Budhwa Mangal 2024 | हिंदू धर्म में बुढ़वा मंगल का बहुत ही विशेष महत्व होता है. हर साल बुढ़वा मंगल ज्येष्ठ माह के पहले मंगलवार को मनाया जाता है और हिन्दू धर्म में ज्येष्ठ माह का बहुत महत्व होता है. इस माह में हनुमानजी की पूजा आराधना का बहुत ही खास महत्व हैं और इस महीने के पहले मंगलवार को बुढ़वा मंगल मनाई जाती हैं. धार्मिक मान्यता हैं कि बुढ़वा मंगल के दिन हनुमान जी के वृद्धि स्वरूप की पूजा की जाती है इसलिए इसे बुढ़वा मंगल कहा जाता है या फिर इसे बड़ा मंगलवार के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि ज्येष्ठ माह के मंगल को हनुमान जी की पूजा अर्चना करने से सभी तरह के दुख और कष्ट दूर होते हैं और घर में सुख समृद्धि का वास होता है.
Budhwa Mangal 2024 Date | आइए जानते हैं कब है बुढ़वा मंगल :
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत होगी 23 मई 2024 दिन गुरुवार की शाम 07 बजकर 23 मिनट से लेकर प्रतिपदा तिथि समाप्त होगी 24 मई दिन शुक्रवार की शाम 07 बजकर 25 मिनट तक.
सनातन धर्म उदय तिथि मान्य है इसलिए ज्येष्ठ माह की शुरुआत होगी 24 मई 2024 दिन शुक्रवार से होगा.
ज्येष्ठ माह में पहला बुढ़वा मंगल 28 मई 2024 को होगी.
Budhwa Mangal ka Mahatv | आइए जानते हैं बुढ़वा मंगल के महत्व को :
ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले मंगल का विशेष महत्व होता है इस दिन हनुमान चालीसा, बजरंग बाण का पाठ करने और सुंदरकांड के पढ़ने से जातकों हनुमान जी की आशीर्वाद और कृपा प्राप्त होती है और अगर कोई मनोकामना पूरी ना हो तो बुढ़वा मंगल के दिन हनुमान जी के मंदिर में चोला चढ़ा दिया जाए तो जितनी भी अधूरी मनोकामना होती है वह पूर्ण होती है और साथ ही पुण्य की भी प्राप्ति होती है.
Budhwa Mangal ke Upay | आइए जानते हैं बुढ़वा मंगल में किए गए उपायों :
1) बुढ़वा मंगल को पीपल के 11 या फिर 21 पत्तों की माला बनाकर हनुमान जी को अर्पित कर दिया जाएं तो आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है और साथ में लाभ की भी प्राप्ति होती हैं.
2) बुढ़वा मंगल के दिन हनुमान चालीसा और हनुमान मंत्र “ॐ हं हनुमंते नमः” का जाप करना चाहिए. कहा जाता हैं कि इससे रोग दोष से मुक्ति मिलती हैं इसके अलावा इस दिन बजरंग बाण और सुंदरकांड का पाठ करने से भक्तों को हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होने के साथ ही सभी मनोकामना पूर्ण होती है.
3) मान्यता है कि बुढ़वा मंगल के दिन हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाना और चमेली के तेल को अर्पित करना बहुत ही शुभ होता है कहा जाता है कि इससे सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है.
4) बुढ़वा मंगलवार के दिन तुलसी के पत्ते पर सिंदूर से श्री राम लिखकर हनुमान जी को चढ़ा दें कहा जाता है ऐसा करने से संकट मोचन बहुत जल्दी प्रसन्न होकर अपने भक्तों की सारी विपदा को दूर कर देते हैं.
5) बुढ़वा मंगलवार के दिन नारियल को लेकर इसे अपने सर से सात बार घुमाकर हनुमान जी के सामने फोड़ दें माना जाता है इससे घर की सारी विपत्तियां दूर हो जाने के साथ ही घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है.
Budhwa Mangal | आइए जानते हैं कि आखिर बूढ़े हनुमानजी की पूजा क्यों होती हैं :
पौराणिक धार्मिक मान्यता के अनुसार बुढ़वा मंगल महाभारत काल और रामायण काल से जुड़ा हुआ है कहा जाता है कि महाभारत काल की कथा के अनुसार भीम को अपने शक्तियों का काफी घमंड हो गया था और भीम के इस घमंड को दूर करने के लिए हनुमान जी ने मंगलवार को बूढ़े बंदर का रूप धारण किया और भीम को हरा दिया था तभी से इस दिन को बूढ़ा मंगल के नाम से मनाया जाने लगा तो वही रामायण काल में एक बार सीता मां को खोजते हुए जब हनुमान जी लंका पहुंचे तो रावण ने बंदर का कर उनका अपमान किया था और रावण के इस घमंड को चकनाचूर करने के लिए और हनुमानजी ने बूढ़े वानर का रूप धारण किया था और अपनी पूछ से लंका को जलाकर लंकापति रावण के घमंड को भी चकनाचूर किया था.
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FAQ – सामान्य प्रश्न
पंचाग के अनुसार किस माह में बुढ़वा मंगल मनाया जाता हैं ?
ज्येष्ठ माह को.
साल 2024 में पहला बुढ़वा मंगल कब है ?
28 मई 2024.
बुढ़वा मंगल को किस भगवान की पूजा आराधना किया जाता है ?
हनुमानजी की.
बुढ़वा मंगल के दिन हनुमानजी के किस मंत्र का जाप करना चाहिए ?
ॐ हं हनुमंते नमः.
अस्वीकरण (Disclaimer) : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना ज़रूरी है कि madhuramhindi.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता हैं.