शुभ मुहूर्त में ही स्थापित करें विशेषकर मध्यान्ह काल में किसी मुहूर्त में स्थापित करें और एक मूर्ति को स्थापित करने के बाद वहां से ना ही हटाएं और ना ही हिलाएं , विसर्जन के दौरान ही मूर्ति को हिलाएं.
Ganesh Sthapana ke Niyam | गणेशजी की मूर्ति को स्थापित करने के बाद किन बातों का ध्यान रखना चाहिए :
1) घर में मूर्ति को स्थापित करने के बाद घर में किसी भी तरह का तामसिक भोजन नहीं बनाएं केवल सात्विक भोजन ही बनाएं.
2) घर में मूर्ति को कभी भी अकेला नहीं छोड़े जबकि घर के किसी एक सदस्य को गणेशजी की मूर्ति के साथ रहें.
3) इस पर्व में भगवान गणेश को घर लाना एक मेहमान जैसा है इसलिए गणेशजी की मूर्ति का स्वागत खुशी के साथ करें.
4) जिस स्थान पर भगवान गणेश जी की मूर्ति को स्थापित करने जा रहे तो उस जगह पर किसी प्रकार की अशुद्धि और कचरा नहीं होना चाहिए.
5) विसर्जन के समय मूर्ति को पानी में विसर्जित करने से पहले भगवान गणेश की पूजा और आरती करें.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) घर में किस तरफ गणेशजी की सूंड वाली मूर्ति को स्थापित करना चाहिए ?
बाईं तरफ की सूंड.
2) घर की किस दिशा में गणेश जी की मूर्ति को स्थापित करना चाहिए ?
उत्तर पूर्व दिशा
3) गणेश चतुर्थी का त्योहार कब मनाया जाता हैं ?
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.