Buddha Purnima 2025 | हिन्दू धर्म में पूर्णिमा तिथि को बहुत पुण्यदायक मानी जाती है और वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के अलावा इसे बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है क्योकि शास्त्रों में उल्लेख हैं कि इसी वैशाख पूर्णिमा तिथि पर ही भगवान बुद्ध का जन्म होने के साथ ही इसी दिन उनको ज्ञान की प्राप्ति और परिनिर्वाण हुआ था यही कारण है कि हिन्दू और बौद्ध दोनों ही धर्म के अनुयायी मनाते हैं. हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने अपना नौवां अवतार बुद्ध के रूप में लिया था इस दिन माँ लक्ष्मी और सत्यनारायण भगवान की पूजा विधि विधान से और रात्रि में चंद्रमा को अर्ध्य देने की परंपरा है. कहा जाता है कि जो कोई वैशाख पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा का पाठ करते हैं या श्रवण करते हैं उनके घर में खुशहाली, सुख समृद्धि और धन का आगमन होने के साथ इससे मानसिक शांति मिलती हैं.
जानते हैं 2025 में कब है बुद्ध पूर्णिमा और क्या है शुभ तिथि व मुहूर्त :
हिंदू पंचांग के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा का पर्व हर साल वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है और इस साल वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होगी 11 मई 2025 दिन रविवार की शाम 08 बजकर 01 मिनट से लेकर 12 मई 2025 दिन सोमवार की रात्रि 10 बजकर 25मिनट तक.
सनातन धर्म उदया तिथि मान्य है इसीलिए बुद्ध पूर्णिमा का पावन पर्व 12 मई 2025 दिन सोमवार को मनाई जाएगी.
बुद्ध पूर्णिमा 2025 की शुभ तिथि व मुहूर्त :
स्नान दान का मुहूर्त : 12 मई 2025 दिन सोमवार की सुबह 04 बजकर 04 मिनट से लेकर सुबह 05 बजकर 26 मिनट तक.
पूजा का शुभ मुहूर्त : 12 मई 2025 दिन सोमवार की सुबह 10 बजकर 35 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक.
चंद्रोदय का मुहूर्त : 12 मई 2025 दिन सोमवार की रात्रि 07 बजकर 12 मिनट पर.
बुद्ध पूर्णिमा क्यों मनाई जाती हैं :
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर ही भगवान बुद्ध का जन्म, सत्य का ज्ञान और महापरिनिर्वाण के आधार पर महत्वपूर्ण मानी गई है. बुद्ध पूर्णिमा का संबंध बुद्ध के साथ सिर्फ जन्म का नहीं बल्कि इसी पूर्णिमा तिथि को कई साल वन में भटकने और कठिन तपस्या करने के बाद उनको बोधगया में बोधि वृक्ष नीचे सत्य का ज्ञान हुआ था इसके साथ ही इसी वैशाख पूर्णिमा के दिन ही कुशीनगर में उनका महापरिनिर्वाण हुआ. हिंदू धर्म की मान्यता है कि बुद्ध भगवान विष्णु के नौवां अवतार हैं जिन्होंने लोगों को साथ और अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया है यही कारण है कि बुद्ध पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध को मानने वाले उनके उपदेश को सुनते हैं और उनके बताए गए मार्ग पर चलने का प्राण भी लेते हैं.
जानते हैं बुद्ध पूर्णिमा के दिन किए उपाय को :
बुद्ध पूर्णिमा के दिन जल से भरे कलश और पकवान को दान करना चाहिए क्योंकि शास्त्रों के अनुसार इनका दान करने से गौदान दान के बराबर पुण्य प्राप्त होता है. कहा जाता है अगर इस दिन घर में सत्यनारायण भगवान की कथा कराया जाए और रात्रि में मां लक्ष्मी को कमल के फूल चढ़ाया जाए तो इससे धन में बढ़ोतरी होती है.
बुद्ध पूर्णिमा के महत्व :
बौद्ध धर्म में बुद्ध पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है यह तिथि का भगवान बुद्ध के जन्म से बहुत ही गहरा संबंध है क्योंकि इसी तिथि पर उनका जन्म हुआ था और इसी तिथि पर वैशाख पूर्णिमा के दिन इनको ज्ञान की प्राप्ति होने के साथ ही इसी वैशाख पूर्णिमा पर ही कुशीनगर में इनका देहांत भी हुआ था यही कारण है कि तिथि भगवान बुद्ध के जीवन, मरण और ज्ञान प्राप्ति से जुड़ी है. मान्यता है कि इस पूर्णिमा के दिन व्रत का विशेष महत्व होता है कहा जाता है कि भगवान कृष्ण के कहने पर सुदामा जी ने भी इस व्रत का पालन किया था इसके प्रभाव से उनके जीवन के सारे दुख दूर हो गए थे इसलिए कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से वैशाख पूर्णिमा का व्रत रखता है तो उसके जीवन में सुख समृद्धि आने के साथ ही आर्थिक स्थिति भी मजबूत बनी रहती हैं. वैशाख पूर्णिमा का व्रत करने वाला जीवन के हर क्षेत्र में सफलता ही नहीं पाता बल्कि यह व्रत अकाल मृत्यु के भय से भी छुटकारा दिलाता है.
उम्मीद है कि आपको वैशाख पूर्णिमा से जुड़ा हुआ यह लेख पसंद आया होगा तो इसे अधिक से अधिक अपने परिजनों को शेयर करें और ऐसे ही पर्व और त्योहार से जुड़े लेख को पढ़ने के लिए जुड़े रहे madhuramhindi.com के साथ.
FAQ – सामान्य प्रश्न
1) हिंदू पंचांग के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा कब मनाई जाती है ?
वैशाख मास की पूर्णिमा.
2) भगवान विष्णु के नौवां अवतार कौन हैं ?
भगवान बुद्ध.
3) भगवान बुद्ध का जन्म मरण और महापरिनिर्वाण का संबंध किस तिथि से है ?
वैशाख पूर्णिमा.
4) इस साल बुद्ध पूर्णिमा कब मनाई जायेगी ?
12 मई 2025 दिन सोमवार.
5) भगवान बुद्ध की मृत्यु किस शहर में हुई हैं ?
कुशीनगर ( उत्तर प्रदेश )
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.