Hanuman Ji | त्रेतायुग के समाप्त के बाद भगवान श्रीराम जो कि भगवान विष्णु के अवतार थे मनुष्य देह को त्याग कर जब वापस बैकुंठ जाने लगे तो हनुमानजी को कलयुग में धर्म की रक्षा के लिए अमरता के वरदान के साथ धरती पर रहने का कहा यही कारण है कि कलियुग के देवता यानि कि कलयुग का जागृत देवता हनुमानजी को माना जाता है. हनुमानजी को चिरंजीवी होने का वरदान प्राप्त है जिससे कि यह अनंत काल तक इस धरती की रक्षा कर सकें और हनुमान जी के कलियुग में होने का रहस्य विष्णु पुराण, रामायण ग्रँथ के साथ कई पुराणों के अलावा कई पौराणिक कथाओं में भी बताए गए हैं.
क्यों हनुमान जी कलियुग के देवता कहलाते हैं :
आईए जानते हैं कलियुग से जुड़े हुए उन रहस्य को की क्यों हनुमान जी को कहा जाता है कलियुग के देवता. Why is Hanuman ji called the god of Kaliyuga?
1) कलियुग में हनुमान जी गंधमादन पर्वत पर निवास करते हैं :
श्रीमद भागवत पुराण के अनुसार कलियुग में हनुमान जी गंधमादन पर्वत पर निवास करते हैं लेकिन इस गंधमादन पर्वत पर पहुँचना हर किसी के बस के बात नहीं है केवल एक मजबूत इच्छाशक्ति वाले भक्त ही हनुमान जी के दर्शन कर सकते हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार कैलाश पर्वत के उत्तर में गंधमादन पर्वत हैं जो कि सुगंधित वनों के लिए जाना जाता हैं. वर्तमान समय में अर्थात कलियुग में गंधमादन पर्वत तिब्बत में स्थित है.
2) कलियुग में हनुमान जी धर्म की स्थापना के समय अच्छे मनुष्यों की रक्षा करेंगे :
पौराणिक कथानुसार जब कलियुग की समाप्त होने पर धर्म की स्थापना हो रही होगी तो समस्त धरती पर अफरा – तफरी का मौहाल होगा. हनुमानजी पापियों के संहार के समय अपने भक्तों की पुकार को सुनेगें और उनकी सहायता करने के साथ धर्म की राह पर चल रहे मनुष्यों को संकट से हनुमान जी उनको निकालकर उनकी रक्षा भी करेंगे.
3) कलियुग में धर्म की रक्षा के लिए हनुमान जी सशरीर धरती पर विराजमान हैं :
हनुमानजी को चिरंजीवी होने का वरदान प्राप्त होने के कारण से यह सशरीर इस धरती पर कलियुग की समाप्ति तक विराजमान रहेंगे क्योंकि धर्म की रक्षा करने का कार्यभार हनुमान जी पर है यही कारण है कि हनुमान जी वेश बदलकर पूरी धरती पर विचरण करते हैं मान्यता है कि हनुमान जी उस स्थान पर अवश्य विराजते हैं जहां रामायण का पाठ हो रहा या फिर भगवान श्रीराम का नाम लिया जा रहा हो.
4) कलियुग में कल्कि अवतार में हनुमान जी सहयोग करेंगे :
कई पुराणों जैसे कि विष्णु पुराण, भविष्य पुराण और कल्कि पुराण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि कलियुग का अंत करने के लिए जब भगवान विष्णु कल्कि अवतार में लेंगे तब इनके सहयोग करने की जिम्मेदारी सात चिरंजीवियों को दिया गया है जो पाप का नाश करने और धर्म की स्थापना करने में भगवान विष्णु का सहयोग करेंगे माना जाता है कि हनुमान जी इन सात चिरंजीवियों में शामिल हैं.
5) कलियुग में हनुमान जी भगवान कल्कि के जन्म के दौरान इनकी रक्षा करेंगे :
पौराणिक कथाओं में उल्लेख किया गया है कि संसार में जब भी किसी पुण्यात्मा का जन्म होता है तब नकारात्मक शक्तियों में भय उत्पन्न हो जाता है और इसी भय के वजह से पुण्यात्मा को बुरी शक्तियां हानि पंहुचाने में लग जाते हैं और तब इस स्थिति से मुक्ति के लिए भगवान विष्णु कल्कि अवतार लेंगे और हनुमान जी उनके चारों ओर एक सुरक्षा कवच का निर्माण करेंगे.
उम्मीद है कि आपको हनुमान जी के रहस्यों से जुड़ा हुआ यह लेख पसंद आया होगा तो इसे अधिक से अधिक अपने परिजनों और दोस्तों के बीच शेयर करें और ऐसे ही धर्म से जुड़े अन्य लेख को पढ़ने के लिए जुड़े रहें madhuramhindi.com के साथ.
FAQ – सामान्य प्रश्न
1) कलियुग में हनुमान जी निवास कहा करते हैं ?
गंधमादन पर्वत.
2) हनुमान जी को क्या वरदान प्राप्त हुआ है ?
चिरजीवी होने का.