Navratri | नवरात्रि में माँ भगवती दुर्गा के नौ स्वरूपों का बहुत महत्व होता है क्योंकि नवरात्र के पूरे नौ दिनों तक माँ दुर्गा के नौ अलग अलग स्वरूपों का पूजन किया जाता हैं. नवरात्रि में भक्त माँ दुर्गा व्रत रखकर माँ की विधिवत आराधना, पूजा पाठ और मंत्रों का जाप करते हैं धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों तक मां भगवती की विशेष पूजा करने से हर प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है और साथ ही दुख – दर्द और कष्टों से भी मुक्ति मिलती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माँ भगवती दुर्गा में नवग्रहों का वास होता हैं इसीलिए नवरात्रि में दुर्गा माँ की पूजा अर्चना करने के अलावा नवग्रहों की शांति पूजन भी आवश्यक होता हैं क्योंकि कुंडली में ग्रहों की स्थिति व्यक्ति को शुभ और अशुभ परिणाम देते हैं और कहा जाता हैं कि नवरात्रि में नवग्रहों की शांति पूजा करने से नवग्रहों की संकटों से छुटकारा मिलती हैं.
Navratri | नवरात्रि में किस दिन करें किस ग्रह की शांति पूजा :
1) प्रथम (पहले) दिन :
नवरात्रि की प्रतिपदा यानी की प्रथम दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा आराधना की जाती है और इस दिन नवग्रह पूजा में मंगल ग्रह की शांति पूजा करनी चाहिए.
2) द्वितीय (दूसरे) दिन :
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की आराधना की जाती है और इस दिन ब्रह्मचारिणी की पूजा के साथ नवग्रह में राहु ग्रह की शांति पूजा करने के साथ ही इस दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और राहु की शांति के लिए इसके बीजमंत्र “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः” मंत्र का रोजाना एक माला जाप करें.
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3) तृतीय (तीसरे ) दिन :
नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के स्वरूप मां चंद्रघंटा की स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है और इस दिन चंद्र ग्रह की शांति की पूजा भी होती है. चंद्र ग्रह की शांति के लिए “ॐ श्रां श्रीं श्रौ सः चन्द्रमसे नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए.
4) चतुर्थी (चौथे) दिन :
नवरात्रि के चौथे दिन मां भगवती के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा माता की आराधना की जाती है और इस दिन शुक्र ग्रह और केतु ग्रह की शांति के लिए माँ कुष्मांडा माता की पूजा किया जाता हैं. नवरात्रि के इस दिन केतु ग्रह के दोष की शांति के लिए “ॐ कें केतवे नमः” मंत्र का जाप करें.
5) पंचम (पांचवे) दिन : –
नवरात्रि के पांचवें दिन माँ भगवती दुर्गा के पांचवें स्वरूप माता स्कंदमाता की पूजा के साथ सूर्य ग्रह की शांति के लिए “ॐ घृणि: सूर्यादित्योम” और “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्यायः नमः” मंत्र का जाप करें.
6) षष्टम (छठवें) दिन : –
नवरात्रि के छठवें दिन बुध ग्रह की शांति के लिए माँ दुर्गा के छठवें स्वरूप माता कात्यायनी की पूजा की जाती हैं इसके साथ ही बुध ग्रह के बीज मंत्र “ॐ ब्रां ब्री ब्रौ सः बुधाय नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए.
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7) सप्तम (सातवें) दिन :
नवरात्रि के सातवें दिन माँ भगवती दुर्गा के सातवें स्वरूप माँ कालरात्रि की पूजा होती हैं इसके साथ ही इस दिन शनि ग्रह की शांति पूजन किया जाता हैं. नवरात्रि के सातवें दिन शनि देव के मंत्र “ॐ प्रां प्रीं प्रौ सः शनैश्चराय नमः” का पूरे श्रद्धा भाव से जाप करें.
8) अष्टम (आठवें) दिन :
नवरात्रि के आठवे दिन माता दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी माता की पूजा आराधना किया जाता हैं. इस दिन बृहस्पति ग्रह की शांति के पूजा करना श्रेष्ठ माना गया है इसके साथ ही इस दिन “ॐ क्लीं बृहस्पतये नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए.
9) नवमी (नौवें ) दिन :
नवरात्रि के महानवमी के दिन देवी दुर्गा के नव्या स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जाती है और इसके साथ ही इस दिन शुक्र ग्रह की पूजा करके शांति पाठ करने से शुक्र दोष भी दूर किया जाता हैं. शुक्र ग्रह की शांति और दोष को दूर करने के लिए “ॐ शुं शुक्राय नमः” मंत्र का जाप नवरात्रि के नवमी तिथि को अवश्य करें.
नवरात्रि के पावन दिनों में नवग्रह की शांति पाठ करने के अलावा धन संपन्नता के लिए नवरात्रि के दौरान गरीबों और जरूरतमंदों को काले तिल का दान जरूर करना चाहिए मान्यता है कि ऐसा करने से मां दुर्गा (Maa Durga) के साथ लक्ष्मी जी की भी प्रसन्नता मिलती है और धन, सुख – संपन्नता का आशीर्वाद भी देती हैं.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
1) नवरात्रि के दूसरे दिन किस ग्रह की शांति का पाठ किया जाता है ?
राहु ग्रह.
2) नवरात्रि के आठवें दिन दुर्गा माता के किस स्वरूप की पूजा किया जाता हैं ?
महागौरी माँ.
3) नवरात्रि के नौवें दिन सिद्धिदात्री माता के साथ किस ग्रह का पाठ किया जाता हैं ?
शुक्र ग्रह.
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